पर्यावरण

हॉर्न ऑफ़ अफ़्रीका में विनाश टालने के लिए, सात अरब डॉलर की अपील

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यूएन के शीर्षतम अधिकारी ने न्यूयॉर्क स्थित यूएन मुख्यालय में हॉर्न ऑफ़ अफ़्रीका क्षेत्र के लिए सात अरब डॉलर की सहायता धनराशि जुटाने पर लक्षित एक संकल्प सम्मेलन को सम्बोधित करते हुए यह बात कही है. 

ग़ौरतलब है कि इस क्षेत्र में स्थित इथियोपिया, केनया और सोमालिया में चार करोड़ 30 लाख से अधिक लोग, हालिया इतिहास में सबसे गम्भीर सूखे का सामना कर रहे हैं.

पिछले लगातार पाँच सालों से बारिश का स्तर बहुत ख़राब रहा है.

हिंसक टकराव और असुरक्षा के कारण सामूहिक विस्थापन हुआ है. खाद्य वस्तुओं की आसमान छूती क़ीमतों और सूडान में लड़ाई के कारण परिस्थितियाँ और अधिक जटिल हो गई हैं.

महासचिव गुटेरेश ने कहा, “हमें इस संकट को विनाश में तब्दील होने से रोकने के लिए अभी कार्रवाई करनी होगी.”

“आइए, हम एक साथ मिलकर काम करें – ज़्यादा तात्कालिकता और कहीं अधिक समर्थन के साथ.”

संयुक्त राष्ट्र, इटली, क़तर, ब्रिटेन और अमेरिका ने हॉर्न ऑफ़ अफ़्रीका के तीन प्रभावित देशों के साथ मिलकर, बुधवार को यह संकल्प सम्मेलन आयोजित किया.

यूएन के शीर्षतम अधिकारी ने ध्यान दिलाया कि हाल ही में उनकी केनया और सोमालिया यात्रा के दौरान, उन्होंने प्रत्यक्ष रूप से सूखे के भीषण प्रभावों का अनुभव किया था.

भोजन की तलाश में परिवार

उन्होंने कहा कि उत्तरी केनया में, धरती सूख जाने और मवेशियों की मौत होने से परिवारों को भोजन, जल और आय की तलाश में अपने घर छोड़कर जाने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है.

यूएन प्रमुख ने सोमालिया को बाइडोआ शहर में, सूखे व असुरक्षा के कारण अपनी आजीविकाएँ खो देने वाले परिवारों से मुलाक़ात की. इसी क्षेत्र में चरमपंथी गुट अल-शबाब के विरुद्ध लड़ाई भी लड़ी जा रही है.

“मैं उनके संघर्षों से बहुत भावुक हुआ. और अपने जीवन को फिर से पटरी पर लाने के लिए उनकी सहनसक्षमता, साहस व दृढ़ संकल्प से प्रेरित भी. लेकिन, वे ऐसा अकेले नहीं कर सकते हैं.”

‘समर्थन बढ़ाना होगा’

यूएन प्रमुख ने ज़ोर देकर कहा कि कारगर कार्रवाई के ज़रिए बदलाव लाया ज सकता है.

पिछले वर्ष, दानदाताओं ने दो करोड़ लोगों के लिए जीवनरक्षक सहायता प्रदान करके, अकाल की रोकथाम करने में मदद की थी.

उन्होंने क्षेत्र में मानवीय सहायता योजनाओं के लिए समर्थन बढ़ाने की अपील की है, जिसके लिए फ़िलहाल आवश्यक राशि के 20 प्रतिशत से भी कम का ही प्रबन्ध हो पाया है.

महासचिव ने क्षोभ प्रकट करते हुए कहा कि यह अस्वीकार्य है और तत्काल वित्तीय सहायता के अभाव में, आपात राहत अभियान चरमरा जाएंगे, जिससे लोगों की मौतें होंगी.

जलवायु सुदृढ़ता निर्माण

सोमालिया में पिछले वर्ष गम्भीर सूखे के कारण 40 हज़ार से अधिक लोगों की मौत हुई थी. विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) और संयुक्त राष्ट्र बाल कोष (UNICEF) के अनुसार, इनमें से 50 फ़ीसदी पाँच वर्ष से कम उम्र के बच्चे थे.

हाल के समय में हुई बारिश से स्थानीय लोगों को कुछ राहत मिली है, मगर संवेदनशील हालात का सामना कर रहे समुदाय अब भी एक और कठोर वर्ष से जूझ रहे हैं.

महासचिव ने कहा कि हॉर्न ऑफ़ अफ़्रीका में आम लोग, एक ऐसे जलवायु संकट की क़ीमत चुका रहे हैं, जिसके लिए वे ज़िम्मेदार नहीं हैं.

यूएन प्रमुख के अनुसार, प्रभावित समुदायों के साथ एकजुटता दर्शाई जानी होगी. उन्हें सहायता प्रदान की जानी होगी और भविष्य के लिए आशा बंधानी होगी.

इसका अर्थ है, उनकी जीवनरक्षा के लिए, तत्काल कार्रवाई और जलवायु अनुकूलन व सहनसक्षमता निर्माण के लिए सतत प्रयास.

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