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अप्रैल-दिसंबर में 9.82 लाख करोड़ रुपये रहा फिस्कल डेफिसिट, FY24 में बेहतर नतीजे की उम्मीद

अप्रैल-दिसंबर में केंद्र सरकार का फिस्कल डेफिसिट (fiscal deficit) बढ़कर 9.82 लाख करोड़ रुपये हो गया, जबकि अप्रैल-नवंबर के दौरान यह आंकड़ा 9.07 लाख करोड़ रुपये था। कंट्रोलर जनरल ऑफ एकाउंट्स द्वारा 31 जनवरी को जारी आंकड़ों से यह जानकारी मिली है। मौजूदा फिस्कल ईयर के पहले 9 महीने के फिस्कल डेफिसिट का यह आंकड़ा पूरे साल के इस आंकड़े का 55 पर्सेंट है। केंद्र सरकार ने वित्त वर्ष 2023-24 में फिस्कल डेफिसिट के लिए 17.87 लाख करोड़ रुपये का टारगेट तय किया है।

अप्रैल-दिसंबर 2022 में फिस्कल डेफिसिट 2022-23 के लिए तय टारगेट का 59.8 पर्सेंट था। यह डेटा अंतरिम बजट से ठीक एक दिन पहले जारी किया गया है। वित्त मंत्री (Finance Minister) निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman )1 फरवरी को वित्त वर्ष 2024-25 के लिए अंतरिम बजट पेश करेंगी। बजट में सीतारमण अगले वित्त वर्ष के लिए 5.3 पर्सेंट फिस्कल डेफिसिट का टारगेट तय कर सकती हैं। सरकार का इरादा 2025-26 तक इसे घटाकर 4.5 पर्सेंट करना है।

अर्थशास्त्रियों को उम्मीद है कि केंद्र सरकार मौजूदा वित्त वर्ष में 17.87 लाख करोड़ के फिस्कल डेफिसिट का आंकड़ा पूरा कर लेगी, जबकि जीडीपी ग्रोथ के अनुमानों में मामूली फेरबदल हो सकता है। ICRA की चीफ इकनॉमिस्ट अदिति नायर ने बताया, ‘ICRA के अनुमानों के मुताबिक 2023-24 में फिस्कल डेफिसिट 17.9 लाख के टारगेट से ज्यादा नहीं रहेगा। हालांकि, अगर नॉमिनल जीडीपी बजटीय अनुमानों से ज्यादा रहती है, तो फिस्कल डेफिसिट बढ़कर 6 पर्सेंट तक पहुंच सकती है।’

दिसंबर में फिस्कल डेफिसिट 75,694 करोड़ रुपये रहा, जो दिसंबर 2022 के मुकाबले 5 गुना से भी ज्यादा है। हालांकि, अप्रैल-दिसंबर 2023 की पूरी अवधि की बात करें, तो इस दौरान फिस्कल डेफिसिट में सालाना आधार पर 1 पर्सेंट की गिरावट है। दिसंबर में फिस्कल डेफिसिट बढ़ने की मुख्य वजह कैपिटल एक्सपेंडिचर में जबरदस्त बढ़ोतरी रही। दिसंबर में कैपिटल एक्सपेंडिचर दोगुने से भी ज्यादा बढ़कर 87,985 करोड़ रुपये रहा।

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