झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, जो प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के अनुसार 30 घंटे से अधिक समय तक “अपताजनक” थे, मंगलवार को रांची पहुंचे। सोरेन, जिन्होंने अपने आधिकारिक आवास पर झामुमो विधायकों से मुलाकात की, कथित भूमि धोखाधड़ी मामले में जांच एजेंसी द्वारा गिरफ्तार किए जाने के कगार पर हैं। ईडी ने कम से कम तीन मनी लॉन्ड्रिंग मामलों की अपनी जांच में कथित तौर पर सोरेन के खिलाफ ठोस सबूत जुटाए हैं, जिससे राज्य में भूमि मामले, अवैध खनन और कोयला खनन शामिल है। वहीं, ईडी ने सोरेन के दिल्ली स्थित आवास की तलाशी के बाद 36 लाख रुपये, एक बीएमडब्ल्यू एसयूवी और कुछ ‘‘आपत्तिजनक’’ दस्तावेज जब्त किए हैं।
धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत दर्ज किए गए बयानों में कथित तौर पर उन लोगों को शामिल किया गया है जिन्होंने सोरेन और उनके करीबी लोगों का नाम लिया है, जिनमें राज्य के उच्च पदस्थ अधिकारी भी शामिल हैं। सूत्रों का कहना है कि ईडी के पास सोरेन को अपराध की कमाई से खरीदी गई बेनामी संपत्तियों से जोड़ने के दस्तावेजी सबूत भी हैं। भूमि मामले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में पूछताछ के लिए ईडी की एक टीम सोमवार को सोरेन के दिल्ली स्थित आधिकारिक आवास पर पहुंची। हालांकि, ईडी सूत्रों के मुताबिक, सोरेन अपने आवास पर मौजूद नहीं थे और कथित तौर पर देर रात किसी अज्ञात स्थान पर चले गए थे।
सोरेन पहले ही नौ समन छोड़ चुके हैं और उन्हें 27 जनवरी को दसवां समन जारी किया गया था। वह 31 जनवरी को रांची में अपने आधिकारिक आवास पर पूछताछ के लिए ईडी के सामने पेश होने के लिए सहमत हो गए हैं। ईडी ने मामले में पहली बार 20 जनवरी को सोरेन का बयान दर्ज किया था, जब उसके जांचकर्ता रांची में उनके आधिकारिक आवास पर गए थे। जांचकर्ताओं द्वारा उनके घर पर बिताए गए लगभग सात घंटों के दौरान पीएमएलए के तहत बयान दर्ज किया गया था। ईडी ने यह स्पष्ट कर दिया है कि यदि सोरेन किसी भी तारीख पर उपस्थित होने में विफल रहते हैं, तो वे उन तक पहुंचने के लिए आगे की कार्रवाई करेंगे।
सूत्रों के अनुसार, पूछताछ वहीं से शुरू होगी जहां से 20 जनवरी को समाप्त हुई थी। सोरेन से लगभग 16-17 प्रश्न पूछे गए थे और उनका बयान धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत लिखित और ऑडियो-वीडियो प्रारूप में दर्ज किया गया। सोरेन से पूछताछ के लिए ईडी सात घंटे तक उनके आवास पर थी। प्रवर्तन निदेशालय की एक टीम झारखंड में कथित भूमि धोखाधड़ी से जुड़े धनशोधन के एक मामले की जांच के संबंध में पूछताछ करने के लिए सोमवार को सोरेन के दक्षिण दिल्ली स्थित 5/1 शांति निकेतन आवास पहुंची थी और वह वहां 13 घंटे से अधिक समय तक रही। इस दौरान उन्होंने परिसर की तलाशी ली। केंद्रीय जांच एजेंसी के अनुसार, यह जांच झारखंड में माफिया द्वारा भूमि के मालिकाना हक को अवैध रूप से बदलने के एक बड़े गिरोह से संबंधित है।
पत्नी को बना सकते हैं सीएम
झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने मंगलवार को सत्तारूढ़ गठबंधन के विधायकों की एक बैठक की अध्यक्षता की, जिसमें वर्तमान राजनीतिक स्थिति और प्रवर्तन निदेशालय द्वारा बुधवार को सीएम से प्रस्तावित पूछताछ के संबंध में रणनीतियों पर चर्चा की गई। सूत्रों की मानें हेमंत सोरेन सीएम पद से इस्तीफा दे सकते हैं और अपनी पत्नी कल्पना के लिए रास्ता साफ कर सकते हैं। बैठक के तुरंत बाद आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन में, झामुमो महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि हेमंत सोरेन न तो अजित पवार हैं, न नीतीश कुमार हैं और न ही हिमंत बिस्वा सरमा हैं जो पाला बदल लेंगे… वह वीर सिबू सोरेन के बेटे हैं जो अपने अधिकार के लिए लड़ेंगे।
मैं आपके दिलों में रहता हूं
हेमंत सोरेन अपने ठिकाने के बारे में कोई जानकारी नहीं होने के बीच मंगलवार को रांची लौटे और कहा कि वह लोगों के दिल में रहते हैं। झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के कार्यकारी अध्यक्ष सोरेन ने पार्टी विधायकों की एक बैठक की अध्यक्षता की। संवाददाताओं ने सोरेन से जब पूछा कि वह कहां थे, तो उन्होंने कहा, ‘‘मैं आपके दिलों में रहता हूं।’’ सोरेन बापू वाटिका में मीडिया से बातचीत कर रहे थे, जहां वह महात्मा गांधी की पुण्यतिथि पर उन्हें श्रद्धांजलि देने गए थे।
भाजपा का वार
झारखंड भाजपा प्रमुख बाबूलाल मरांडी ने कहा कि अगर वह गायब थे तो उन्हें बताना चाहिए कि वह कहां भाग गये थे। इसके साथ ही उन्होंने सवाल किया कि अगर सीएम को पुलिस, सीबीआई, ईडी से डर लगेगा तो वह अफसरों से काम कैसे कराएंगे? अगर ऐसे डरपोक सीएम सत्ता में रहे तो राज्य कहीं का नहीं रहेगा। इसलिए उन्हें इस्तीफा दे देना चाहिए। उन्होंने कहा कि मैं उनकी पार्टी के सदस्यों से भी कहूंगा कि उन्हें हटा दें। भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने कहा कि वर्तमान सूचना के अनुसार विधायक सीता सोरेन जी व विधायक बसंत सोरेन जी ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन जी की पत्नी कल्पना सोरेन जी या अन्य विधायक को मुख्यमंत्री मानने से इंकार कर दिया है। दोनों विधायक राँची में हो रही विधायक दल की बैठक से अनुपस्थित हैं।