उद्योग/व्यापार

आखिर क्यों टूटा Zee Entertainment-Sony का विलय सौदा, पब्लिक शेयरहोल्डर्स ने मांगी डिटेल्स

जी एंटरटेनमेंट एंटरप्राइजेज लिमिटेड (Zee Entertainment Enterprises Limited or Zeel) के पब्लिक शेयरहोल्डर्स सोनी पिक्चर्स नेटवर्क इंडिया (वर्तमान नाम Culver Max Entertainment) के साथ विलय समझौता रद्द होने के कारण जानना चाहते हैं। मनीकंट्रोल को सोर्सेज से मिली जानकारी के मुताबिक, पब्लिक शेयरहोल्डर्स के एक वर्ग ने कंपनी को लेटर लिखकर उन घटनाओं का ब्यौरा मांगा है, जिसके कारण सोनी पिक्चर्स नेटवर्क के साथ विलय समझौता टूट गया।

इन शेयरहोल्डर्स में विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक, म्यूचुअल फंड्स और रिटेल इनवेस्टर शामिल हैं। इन्होंने Zee के बोर्ड से सोनी के टर्मिनेशन लेटर का ब्यौरा सार्वजनिक करने को कहा है। Zeel और सोनी पिक्चर्स नेटवर्क इंडिया के बीच 10 अरब डॉलर का विलय सौदा, सोनी की ओर से रद्द किया गया है।

62 पेज का टर्मिनेशन लेटर 

सोनी ने 62 पेज के टर्मिनेशन लेटर में जी एंटरटेनमेंट की ओर से विलय समझौते की शर्तें पूरी न किए जाने के कई उदाहरणों का हवाला दिया है। सोर्सेज का यह भी कहना है कि इसके अलावा शेयरहोल्डर्स ने कंपनी के बोर्ड से यह भी पूछा है कि उसने सोनी के साथ बातचीत की सही तस्वीर क्यों पेश नहीं की।ऐसी कई रिपोर्टें थीं कि दोनों पक्षों के बीच संबंध तनावपूर्ण थे और सोनी की ओर से विलय की समय सीमा बढ़ाने की संभावना नहीं थी, लेकिन जी ने कहा था कि दोनों पक्षों के बीच बातचीत सही रास्ते पर है। विलय रद्द होने से शेयरधारकों को भारी नुकसान हुआ है।

मुकदमेबाजी हुई शुरू

सोनी ने विलय की शर्तों को पूरा करने में जी की विफलता के लिए टर्मिनेशन फीस के रूप में 9 करोड़ डॉलर की मांग करते हुए सिंगापुर इंटरनेशनल आर्बिट्रेशन सेंटर का रुख किया। जी एंटरटेनमेंट ने सोनी के इस दावे का विरोध किया है और सिंगापुर इंटरनेशनल आर्बिट्रेशन सेंटर में उचित कानूनी कार्रवाई शुरू की है। इसके अलावा सौदा रद्द होने के बाद जी एंटरटेनमेंट ने विलय योजना को लागू करने के लिए निर्देश देने की मांग करते हुए NCLT में याचिका दायर की है।

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