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अवरोधों से जूझते सहायता क़ाफ़िले, ग़ाज़ा में गहराता मानवीय संकट

अवरोधों से जूझते सहायता क़ाफ़िले, ग़ाज़ा में गहराता मानवीय संकट

मानवीय सहायता मामलों में संयोजन के लिए यूएन कार्यालय (UNOCHA) ने अपने एक ऐलर्ट में बताया कि ग़ाज़ा पट्टी में 19 लाख लोगों के लिए हालात बहुत ख़राब हैं.

यूएन कार्यालय के अनुसार वादी ग़ाज़ा से पार स्थित इलाक़ों में लड़ाई जारी रहने के कारण स्थानीय आबादी की आवश्यकताओं को पूरा करने में सहायताकर्मी असमर्थ हैं.

“इनमें वो दवाएँ भी हैं, जिनसे एक लाख से अधिक लोगों को 30 दिनों के लिए अहम समर्थन प्राप्त होता. साथ ही विनाशकारी और जीवन को ख़तरे में डालने वाली खाद्य असुरक्षा का सामना कर रहे लोगों के लिए आठ ट्रकों में खाद्य सामग्री है.” 

संयुक्त राष्ट्र एजेंसी के अनुसार, वादी ग़ाज़ा को दक्षिणी हिस्से से अलग-थलग हुए एक महीने से अधिक समय बीत चुका है. इसके मद्देनज़र, ग़ाज़ा पट्टी के उत्तरी इलाक़ों में सुरक्षित, सतत और निर्बाध ढंग से मानवीय सहायता आपूर्ति की अहमियत को रेखांकित किया गया है.

ग़ाज़ा में सुरक्षा हालात, आवश्यक सेवाओं को पहुँचाने का रास्ता, परिवहन बेहद चुनौतीपूर्ण है, विशेष रूप से उत्तरी ग़ाज़ा में स्थित अस्पतालों के लिए.

बताया गया है कि जिन अवरोधों के कारण अतीत में राहत क़ाफ़िलों के मार्ग में मुश्किलें सामने आई थीं, वही अब भी बरक़रार हैं.

इस बीच, यूएन मानवाधिकार उच्चायुक्त वोल्कर टर्क ने गुरूवार को इसराइली अधिकारियों और अन्य देशों के बीच ग़ाज़ा निवासियों को जगह देने के विषय में तथाकथित चर्चा पर क्षोभ प्रकट किया.

उन्होंने कहा कि उच्च-स्तरीय इसराइली अधिकारियों के वक्तव्यों से वह बेहद परेशान है, जिनमें ग़ाज़ा के निवासियों को अन्य देशों में भेजने की योजना का उल्लेख है.

“ग़ाज़ा में 85 फ़ीसदी लोग पहले से ही आन्तरिक रूप से विस्थापित हैं. उनके पास अपने घर लौटने का अधिकार है. अन्तरराष्ट्रीय क़ानून के तहत संरक्षण प्राप्त व्यक्तियों का क़ाबिज़ क्षेत्र के भीतर या उससे बाहर जबरन हस्तांतरण निषिद्ध है.”

अस्पतालों पर बमबारी

ग़ाज़ा के दक्षिण में स्थित अल-अमाल अस्पताल और नज़दीकी इलाक़ों में मंगलवार को बमबारी में पाँच लोगों की मौत हो गई थी. बुधवार को फिर से अनेक बार इन पर गोलाबारी हुई, जिसके बाद हताहतों की संख्या की पुष्टि नहीं हो पाई है.

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने कहा है कि सोमवार से अब तक, मिस्र से रफ़ाह चौकी के ज़रिये 13 ट्रकों में चिकित्सा सामग्री व अन्य आपूर्ति को ग़ाज़ा पहुँचाया गया है.

इस सहायता को नासेर मेडिकल कॉम्पलेक्स और दक्षिणी ग़ाज़ा के तीन अन्य अस्पतालों, अल अक्सा, अल अवदा और योरोपीय ग़ाज़ा अस्पताल में वितरित किया गया है, जोकि एक लाख 42 हज़ार मरीज़ों के लिए पर्याप्त है.

यूएन एजेंसी के अनुसार, ग़ाज़ा मे स्थित 36 अस्पतालों में से केवल 13 में ही आंशिक रूप से कामकाज हो पा रहा है.

वहीं, यूएन मानवीय सहायता एजेंसी ने बताया है कि भोजन, दवाओं और अन्य आपूर्ति के साथ बुधवार को 105 ट्रकों ने रफ़ाह और केरेम शलोम चौकियों के ज़रिये ग़ाज़ा पट्टी में प्रवेश किया.

अति आवश्यक सामग्री की क़िल्लत

यूएन कार्यालय के अपडेट के अनुसार, विस्थापित परिवारों को बुनियादी सामान की ज़रूरत है, मगर बच्चों के कपड़े, सैनिट्री पैड, डाइपर समेत स्थानीय बाज़ारों में ऐसी अनेक वस्तुओं की कमी है.

ग़ाज़ा में लगभग 14 लाख लोगों ने फ़लस्तीनी शरणार्थियों के लिए यूएन एजेंसी (UNRWA) द्वारा संचालित 155 केन्द्रों में शरण ली हुई है.

दक्षिणी छोर पर स्थित रफ़ाह गवर्नरेट में सबसे अधिक विस्थापित हैं, जहाँ क़रीब 10 लाख लोग बेहद कठिन परिस्थितियों में अस्थाई रूप से स्थापित आश्रय स्थलों में रह रहे हैं.  

इस बीच, UNRWA ने जल और साफ़-सफ़ाई व्यवस्था को हुई क्षति और उससे बीमारियों के फैलाव की आशंका के मद्देनज़र, यूनीसेफ़ और यूएन स्वास्थ्य एजेंसी के साथ मिलकर साढ़े नौ लाख से अधिक वैक्सीन की ख़ुराक का प्रबन्ध करने की घोषणा की है. 

इसके ज़रिये, ख़सरा, न्यूमोनिया, पोलियो समेत अन्य बीमारियों की रोकथाम के लिए प्रतिरक्षण अभियान को आगे बढ़ाने में मदद मिलेगी.

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