पर्यावरण

अधिक जलवायु वित्त पोषण, बयानबाज़ी से निर्णायक कार्रवाई की ओर बढ़ने की दरकार

अधिक जलवायु वित्त पोषण, बयानबाज़ी से निर्णायक कार्रवाई की ओर बढ़ने की दरकार

पश्चिमी प्रशान्त क्षेत्र में स्थित देश पलाउ के राष्ट्रपति सुरन्गेल व्हिप्स ने लघु द्वीपीय विकासशील देशों पर केन्द्रित चौथे अन्तरराष्ट्रीय सम्मेलन (SIDS4) के दौरान एक सत्र को सम्बोधित करते हुए यह कड़ा सन्देश जारी किया है.

SIDS4 सम्मेलन इस सप्ताह कैरीबियाई क्षेत्र में स्थित ऐंटीगुआ एंड बरबूडा में हो रहा है. पलाउ के राष्ट्रपति ने प्रतिनिधियों को कहा कि बयानबाज़ी से आगे बढ़कर अब निर्णायक कार्रवाई की ओर पहुँचने की ज़रूरत है.

इस बीच, जलवायु वित्त पोषण के लिए प्रतिबद्ध दो योरोपीय देशों के प्रतिनिधियों ने बताया कि आर्थिक सहयोग एवं विकास संगठन के अनुसार, विकासशील देशों में जलवायु कार्रवाई के लिए 2022 में 115.9 अरब डॉलर की धनराशि जुटाई गई है, जोकि ठोस प्रगति को दर्शाता है.

वर्ष 2009 में कॉप15 जलवायु सम्मेलन के दौरान, विकासशील जगत में 2020 तक जलवायु कार्रवाई के लिए हर वर्ष 100 अरब डॉलर की धनराशि का लक्ष्य रखा गया था.

दुबई सम्मेलन की नींव पर

दुबई में कॉप28 सम्मेलन में महत्वपूर्ण हानि एवं क्षति कोष को स्थापित किया गया था, जोकि लघु द्वीपीय विकासशील देशों पर चरम जलवायु, बढ़ते समुद्री जलस्तर और तटीय क्षरण के प्रभावों को कम करने पर लक्षित है.  

बुधवार को आयोजित सत्र में दुबई सम्मेलन के इन्हीं संकल्पों की ज़मीन पर आगे बढ़ने पर ध्यान केन्द्रित किया गया. 

पलाउ के राष्ट्रपति व्हिप्स ने कहा कि SIDS देशों के लिए समर्थन बढ़ाना ना केवल उन्हें बचाने के लिए अहम है, बल्कि विश्व में जलवायु चुनौतियों पर पार पाने के लिए भी ज़रूरी है. 

जलवायु कार्रवाई पर जर्मनी की विशेष दूत, जेनिफ़र मोर्गन.

जलवायु कार्रवाई पर जर्मनी की विशेष दूत, जेनिफ़र मोर्गन.

‘सुनते रहना होगा’

जलवायु कार्रवाई पर जर्मनी की विशेष दूत जेनिफ़र मोर्गन ने कॉप28 की ज़मीन पर आगे बढ़ने पर सहमति जताई, जिनमें जीवाश्म ईंधन पर न्यायसंगत ढंग से निर्भरता घटाने, सहनसक्षमता बढ़ाने व अनुकूलन पर बल दिया गया है.

फ़िलहाल, कुल हरित निवेश में से क़रीब 90 फ़ीसदी विकसित देशों व चीन में हो रहा है.

इस वर्ष कॉप29 सम्मेलन अज़रबैजान के बाकू में आयोजित होना है. इसके मद्देनज़र, जर्मन दूत ने एक दूसरे की बात को सुने जाने पर ज़ोर दिया ताकि जलवायु कार्रवाई के लिए पर्याप्त स्तर पर समाधानों की तलाश की जा सके.

सेशेल्स के आर्थिक योजना एवं व्यापार मंत्री नादिर हसन ने कहा कि कॉप28 के दौरान SIDS देशों के लिए एक बड़ा क़दम आगे बढ़ाया गया, मगर ज़मीन पर वादों को अमल में लाना अहम होगा. उनके अनुसार सेशेल्स के तटीय इलाक़ों का बुनियादी ढाँचा समुद्र में समा रहा है और अब खोने के लिए समय नहीं बचा है. 

नादिर हसन ने ध्यान दिलाया कि हानि एवं क्षति कोष के लिए 85 अरब डॉलर, और हरित जलवायु कोष में 12.8 अरब डॉलर की धनराशि का वादा किया गया था, मगर मौजूदा हालात में समुचित कार्रवाई की कमी स्पष्ट रूप से नज़र आती है.   

सेशेल्स के आर्थिक योजना एवं व्यापार मंत्री नादिर हसन.

सेशेल्स के आर्थिक योजना एवं व्यापार मंत्री नादिर हसन.

जलवायु लक्ष्यों पर ज़ोर

जलवायु परिवर्तन मामलों पर यूएन संस्था के कार्यकारी सचिव, साइमन स्टील ने अपने सम्बोधन में कहा कि बयानबाज़ी तो की जाती है, मगर पर्याप्त स्तर पर कार्रवाई की कमी है.

उन्होंने इस क्रम में सहमति पर बल दिया, विशेष रूप से कार्रवाई की भाषा पर, और कहा कि पिछले कुछ वर्षों में इस प्रक्रिया में प्रगति दर्ज की गई है, लेकिन कार्रवाई में हम पीछे छूट रहे हैं.

साइमन स्टील ने कहा कि कॉप28 सम्मेलन में जलवायु कार्रवाई पर प्रगति का जायज़ा लिया गया था. जितनी प्रगति होनी चाहिए, वैसा तो नहीं हुआ है, मगर आने वाली अवधि में आगे बढ़ने के लिए एक रोडमैप तैयार हुआ है.

उन्होंने OECD द्वारा जारी किए गए आँकड़ों का स्वागत किया और कहा कि यह समझने का अवसर है कि SIDS देशों के लिए नवीकरणीय ऊर्जा की दिशा में आगे बढ़ने के क्या मायने हैं.

इसका अर्थ है, आर्थिक मोर्चे पर रूपान्तरकारी बदलाव. जीवाश्म ईंधन पर निर्भरता को दूर करना. ऊर्जा की ऊँची क़ीमतों, जीवन-व्यापन की क़ीमतों में कमी लाना, और यह सब इस क्षेत्र के विकास के लिए अहम है.

ऐंटीगुआ एंड बरबूडा में जौली तट का एक दृश्य.

ऐंटीगुआ एंड बरबूडा में जौली तट का एक दृश्य.

समर्थन का भरोसा

UNFCCC प्रमुख का मानना है कि अगले दो वर्षों में पुख़्ता तौर पर यह समझा जा सकेगा कि दुनिया शब्दों से कार्रवाई की ओर बढ़ रही है या नहीं.

उन्होंने भरोसा दिलाया कि यूएन जलवायु संस्था, जलवायु वित्त पोषण के प्रयासों में सभी SIDS देशों को समर्थन प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है.

इस बीच, संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (UNDP) और वैश्विक पर्यावरणीय सुविधा केन्द्र (GEF) ने जलवायु कार्रवाई को मज़बूती देते हुए, 13.5 करोड़ डॉलर के एक नए कार्यक्रम की घोषणा की है.

इसके ज़रिये, तीन अहम क्षेत्रों में पर्यावरणीय क्षरण से निपटने के लिए प्रकृति-आधारित समाधानों पर बल दिया जाएगा: शहरी विकास, खाद्य उत्पादन, पर्यटन.

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