पर्यावरण

अफ़ग़ानिस्तान: तार बुनावट कौशल से आर्थिक मज़बूती

अफ़ग़ानिस्तान: तार बुनावट कौशल से आर्थिक मज़बूती

फ़ातिमा और उनके तीन बच्चे, प्राचीन नरीमन क़िले के उभरते खंडहरों के नीचे बसे, चश्मा शिरीन गाँव (जिसका दरी भाषा में अर्थ है “मीठा स्रोत”) में रहते हैं. प्रान्तीय राजधानी काला-ए-नवा से 30 किलोमीटर दूर स्थित इस गाँव के अन्य 250 निवासियों की ही तरह वो भी, अफ़ग़ानिस्तान के एक अल्पसंख्यक समुदाय, सादात जनजाति से हैं.

इन दिनों, जीविकोपार्जन के लिए, फ़ातिमा गेबियन, या पत्थरों के टुकड़ों को, तार की जाली में पिरोने में अपना दिन बिताती है. प्राचीन समय में गाँव में अचानक आने वाली बाढ़ और मिट्टी के कटाव से बचाने के लिए, गेबियन पत्थरों से नदी के किनारों को सुरक्षित किया जाता था. गेबियन को अनियमित वर्षा का पानी इकट्ठा करने और इस बदगीज़ प्रान्त के मशहूर पिस्ता के पेड़ों की सिंचाई के लिए, छोटे बाँध बनाने के लिए भी इस्तेमाल किया जाता है.

फ़ातिमा ने बुनाई का यह आवश्यक कौशल, संयुक्त राष्ट्र के खाद्य और कृषि संगठन (एफ़एओ) की विश्व बैंक द्वारा वित्त पोषित परियोजना के ज़रिए सीखा. यह आपातकालीन खाद्य सुरक्षा परियोजना, अफ़ग़ानिस्तान के लोगों को खाद्य सहायता के अलावा तत्काल एवं आवश्यक आजीविका सहायता तथा स्वास्थ्य सेवाएँ प्रदान करने पर केन्द्रित है.

एफ़एओ का यह कार्यक्रम, एशियाई विकास बैंक व अन्य संसाधन भागीदारों द्वारा वित्त पोषित कार्यक्रमों का एक हिस्सा है, जो दीर्घकालिक पुनर्बहाली एवं सहनसक्षमता-निर्माण के लिए, तात्कालिक जीवनरक्षक तथा आजीविका-सुरक्षा सहायता को परस्पर जोड़ता है.

अपने पति की मृत्यु के बाद फ़ातिमा को कोई काम नहीं मिल पा रहा था, जिससे वह अन्य गाँववालों की सहायता पर निर्भर हो गईं. तार बुनाई के इस नए कौशल के साथ, वह अब अपने परिवार का भरण-पोषण करने में सक्षम हैं.

आर्थिक उन्नति के अवसर

फ़ातिमा को, एक कार दुर्घटना में अपने पति की मौत के बाद, अपने बच्चों का भरण-पोषण करने के लिए संघर्ष करना पड़ रहा था. परिवार की मदद के लिए उनके सबसे बड़े बेटे को स्कूल तक छोड़ना पड़ा. 

वर्षों तक, फ़ातिमा थोड़ा-बहुत काम करके, ज़्यादातर पड़ोसियों की दया और कभी-कभार मानवीय सहायता पर निर्भर रहीं. अगस्त 2021 में राजनैतिक बदलाव के बाद, नक़दी की तंगी से जूझ रही अर्थव्यवस्था में, उनका परिवार अपने बेटे की दिहाड़ी पर और भी अधिक निर्भर हो गया.

जब एफ़एओ ने उनके गाँव में गेबियन बुनाई का प्रशिक्षण शुरू किया, तो फ़ातिमा ने भी उसमें भाग लिया. अब वह घर पर बुनाई का काम करने और एफ़एओ से वित्त पोषण की मदद से, एक निर्माण कम्पनी में काम कर रही हैं, जिससे उनकी आर्थिक स्थिति में बड़ा सकारात्मक अन्तर आया है.

यह आवश्यक कौशल, चरम मौसम से पीड़ित व एक के बाद एक बाढ़ एवं सूखे की घटनाओं से प्रभावित गाँवों के लिए वरदान साबित हुआ है.

पत्थरों की बाँध बनाकर, वर्षा के पानी को इकट्ठा करने की कोशिश की जाती है.

पलायन की रोकथाम

बदगीज़ के बहुत से निवासी इन चरम मौसम की घटनाओं से परेशान होकर, पास के शहर हेरात की ओर पलायन कर गए हैं. अक्टूबर 2023 के विनाशकारी भूकम्प का असर,  बदगीज़ में भी महसूस किया गया, जिससे  चुनौतियों और बढ़ गईं.

फ़ातिमा के लिए, एफ़एओ की परियोजना ने, उनके परिवार को पलायन से बचाकर, अपने गाँव में रहने का अवसर प्रदान किया.

फ़ातिमा कहती हैं, “इस गतिविधि से मुझे जो आमदनी होती है, वह मेरे परिवार की ज़रूरतों को पूरा करती है; साथ ही इस परियोजना के कारण, हमारे समुदाय में पानी और रोज़गार के अवसर मिल रहे हैं, जिससे मेरे बच्चे भी उसी गाँव में अपना भविष्य बनाने के सपने देख सकते हैं, जहाँ वे पैदा हुए थे.”

खेती का समर्थन

गाँव की कृषि अर्थव्यवस्था इसकी जीवन रेखा है, जो सिंचाई पर बहुत अधिक निर्भर करती है. क्षेत्र में यह एफ़एओ के काम की प्राथमिकताओं में से एक है. यह यूएन संगठन स्थानीय समुदायों से विचार-विमर्श करके, उनकी ज़रूरतों को समझकर, बड़ी और छोटी पारम्परिक सिंचाई योजनाओं को सहारा देता है.

इससे समुदाय को निर्वाह खेती से आगे बढ़ने और अपने सब्ज़ी बाग़ीचों में विविधता लाने, फ़सल की पैदावार बढ़ाने व पहले सूखे से नष्ट हुए पिस्ता उत्पादन को दोबारा शुरू करने का अवसर मिलता है. फिर अतिरिक्त बची फ़सल को बाज़ार में बेचना भी सम्भव हुआ है. 

एफ़एओ, गाँव में बुनियादी ढाँचा बनाने में मदद कर रहा है, सिंचाई पर ध्यान केंद्रित कर रहा है जो इसकी कृषि अर्थव्यवस्था के लिए महत्वपूर्ण है.

लेकिन इन गतिविधियों को वास्तव में सफल बनाने के लिए भंडारण एवं खाद्य प्रसंस्करण सुविधाओं से लेकर परिवहन तक, गाँव के बुनियादी ढाँचे को विकसित करने की आवश्यकता होगी.

एफ़एओ आपातकालीन खाद्य सुरक्षा परियोजना के तहत, गाँव के जल संसाधनों की पुनर्बहाली भी की गई है, वहीं पुरुषों और महिलाओं को कुछ अतिरिक्त नक़दी भी प्रदान की गई है. लेकिन ग़रीब और खाद्य असुरक्षित आबादी को अधिक खाद्य असुरक्षा की ओर जाने से रोकने के लिए निरन्तर समर्थन महत्वपूर्ण होगा. 

फ़ातिमा और उनके परिवार के जीवन में सुधार को क़ायम रखने के लिए, देश की अर्थव्यवस्था की रीढ़ कृषि क्षेत्र में, अधिक निवेश की आवश्यकता होगी. 

गेबियन बुनाई में अपने नए अर्जित कौशल से आय के एक स्थिर स्रोत के साथ, फ़ातिमा के हाथों में बुनाई की हर कड़ी एक आत्मविश्वास दर्शाती है. 

अब वह अपने बच्चों को वो शिक्षा देने में सक्षम हैं, जिसके वे हक़दार हैं. जहाँ तक ​​गाँव का सवाल है, उन्हें लगता है कि बाँधों के निर्माण और सिंचाई में निवेश ने समुदाय को पुनर्जीवित कर दिया है.

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