मुंबई की एक विशेष अदालत ने केनरा बैंक के साथ 538 करोड़ रुपये धोखाधड़ी के आरोपी जेट एयरवेज के संस्थापक नरेश गोयल को एक निजी अस्पताल में चिकित्सा परीक्षण कराने की बुधवार को अनुमति दे दी।
गोयल (74) ने पिछले हफ्ते विशेष पीएमएलए अदालत का रुख कर कहा था कि उनके डॉक्टरों ने उन्हें एमआरआई, एक्स-रे, सिस्टोस्कोपी, पैनेंडोस्कोपी और कुछ अन्य परीक्षण कराने की सलाह दी है और ये जांचें करानी हैं।
न्यायाधीश एम जी देशपांडे ने मुंबई की आर्थर रोड जेल के अधीक्षक को एक ‘एस्कॉर्ट’ दल की व्यवस्था करने का निर्देश दिया जो उन्हें एक निजी अस्पताल ले जाएगी।
अदालत ने कहा कि गोयल ‘एस्कॉर्ट’ दल पर आने वाले खर्च का वहन करेंगे।
गोयल आर्थर रोड जेल में बंद हैं।
न्यायाधीश ने अपने आदेश में कहा, “ मैंने पहले ही संज्ञान ले लिया है कि आरोपी की उम्र 74 साल है और वह (पिछली सुनवाई के समय) कैसे कांप रहे थे। मैंने यह भी संज्ञान लिया है कि उनकी मौजूदा सेहत ऐसी है कि वह किसी की मदद के बिना अपने आप खड़े होने में भी असमर्थ हैं।”
अदालत ने कहा कि दो निजी डॉक्टरों की राय पर अविश्वास नहीं किया जा सकता और उनके आवेदन के मद्देनजर उन्हें सरकारी जेजे अस्पताल में परीक्षण कराने के लिए नहीं कहा जा सकता है।
गोयल ने शिकायत की थी कि उन्हें जेल अधिकारियों की सुविधा पर ही सरकारी अस्पताल ले जाया जाता है और अस्पताल में अक्सर लंबी कतारें लगी रहती हैं।
न्यायाधीश ने कहा कि अगर आरोपी व्यवसायी को फिर से निजी डॉक्टरों से जांच कराने की अनुमति दी जाती है तो इससे प्रवर्तन निदेशालय पर कोई प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ेगा।
ईडी ने गोयल को धनशोधन रोकथाम कानून (पीएमएलए) के तहत एक सितंबर 2023 को गिरफ्तार किया था।
केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने सरकारी केनरा बैंक के साथ कथित रूप से ऋण धोखाधाड़ी मामले में जेट एयरवेज़, गयोल, उनकी पत्नी अनीता और कंपनी के कुछ पूर्व कर्मचारियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की थी। इसी प्राथमिकी के आधार पर ईडी ने गोयल के विरुद्ध धनशोधन का मामला दर्ज किया है।
एयरलाइन ने बैंक की ओर से स्वीकृत 848.86 करोड़ रुपये की ऋण सुविधा में से 538.62 करोड़ रुपये का भुगतान करने में कथित तौर पर चूक की थी।
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