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अरविंद केजरीवाल के iPhone को खोलने के लिए Apple के पास पहुंची ED, जानिए क्या है इसकी पॉलिसी

केंद्रीय जांच एजेंसी ED ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के आईफोन (iPhone) को अनलॉक करने के लिए एपल (Apple) से मदद मांगी है। कुछ रिपोर्ट्स में दावा किया गया है कि एपल ने इसके लिए मना कर दिया है। एपल ने आईफोन को अनलॉक करने और ईडी को एक्सेस देने से मना कर दिया है। हालांकि सूत्रों का यह भी कहना है कि इस मामले में एपल को अभी तक आधिकारिक तौर पर कोई अनुरोध मिला ही नहीं है। ऐसा पहली बार नहीं है, जब एपल की कानूनी एजेंसियों से भिड़ंत हुई हो। अमेरिकी जांच एजेंसियों तक को यह इनकार कर चुकी है।

कानूनी मामले में क्या है Apple की पॉलिसी

एपल के पॉलिसी की बात करें तो यह अपने लॉक्ड आईओएस डिवाइस का पासकोड मुहैया नहीं कराता है। अमेरिका के बाहर की सरकारों और कानूनी एजेंसियों के लिए एपल ने अपने लीगल प्रोसेस गाइडलाइंस में साफतौर पर कहा है कि यूजर्स के पासकोड का एक्सेस इसके पास भी नहीं होता है। एपल ने इसमें स्पष्ट किया है कि अगर सरकार या कानूनी एजेंसियां मेल के जरिए कोई अनुरोध करती हैं तो वह इस पर काम कर सकती है। इसे lawenforcement@apple.com पर भेजा जा सकता है। हालांकि यह अनुरोध सरकार या कानूनी एजेंसियों के आधिकारिक ईमेल से आनी चाहिए। इन सभी रिक्वेस्ट पर एपल हर पहलू पर गौर करता है और अगर यह स्पष्ट नहीं है, या अनुचित है तो एपल इसे खारिज कर सकता है।

परिवार को मिलता है एक्सेस?

अगर यूजर की मौत हो जाए तो एपल उसके परिवार को एपल आईडी और स्टोर्ड डेटा को डिलीट करने या एक्सेस लेने का विकल्प देती है। हालांकि इसके लिए पहले इसे रीस्टोर करना होगा। एपल डिवाइस को खाली किए बिना इसका पासकोड हटाने में मदद नहीं कर सकती है। सिक्योरिटी के लिहाज से परिवार के सदस्यों को यूजर की आईडी का एक्सेस देने के लिए कानूनी डॉक्यूमेंट्स की जरूरत पड़ती है जैसे कि मृत्यु प्रमाणपत्र और कोर्ट के आदेश की भी जरूरत पड़ सकती है।

पहले भी हो चुकी है कानूनी एजेंसियों से भिड़ंत

ऐसा पहली बार नहीं है कि एपल ने किसी देश की जांच एजेंसी को आईओएस डिवाइस खोलने से इनकार किया हो। करीब 8 साल पहले वर्ष 2016 में फेडरल जज ने 2015 के सैन बर्नार्डिनो हमले के दो संदिग्ध आतंकियों के आईफोन को अनलॉक करने में मदद के लिए कहा था। हालांकि एपल ने एफबीआई की सहायता करने से इनकार कर दिया। अमेरिकी सरकार ने बाद में दावा किया कि वह तीसरे पक्ष की मदद से आईफोन को अनलॉक करने में कामयाब रही और अपना मामला वापस ले लिया। एपल के मालिक टिम कुक ने इसके बाद आतंकवाद के खिलाफ एपल के कड़े रुख को दिखाया लेकिन जांच एजेंसियों की बात मानने के खतरे को लेकर आगाह भी किया कि इससे डेटा सिक्योरिटी और नागरिक स्वतंत्रता को खतरा हो सकता है।

वर्ष 2020 में एपल ने सऊदी वायु सेना के दूसरे लेफ्टिनेंट मोहम्मद सईद अलशमरानी के डिवाइस को अनलॉक करने से इनकार कर दिया। सईद ने पेंसाकोला नेवल एयर स्टेशन पर तीन अमेरिकियों की गोली मारकर हत्या कर दी थी। अमेरिकी अधिकारियों ने इसे आतंकी हमला कहा बताया और एफबीआई ने एपल से डिवाइस को अनलॉक करने और उनकी जांच में सहायता के लिए डेटा साझा करने के लिए कहा था। इस पर एपल ने जांच अधिकारियों को जानकारी प्रदान की, जिसमें iCloud बैकअप से वे क्या प्राप्त कर सकते थे, खाता जानकारी और कई खातों के लिए लेनदेन डेटा शामिल थे।

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