विशेष दूत के अनुसार, सीरिया में और अधिक दरारें पैदा होने का जोखिम है, जोकि देश के हित में नहीं है.
“[सीरियाई] क्षेत्र का एक बड़ा हिस्सा ग़ैर-सरकारी तत्वों के क़ब्ज़े में आ गया है, जिनमें आतंकी गुट हयात तहरीर अल-शम और सीरियाई नेशनल आर्मी समेत अन्य हथियारबन्द गुट हैं.”
गेयर पैडरसन ने बताया कि इन गुटों का जिन इलाक़ों पर नियंत्रण है उनकी आबादी कुल 70 लाख है. इनमें सीरिया का दूसरा सबसे बड़ा शहर अलेप्पो भी है, जिसकी जनसंख्या क़रीब 20 लाख है.
उन्होंने कहा कि सीरियाई सुरक्षा बल हमा शहर में फिर से संगठित हो रहे हैं मगर उन पर भीषण दबाव है और विपक्षी सैन्य बल शहर के नज़दीक पहुँच रहे हैं.
दोनों पक्षों की ओर से किए जा रहे हमलों में तेज़ी आई है. सरकार के समर्थन में सुरक्षा बलों ने हवाई हमलों में अस्पतालों समेत नागरिक प्रतिष्ठानों को निशाना बनाया है जबकि आतंकी गुटों ने ड्रोन व रॉकेट हमलों का इस्तेमाल किया है.
विशेष दूत पैडरसन ने कहा कि हिंसक टकराव में आम नागरिक हताहत हुए हैं. उनके अनुसार, पूर्वोत्तर सीरिया में भी तनाव बढ़ा है जहाँ अमेरिका द्वारा समर्थित सीरियाई लोकतांत्रिक बलों ने गाँवों को अपने नियंत्रण में ले लिया है. इस्लामिक स्टेट (दाएश) से ख़तरे की आशंका के मद्देनज़र उनके द्वारा ये क़दम उठाया गया है.
वहीं, इसराइल द्वारा दमिश्क और सीरियाई-लेबनानी सीमा पर हवाई हमले किए जाने की ख़बर है, जिससे क्षेत्र में अस्थिरता बढ़ने का जोखिम है.
विशेष दूत पैडरसन ने दो अहम सन्देश साझा किए. पहला, हिंसक टकराव में तुरन्त कमी लानी होगी और अन्तरराष्ट्रीय मानवतावादी क़ानून के अनुरूप शान्ति स्थापना की कोशिश करनी होगी.
साथ ही, सीरियाई जनता के लिए एक विश्वसनीय राजनैतिक क्षितिज की तलाश की जानी होगी. उन्होंने ध्यान दिलाया कि पिछले पाँच सालों में हिंसा में उतार-चढ़ाव देखने को मिला है, जिसकी एक वजह युद्धविराम के लिए की गई कोशिशें थी.
“मगर, संकट से निपटने के लिए राजनैतिक प्रक्रिया से जुड़े बिना, यह केवल टकराव-प्रबन्धन तक ही सीमित रह गई. और यह पर्याप्त नहीं है.”
इसके मद्देनज़र, उन्होंने सीरिया के विभिन्न धड़ों के साथ मिलकर, एक गम्भीर राजनैतिक प्रक्रिया को आगे बढ़ाए जाने की पैरवी की, जिसके लिए अन्तरराष्ट्रीय समुदाय का समर्थन आवश्यक होगा.
गेयर पैडरसन ने कहा कि सीरिया को विभाजन को बचाने, हालात को बद से बदतर होने से रोकने और विध्वंस टालने के लिए यह अहम है.