सीरिया के लिए संयुक्त राष्ट्र के विशेष दूत गेयर ओ पैडरसन ने रविवार को एक वक्तव्य जारी करके कहा कि अलेप्पो प्रान्त में लड़ाई में हुई तेज़ वृद्धि इदलिब और हामा प्रान त के कुछ हिस्सों में फैल गई है और इस लड़ाई ने हालात को अस्थिर और अप्रत्याशित बना दिया है.
पेडरसन ने सीमावर्ती इलाक़ों में तेज़ी से आए बदलाव पर गम्भीर चिंता व्यक्त की है जिसमें सुरक्षा परिषद द्वारा नामित आतंकवादी समूह हयात तहरीर अल-शाम की बढ़त और सरकार के हवाई हमलों में तेज़ी होना शामिल है.
उन्होंने कहा, “लगभग 14 वर्षों से युद्ध और संघर्ष से जूझ रहे देश में, नवीनतम घटनाक्रम आम लोगों के लिए गम्भीर जोखिम उत्पन्न करते हैं और क्षेत्रीय व अन्तरराष्ट्रीय शान्ति और सुरक्षा के लिए इन घटनाक्रमों के, गम्भीर निहितार्थ होते हैं.”
उन्होंने आम लोगों और नागरिक बुनियादी ढाँचे की सुरक्षा किए जाने की तत्काल आवश्यकता पर बल दिया और सभी पक्षों से अन्तरराष्ट्रीय क़ानून को बनाए रखने का आहवान किया.
विशेष दूत ने कहा, “हम इस सीरिया में जो कुछ होता हुआ देख रहे हैं, वह उन स्थिति को स्थापित करने में सामूहिक विफलता का प्रतीक है, जिसकी स्पष्ट रूप से अनेक वर्षों से आवश्यकता है, और वो है – सुरक्षा परिषद के प्रस्ताव 2254 (2015) को लागू करने के लिए एक वास्तविक राजनैतिक प्रक्रिया.”
गहराता मानवीय संकट
इस बीच, सीरिया के लिए संयुक्त राष्ट्र के मानवीय समन्वयक ऐडम अब्देलमौला ने भी अलेप्पो में गम्भीर मानवीय संकट की तरफ़ ध्यान आकर्षित किया है जहाँ 27 नवम्बर से हिंसा में आई तेज़ी ने महिलाओं और बच्चों, विस्थापित परिवारों सहित अनेक लोगों की जान ले ली है और आवश्यक सेवाओं को बाधित किया है.
उन्होंने स्थिति को “दुखद” बताते हुए लड़ाई में शामिल सभी पक्षों से तुरन्त टकराव समाप्त करने और सहायता कर्मियों की सुरक्षा सहित, आम लोगों की सुरक्षा को प्राथमिकता देने का आग्रह किया.
उन्होंने कहा, “सीरिया के लोगों को और अधिक कष्ट नहीं सहना चाहिए तथा हम आग्रह करते हैं कि उन्हें बातचीत का अवसर दिया जाना चाहिए.”
हिंसा के कारण हज़ारों लोगों का पलायन
संयुक्त राष्ट्र के मानवीय सहायता मामलों के समन्वय कार्यालय (OCHA) ने बताया है कि अलेप्पो में हुई हिंसा के कारण हज़ारों लोग पलायन करने को मजबूर हो रहे हैं, जिनमें से बहुत से लोग, सुरक्षित खुले क्षेत्रों में शरण ले रहे हैं.
सरकाब शहर (इदलिब) और अलेप्पो के बीच मुख्य M-5 दमिश्क-अलेप्पो राजमार्ग यातायात के लिए बन्द है.
अलेप्पो शहर में शुक्रवार और शनिवार को करफ़्यू लगा दिया गया था, और विश्वविद्यालयों व स्कूलों सहित सभी सार्वजनिक सुविधाओं को निलम्बित कर दिया गया था.
बताया जाता है कि अस्पताल घायल लोगों से भरे हुए हैं, जबकि बैंकों और स्वचालित टेलर मशीनों (ATM) में नक़दी ख़त्म हो रही है.
ऐडम अब्देलमौला ने कहा, “लड़ाई में यह हालिया वृद्धि ऐसे समय में हो रही है जब अनगिनत लोग, अपने घरों और आजीविका को छोड़कर पलायन करने को मजबूर हैं. जबकि उनमें से बहुत के लोग पहले से ही विस्थापन के आघात को झेल चुके हैं और उन्हें अब एक बार फिर विस्थापित होना पड़ रहा है.
ऐडम अब्देलमौला ने लम्बे समय से चल रहे संकट की गंभीरता रेखांकित करते हुए कहा कि सितम्बर से लेबनान से पाँच लाख से अधिक लोगों के लौटने और शरणार्थियों के आने से पहले, 1.67 करोड़ से अधिक लोगों को पहले से ही मानवीय सहायता की आवश्यकता थी.
उन्होंने कहा, “हिंसा में इस हालिया वृद्धि की चपेट में और भी अधिक लोगों की ज़िन्दगियाँ आ रही हैं, जिन्हें अब तत्काल बचाए जाने की आवश्यकता है.”