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सीरिया: साझा प्राथमिकताओं को समर्थन देने के लिए, यूएन दूत ने जताई प्रतिबद्धता

सीरिया: साझा प्राथमिकताओं को समर्थन देने के लिए, यूएन दूत ने जताई प्रतिबद्धता

उन्होंने अपनी दमिश्क पहुँचने के बाद सोमवार को कार्यवाहक प्रशासन के प्रमुख अहमद अल-शरा से मुलाक़ात की. विशेष दूत ने कहा कि इसराइल समेत सभी देशों को सीरिया की सम्प्रभुता, एकता, स्वाधीनता और क्षेत्रीय अखंडता का ध्यान रखना होगा.

इसके साथ ही, सीरियाई नागरिकों के नेतृत्व में एक समावेशी व विश्वसनीय राजनैतिक प्रक्रिया को आगे बढ़ाया जाना और देश पर लगी पाबन्दियों के विषय में अन्तरराष्ट्रीय समर्थन ज़रूरी है.

गेयर पैडरसन के अनुसार, सीरिया में संक्रमणकालीन प्रक्रिया और देश के आम नागरिकों की साझा प्राथमिकताओं को समर्थन देने के लिए यूएन प्रतिबद्ध है, सुरक्षा परिषद के प्रस्ताव 2254 की शर्तों के अनुरूप.

विशेष दूत आगामी दिनों में सीरिया में विभिन्न हितधारकों के साथ मिलकर विचार-विमर्श जारी रखेंगे.

दिसम्बर 2024 में, पिछले 14 वर्ष से युद्ध का दंश झेल रहे सीरिया में असद शासन का पतन हो गया था, जिसके बाद आम नागरिकों के पास एक स्थिरता भरे व शान्तिपूर्ण भविष्य की ओर बढ़ने का अवसर है.

हालांकि, इस समय देश एक विशाल मानवीय व आर्थिक संकट से भी जूझ रहा है और आबादी का एक बड़ा हिस्सा मानवीय सहायता पर निर्भर है.

हिंसक घटनाओं से चिन्ता

इस बीच, यूएन मानवतावादी कार्यालय (OCHA) ने सीरिया के पूर्वोत्तर हिस्से में हिंसक टकराव में आई तेज़ी पर चिन्ता व्यक्त की है.

यूएन के साझेदार संगठनों के अनुसार, 16 से 18 जनवरी के दौरान, पूर्वी अलेप्पो के नज़दीक स्थित मेनबिज, आइन अल-अरब समेत अन्य इलाक़ों में गोलाबारी व हमलों में  कम से कम तीन लोगों की जान गई है और 14 अन्य घायल हुए हैं.

मेनबिज के एक बाज़ार में एक कार विस्फोट में कुछ दुकानों के भी क्षतिग्रस्त होने की ख़बर है. इन घटनाओं के कारण लोग अपने घर छोड़कर जान के लिए मजबूर हुए हैं और मानवीय सहायता पहुँचाने में मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है.

इन हालात में तिशरीन बाँध की मरम्मत पर असर पड़ा है, और चार लाख से अधिक लोग अब पिछले छह हफ़्तों से अधिक समय से जल और बिजली की क़िल्लत से पीड़ित हैं.

अल-राक़्का और अल-हसकेह में भी टकराव के कारण बुनियादी प्रतिष्ठानों के प्रभावित होने का समाचार है. पूर्वोत्तर सीरिया के 200 से अधिक आपात केन्द्रों में 24 हज़ार से ज़्यादा विस्थापित बेहद कठिन हालात में गुज़र-बसर कर रहे हैं.

आम नागरिकों की रक्षा

संयुक्त राष्ट्र ने दोहराया है कि सभी पक्षों को अन्तरराष्ट्रीय मानवतावादी क़ानून का निर्वहन करते हुए आम नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करनी होगी.

यूएन प्रवक्ता ने सोमवार को कहा कि आम लोग चाहे अपने घरों में रहें या फिर वे विस्थापित हों, उनकी रक्षा हर हाल में की जानी होगी और उन्हें अति-आवश्यक सामान मुहैया कराया जाना चाहिए.

“सभी पक्षों को सुरक्षित, निर्बाध ढंग से मानवीय सहायता अभियान को संचालित करने में मदद देनी होगी.”

इस बीच, यूएन अपने साझेदार संगठनों के साथ मिलकर, ज़रूरतमन्द आबादी तक भोजन, नक़दी, सर्दी के कपड़े, स्वास्थ्य सामग्री समेत अन्य आवश्यक वस्तुएँ पहुँचाने में जुटा है.

देश भर में 27 नवम्बर से अब तक 32 लाख लोगों को ब्रैड मुहैया कराई गई है जबकि चार लाख को खाद्य सहायता प्रदान की गई है.

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