राजनीति

आरामबाग में PM मोदी बोले- यहां अभिव्यक्ति की आजादी नहीं, ये चुनाव आपके बच्चों के उज्ज्वल भविष्य के लिए अहम

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी- India TV Hindi

Image Source : PTI
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी

Lok Sabha Elections 2024: पश्चिम बंगाल के आरामबाग में चुनावी सभा को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि कुछ दिन पहले ही मैं यहां विकास के उत्सव के लिए आया था। तब रेल, पेट्रोलियम और जल शक्ति इससे जुड़े हजारों करोड़ रुपये के प्रोजेक्ट आप सबको सुपुर्द किए थे। आपके सेवक ने दस वर्ष में आपकी सेवा करने में कोई कसर नहीं छोड़ी है। आज लोकतंत्र के इस महापर्व में मैं फिर से आप सब से आशीवार्द मांगने के लिए आया हूं। उन्होंने कहा कि साथियों 2024 का चुनाव ये बंगाल के विकास के लिए, बंगाल की संस्कृति की रक्षा के लिए और आपके बच्चों के उज्ज्वल भविष्य के लिए बहुत अहम है।

“बंगाली संस्कृति पर एकाधिकार”

पीएम ने कहा, “टीएमसी के लोग समझते हैं कि बंगाली संस्कृति पर उनका एकाधिकार है, लेकिन वास्तविकता ये है कि ये मां काली और मां दुर्गा की भूमि है। यहां लोगों की आस्था पर पहरा लगाया जाता है। यहां राम मंदिर का नाम लेना अपराध हो गया है। टीएमसी की चले तो बाबा तारकेश्वर धाम पर भी ये रोक लगा दे। ये धरती गुरु टैगोर, काजी नजरूल इस्लाम और सत्यजीत रे की धरती है, लेकिन यहां टीएमसी के राज में अभिव्यक्ति की आजादी नहीं है। यहां विपक्ष को, जागरुक नागरिक को और स्वतंत्र आवाज को दबाया जा रहा है।हालत ये है कि कोई हंसी-मजाक का पोस्ट सोशल मीडिया पर कर दे, तो उसको भी धमकाया जाता है।”

“महान विचारों की अनदेखी”

उन्होंने कहा, “ये स्वामी विवेकानंद और सुभाष चंद्र बोस की भूमि है, लेकिन टीएमसी सरकार देश के प्रति उनके विचारों की धज्जियां उड़ा रही है। बंगाल की पहचान राजा राममोहन राय से होती है। टीएमसी का बस चले तो राजा राममोहन राय के नाम से राम भी निकाल दे। यहां महिलाओं की स्थिति लगातार खराब हो रही है। जिस भूमि पर ईश्वरचंद्र विद्यासागर जैसे महान पुरुष रहे हों वहां की शिक्षा व्यवस्था का खस्ताहाल है। यहां शिक्षा भर्ती में घोटाले होते हैं। ये धरती डॉक्टर बी सी राय की है, लेकिन स्वास्थ्य सेवाओं की हालत बदतर है। इसी पावन भूमि ने डॉक्टर श्यामा प्रसाद मुखर्जी जैसे महान सपूत दिए हैं, लेकिन वोट बैंक की राजनीति के आगे उनके महान विचारों की अनदेखी की जा रही है। टीएमसी के व्यवहार, टीएमसी के काम में बंगाल की संस्कृति की एक झलक भी नजर नहीं आती है। वोट बैंक को खुश करने के लिए ये किसी भी हद तक जा सकते हैं। टीएमसी तो घोर एसटी/एससी विरोधी है, घोर महिला विरोधी है। ये अपने एससी/एसटी नेताओं के साथ बहुत बुरा व्यवहार करती है।” 

ये भी पढ़ें- 

Latest India News

Source link

Most Popular

To Top