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अफ़ग़ानिस्तान: विशेष दूतों की दो-दिवसीय बैठक, देश को चुनौतियों से उबारने पर लक्षित

संयुक्त राष्ट्र प्रवक्ता कार्यालय द्वारा मंगलवार को साझा की गई जानकारी के अनुसार, 30 जून से 1 जुलाई तक होने वाली इस बैठक की अध्यक्षता, शान्तिनिर्माण एवं राजनैतिक मामलों की प्रमुख और अवर महासचिव रोज़मैरी डीकार्लो करेंगी.

इस बैठक के दौरान अफ़ग़ानिस्तान के साथ बेहतर समन्वय स्थापित करने और अन्तरराष्ट्रीय सम्पर्क व बातचीत को ढाँचागत ढंग से आगे बढ़ाने पर विचार-विमर्श होगा.

यूएन अवर महासचिव रोज़मैरी डीकार्लो ने 18-21 मई को अफ़ग़ानिस्तान की यात्रा के दौरान, सत्तारूढ़ तालेबान प्रशासन को इस बैठक में हिस्सा लेने के, महासचिव एंतोनियो गुटेरेश की ओर से आमंत्रित किया था.

तालेबान ने इससे पहले आयोजित होने वाली बैठकों में हिस्सा नहीं लेने का निर्णय लिया था.

एक प्रक्रिया का हिस्सा

अवर महासचिव रोज़मैरी डीकार्लो ने बैठक से पहले कहा कि दोहा में होने वाली चर्चा एक प्रक्रिया का हिस्सा हैं, यह केवल एक बार होने वाला आयोजन नहीं है. 

“अन्तत:, इस प्रक्रिया का उद्देश्य एक ऐसा अफ़ग़ानिस्तान तैयार करना है, जो अपने व पड़ोसियों के साथ शान्ति से रहे, अन्तरराष्ट्रीय समुदाय के साथ पूर्ण रूप से एकीकृत हो और मानवाधिकारों समेत अपने अन्तरराष्ट्रीय दायित्वों को निभाएं, विशेष रूप से महिलाओं व लड़कियों के लिए.”

अफ़ग़ानिस्तान की सत्ता पर अगस्त 2021 में तालेबान का वर्चस्व स्थापित होने के बाद से ही देश में एक बड़ा मानवीय संकट उपजा है, विशेष रूप से महिला अधिकारों के लिए. देश की विशाल आबादी मानवीय सहायता पर निर्भर है और लड़कियों व महिलाओं के अधिकारों में भीषण कटौती की गई है.

इससे पहले, मई 2023 और फ़रवरी 2024 में ये बैठकें हुईं थी. क़रीब 30 देशों और अन्तरराष्ट्रीय संस्थाओं को इस चर्चा में हिस्सा लेने के लिए आमंत्रित किया गया है.

यह बैठक अफ़ग़ानिस्तान में सत्तारूढ़ तालेबान प्रशासन और क्षेत्र में स्थित व दुनिया के अन्य देशों से आने वाले अफ़ग़ान दूतों के बीच सीधे तौर पर विचार-विमर्श का एक अवसर होगी. 

मौजूदा चुनौतियों पर चर्चा

नवम्बर 2023 में, अफ़ग़ानिस्तान के साथ सम्पर्क व बातचीत के विषय में एक स्वतंत्र आकलन को सुरक्षा परिषद में पेश किया गया था, जिस पर भी चर्चा होने की उम्मीद है.

इसके बाद, 2 जुलाई को दोहा में यूएन अवर महासचिव डीकार्लो और विशेष दूतों का कार्यक्रम अफ़ग़ान नागरिक समाज के प्रतिनिधियों से मुलाक़ात करने का है, जिनमें मानवाधिकार व महिला अधिकार पैरोकार भी हैं.

अफ़ग़ानिस्तान के लिए यूएन महासचिव की विशेष प्रतिनिधि और यूएन सहायता मिशन की प्रमुख रोज़ा ओटुनबायेवा भी दोहा में आयोजित हो रही बैठक में हिस्सा लेंगी.

रोज़मैरी डीकार्लो ने बताया कि बैठक के दौरान, अफ़ग़ान नागरिकों, पड़ोसी देशों, क्षेत्र और वृहद अन्तरराष्ट्रीय समुदाय के समक्ष विविध प्रकार की चुनौतियों पर बातचीत होगी.

इसके अलावा, सभी अफ़ग़ान नागरिकों को लाभ पहुँचाने के इरादे से, तालेबान प्रशासन के साथ सैद्धान्तिक रूप से सम्पर्क व बातचीत के विकल्पों की तलाश की जाएगी. 

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