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अब दुबई-सिंगापुर में भी करें UPI, आरबीआई के इन 5 फैसलों ने बदली फिनटेक सेक्टर की तस्वीर

फिनटेक (Fintech) आज हमारी रोजमर्रा की जीवन का हिस्सा है। बस दो दशकों में “फाइनेंस” और “टेक्नोलॉजी” के मेल ने पूरी दुनिया को बदल दिया है। फिनटेक सेक्टर में ऐसे कई इनोवोशन हुए, जिसके बिना आज की पीढ़ी की कल्पना नहीं की जा सकती। RBI ने भी अपने फैसलों से फिनटेक के विस्तार में अहम भूमिका निभाई है। इस साल भी RBI ने फिनटेक सेक्टर के लिए कई अहम कदम उठाए हैं। अब जब साल 2023 खत्म होने में बस कुछ दिन बाकी है, ऐसे में आइए फिनटेक सेक्टर में इस साल अहम बदलावों पर एक नजर डालते हैं-

1. डिजिटल लेंडिंग

RBI ने इस साल एक बड़ा कदम उठाते हुए ‘फर्स्ट लॉस डिफॉल्ट गारंटी (FLDG)’ से जुड़ी गाइडलाइंस को मंजूरी दी। इससे आगे चलकर डिजिटल लेंडिंग को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है। रिजर्व बैंक गवर्नर शक्तिकांत दास ने जून में मॉनिटरी पॉलिसी कमेटी की बैठक के बाद कहा था कि सभी पक्ष धारकों के साथ बात करने के बाद और इनोवेशन और सोच समझकर लिए गए जोखिम के बीच संतुलन बनाते हुए डिजिटल लैंडिग में डिफॉल्ट लॉस गारंटी अरेंजमेंट को मंजूरी दे दी गई है।

2. सीमा-पार यूपीआई ट्रांजैक्शन

भारतीय नागिरक विदेशों में भी यूपीआई पेमेंट कर सकें, इसके लिए एनपीसीआई इंटरनेशनल पेमेंट्स लिमिटेड (NPIL) ने भारत के बाहर कई देशों के पेमेंट्स सिस्टम के साथ पार्टनरशिप की है। इसमें सिंगापुर, यूएई, मॉरीशस, नेपाल और भूटान शामिल हैं। इसकी मदद से इन देशों में रहने वाले भारतीय रियल-टाइम में भारत में पैसे भेज सकते हैं। वहीं वहां रहने वाले भारतीय छात्रों या अन्य नागरिकों को भारत में बैठे उनके अभिवाभावक या रिश्तेदार आसानी से पैसे भेज सकेंगे। सीमा-पार यूपीआई पेमेंट से विदेशों में पैसा ट्रांसफर करने में आने वाली लागत के काफी कम होने की उम्मीद है।

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3. सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी

RBI ने अपनी खुद की सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी (CBDC) लॉन्च की है, जिसका नाम ‘ई-रुपया’ रखा गया है। हालांकि इससे सबसे पहले पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर 1 दिसंबर 2022को लॉन्च किया था। इसके साथ ही RBI अब दुनिया के उन गिने-चुने केंद्रीय बैंकों में शामिल हो गया है, जिनके पास डिजिटल करेंसी है। ई-रुपी का डिस्ट्रीब्यूशन बैंकों के जरिए किया जाएगा। आम नागिरक इसे अपने मोबाइल फोन और डिजिटल वॉलेट में रख सकेंगे। डिजिटल वॉलेट से ही इसे किसी दूसरे व्यक्ति या बिजनेस को ट्रांसफर किया जा सकता है।

4. फिनटेक के लिए सीमा-पार ट्रांजैक्शन गाइडलाइंस

केंद्रीय बैंक ने पेमेंट एग्रीगेटर्स के क्रॉस-बार्डर ट्रांजैक्शन को रेगुलेट करने के लिए 2023 में एक गाइडलाइंस जारी की। इसके तहत वस्तुओं और सेवाओं के इंपोर्ट-एक्सपोर्ट जुड़े क्रॉस बॉर्डर पेमेंट ट्रांजैक्शन को रेगुलेट किया जाएगा। RBI ने अपने सर्कुलर में क्रॉस बॉर्डर से पेमेंट की सुविधा में शामिल सभी संस्थाओं को शामिल करने के लिए पेमेंट एग्रीगेटर-क्रॉस बॉर्डर (PA-CB) नाम की एक नई कैटेगरी शुरू की। RBI ने यह कदम देश के फाइनेंशियल सिस्टम की स्थिरता और अखंडता को बनाए रखने के लिए किया है।

5. फिनटेक के रेगुलेशन का फ्रेमवर्क

आरबीआई इन दिनों एक फिनटेक रिपॉजिटरी बनाने में जुटी है, जिसे अप्रैल 2024 में लॉन्च किया जाएगा। आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि हम फिनटेक को इस रिपॉजिटरी में खुद से सभी जरूरी जानकारी मुहैया करने के लिए प्रोत्साहित कर रहे हैं। 23 नवंबर को RBI के डिप्टी गवर्नर एम राजेश्वर राव ने कहा कि फिनटेक इंडस्ट्री में इनोवेशन को बढ़ावा देने के लिए नियमों और नियामकीय ढांचे को फिर से परिभाषित करने के लिए लगातार काम करने की जरूरत है।

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