अजमेर दरगाह के खादिमों ने सूफी फकीर मोइनुद्दीन चिश्ती के लिए कथित तौर पर अपशब्दों का इस्तेमाल करने के लिए हिंदू शक्ति दल की नेता सिमरन गुप्ता के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की मांग की है। खादिमों की संस्था ‘अंजुमन’ के अध्यक्ष सरवर चिश्ती ने अजमेर पुलिस अधीक्षक को पत्र लिखकर गुप्ता की आपत्तिजनक टिप्पणी पर उनकी गिरफ्तारी की मांग की। सरवर चिश्ती ने दावा किया, ‘‘यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण और अपमानजनक है कि हिंदूवादी संगठन ‘हिंदू शक्ति दल’ के सदस्यों ने जानबूझकर सुनियोजित आपराधिक साजिश के तहत अजमेर कलेक्ट्रेट परिसर के भीतर ख्वाजा गरीब नवाज के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणियों से भरा नफरती भाषण दिया।’’
‘आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं की गई तो प्रदर्शन किया जाएगा’
उन्होंने कहा कि आश्चर्यजनक रूप से, संबंधित अधिकारियों ने हिंदू शक्ति दल के सदस्यों के खिलाफ कोई कदम नहीं उठाया और कड़ी कार्रवाई नहीं की। चिश्ती ने कहा, ‘‘चौंकाने वाली बात यह है कि दस्तावेजी और इलेक्ट्रॉनिक सबूतों के साथ हमारी लिखित शिकायत और कई FIR के बावजूद, नफरत फैलाने वाले भाषण को रोकने और सामाजिक सद्भाव और शांति बनाए रखने के लिए पुलिस ने अब तक किसी को भी गिरफ्तार नहीं किया है।’’ उन्होंने कहा कि यदि एक सप्ताह के भीतर कड़ी कानूनी कार्रवाई और आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं की गई तो प्रदर्शन किया जाएगा।
शिव मंदिर को तोड़कर ‘जन्नती दरवाजा’ बनाने का दावा
सर्किल अधिकारी दरगाह गौरी शंकर ने कहा कि लगभग एक सप्ताह पहले दिए गए सिमरन गुप्ता के बयान के संबंध में दो FIR दर्ज की गई हैं और मामले की जांच की जा रही है। गुप्ता ने आपत्तिजनक टिप्पणी करते हुए कहा था कि ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती कथित तौर पर एक ‘‘बलात्कारी’’ और ‘‘आतंकवादी’’ थे और दरगाह का ‘जन्नती दरवाजा’ वास्तव में एक प्राचीन शिव मंदिर को तोड़कर बनाया गया था। गुप्ता ने हाल में जिला प्रशासन को एक ज्ञापन सौंपकर भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) से सर्वे कराने की मांग की थी। (भाषा)