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अखिलेश यादव कुछ भी देने की हैसियत में नहीं, जो भी मिला उसे वापस कर दूंगा- स्वामी प्रसाद मौर्या

अखिलेश यादव कुछ भी देने की हैसियत में नहीं, जो भी मिला उसे वापस कर दूंगा- स्वामी प्रसाद मौर्या

Uttar Pradesh- India TV Hindi

Image Source : PTI/FILE
स्वामी प्रसाद मौर्या

लखनऊ: स्वामी प्रसाद मौर्या ने समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव पर करारा हमला बोला है। उन्होंने कहा कि अखिलेश यादव की सरकार ना ही तो केंद्र में है और ना ही प्रदेश में है। उनकी कोई हैसियत नहीं है, जो वो मुझे कुछ दें। मौर्या ने कहा कि अभी तक उनहोंने अगर मुझे कुछ दिया भी होगा तो मैं उसे ससम्मान वापस कर दूंगा।

मेरे लिए पद मायने नहीं रखता- स्वामी प्रसाद

स्वामी प्रसाद मौर्या ने कहा कि मेरी किसी से भी निजी लड़ाई नहीं है। मैं विचारों की लड़ाई लड़ता हूं। मेरे लिए पद मायने नहीं रखता। मैं एसी-एसटी, पिछड़े और महिलाओं, मजदूरों और किसानों के न्याय और अधिकारी की लड़ाई लड़ रहा हूं। मेरे इस अभियान में जब भी कोई हमला करेगा तो मैं वापस उस पर हमला करूंगा। इसलिए अखिलेश यादव की कही हुई बात उन्हीं को मुबारक। उन्होंने कहा कि मैं समाज के लिए काम करता हूं और आगे भी करता रहूंगा। 

‘मैंने का सपा का जनाधार बढ़ाने का काम किया’

वहीं स्वामी प्रसाद मौर्या ने कहा कि मैं जब समाजवादी पार्टी में शामिल हुआ तब से ही उनका जनाधार बढ़ाने का काम किया। इसका प्रमाण 2022 के विधानसभा चुनाव में भी दिखा। सपा को इसका फायदा हुआ और उनके विधायक लगभग दोगुने हो गए। लेकिन पार्टी के कुछ कार्यकर्ता मेरे इस अभियान को विफल करने में जुटे हुए थे। मैंने इस बात की जानकारी अखिलेश यादव क दी। इसके बाद भी उन पर कोई कार्रवाई नहीं हुई। इससे साबित होता है कि अखिलेश यादव का उन नेताओं को समर्थन मिला हुआ था।

स्वामी प्रसाद मौर्य के समर्थन में उतरे राम गोविंद चौधरी

वहीं, स्वामी प्रसाद मौर्य के सपा के राष्ट्रीय महासचिव पद से इस्तीफा देने के एक दिन बाद पार्टी के वरिष्ठ नेता और राष्ट्रीय सचिव राम गोविंद चौधरी ने बुधवार को पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव को पत्र लिखकर उनसे मौर्य का इस्तीफा स्वीकार नहीं करने का अनुरोध करते हुए कहा कि वह आरएसएस और बीजेपी द्वारा फैलाए गए ‘‘जहर’’ का मुकाबला कर रहे थे। चौधरी ने सपा प्रमुख यादव को पत्र में लिखा है, ‘‘आपके यशस्वी नेतृत्व में समाजवादी पार्टी का हर कार्यकर्ता और और नेता साम्प्रदायिकता और पाखंड के इस जहर का असर कम करने के लिए संघर्ष कर रहा है। 

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