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अमेरिका में टैरिफ बढ़ने के बाद चाइनीज प्रोडक्ट्स के लिए डंपिंग ग्राउंड बन सकता है भारत

अमेरिका में टैरिफ बढ़ने के बाद चाइनीज प्रोडक्ट्स के लिए डंपिंग ग्राउंड बन सकता है भारत

भारत इलेक्ट्रिक व्हीकल (EVs) और बैटरी जैसे चाइनीज प्रोडक्ट्स के लिए डंपिंग ग्राउंड बन सकता है। ग्लोबल ट्रे़ड रिसर्च इनिशिएटिव (GTRI) के मुताबिक, अमेरिका इन प्रोडक्ट्स पर टैरिफ में लगातार बढ़ोतरी कर चीन पर अपनी निर्भरता को कम करने में जुटा है। ट्रेड थिंक टैंक GTRI ने बताया, ‘अमेरिका और यूरोपीय यूनियन, चीन से इलेक्ट्रिक व्हीकल के इंपोर्ट में कटौती कर रहे हैं। अमेरिका द्वारा इलेक्ट्रिक व्हीकल, बैटरियों और कई अन्य टेक्नोलॉजी पर टैरिफ में बढ़ोतरी से चीन इन प्रोडक्ट्स को भारत समेत बाकी मार्केट्स में डंप करने के लिए मजबूर हो जाएगा।’

इस प्राइवेट ट्रेड थिंक टैंक का यह भी कहना है कि हालिया घटनाक्रम की वजह से भारत को सतर्क रहने की जरूरत है, ताकि वह अपने यहां चाइनीज सामानों की डंपिंग को रोक सके। अमेरिका ने चीन के साथ ट्रेड वॉर में बढ़ोतरी के बीच 14 मई को कई चाइनीज प्रोडक्ट्स के टैरिफ में जबरदस्त बढ़ोतरी की है, जिनमें इलेक्ट्रिक व्हीकल बैटरियां, कंप्यूटर चिप्स और मेडिकल प्रोडक्ट्स शामिल हैं।

अमेरिका इस साल इलेक्ट्रिक व्हीकल पर ड्यूटी में चार गुना बढ़ोतरी करेगा, जबकि 2025 तक वह सेमीकंडक्टर के टैरिफ दोगुना बढ़ाकर इसे 50 पर्सेंट करेगा। इस बारे में व्हाइट हाउस की तरफ से जारी बयान में कहा गया है कि ये प्रोडक्ट्स अमेरिकी की आर्थिक सुरक्षा के लिए ऐसे जोखिम बन गए हैं, जिन्हें स्वीकार नहीं किया जा सकता। इसमें कहा गया है, ‘चीन की गलत ट्रे़ड सिस्टम और इससे होने वाले नुकसान की वजह से राष्ट्रपति जो बाइडन ने अपने ट्रेड प्रतिनिधियों को ट्रेड एक्ट 1974 के सेक्शन 301 के तहत टैरिफ में बढ़ोतरी करने का निर्देश दिए हैं, ताकि अमेरिकी वर्कर्स और बिजनेस को चीन के इंपोर्ट से बचाया जा सके।’

GTRI का कहना है कि टैरिफ में प्रस्तावित बढ़ोतरी विश्व व्यापार संगठन (WTO) में अमेरिका की ड्यूटी प्रतिबद्धताओं से ज्यादा है और यह WTO के प्रावधानों का उल्लंघन भी है। हालांकि, अमेरिकी सरकार ने नेशनल सिक्योरिटी क्लॉज का हवाला देकर इस बढ़ोतरी को उचित बताया है। GTRI के फाउंडर अजय श्रीवास्तव का कहना है कि हालांकि चीनी आइटम पर अमेरिका द्वारा ज्यादा ड्यूटी लगाने से फेस मास्क, सिरिंज और नीडल, मेडिकल दस्तानों, नैचुरल ग्रेफाइट आदि चीजों के मामले में भारत के लिए बेहतर मौके बन सकते हैं।

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