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अधिक गर्मी का गेहूं की फसल पर असर पड़ने की संभावना नहीं

wheat crop

प्रतिरूप फोटो

ANI

भारत मौसम विज्ञान विभाग के महानिदेशक मृत्युंजय महापात्र ने कहा कि अप्रैल से जून की अवधि के दौरान देश में अत्यधिक गर्मी पड़ेगी जिसका सबसे बुरा प्रभाव मध्य और पश्चिमी प्रायद्वीपीय भागों पर पड़ने की आशंका है। उन्होंने कहा कि हालांकि, मध्य प्रदेश को छोड़कर गेहूं उत्पादक राज्यों के लिए लू की कोई चेतावनी नहीं है।

नयी दिल्ली। मौसम विभाग ने सोमवार को कहा कि अधिकतम तापमान में वृद्धि का गेहूं की तैयार फसल पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के महानिदेशक मृत्युंजय महापात्र ने कहा कि अप्रैल से जून की अवधि के दौरान देश में अत्यधिक गर्मी पड़ेगी जिसका सबसे बुरा प्रभाव मध्य और पश्चिमी प्रायद्वीपीय भागों पर पड़ने की आशंका है। उन्होंने कहा कि हालांकि, मध्य प्रदेश को छोड़कर गेहूं उत्पादक राज्यों के लिए लू की कोई चेतावनी नहीं है। 

महापात्र ने कहा, मध्य प्रदेश में इस समय तापमान 37-40 डिग्री सेल्सियस के आसपास है और अगले सप्ताह इसके 42 डिग्री तक पहुंचने की संभावना है। चूंकि राज्य में गेहूं की कटाई का 90 फीसदी काम पूरा हो चुका है, इसलिए कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। उन्होंने कहा कि अगर तापमान 35 डिग्री सेल्सियस से ऊपर जाता है, तो भी पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश में कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। 

देश में 2022 में लू के शुरुआती असर ने भारत में गेहूं उत्पादन को प्रभावित किया, जिससे दुनिया के दूसरे सबसे बड़े गेहूं उत्पादक देश को निर्यात पर प्रतिबंध लगाना पड़ा था। अगले सप्ताह के दौरान देश के कई हिस्सों में अधिकतम तापमान में धीरे-धीरे 2-3 डिग्री सेल्सियस की वृद्धि की संभावना है।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।



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