यूएन मानवाधिकार कार्यालय (OHCHR) के प्रवक्ता समीन अल-ख़ीतान ने शुक्रवार को जिनीवा में ज़ोर देकर कहा कि “जहाँ तक सीरिया पर लगे प्रतिबन्धों की बात है, तो यह महत्वपूर्ण है कि किसी भी पक्ष द्वारा लगाए गए किसी भी प्रतिबन्ध में, नागरिकों के लिए मानवीय सहायता के महत्व को ध्यान में रखा जाए. इस पर किसी भी तरह से असर नहीं पड़ना चाहिए.”
प्रवक्ता ने कहा कि बशर अल असद की सरकार गिरने के बाद लगभग दो सप्ताहों के दौरान, अब खुली जेलों से सैकड़ों क़ैदियों को निकलते हुए देखा गया है, उनमें से बहुत से लोग सूरज की रौशनी देखने पर प्रसन्नता व्यक्त कर रहे हैं, जबकि अनेक अन्य लोग, वर्षों तक उत्पीड़न और अमानवीय बर्ताव सहन करने के बाद, किसी भी तरह की अभिव्यक्ति नहीं कर पा रहे हैं.
उन्होंने कहा, “बहुत से परिवार अब भी गहरे सदमे में हैं क्योंकि उन्हें अपने प्रियजन अभी नहीं मिले हैं.”
प्रवक्ता ने बताया कि यूएन मानवाधिकार उच्चायुक्त वोल्कर टर्क, मानवाधिकार अधिकारियों का एक दल, अगले सप्ताह सीरिया भेज रहे हैं, जो मानवाधिकार मुद्दों पर संयुक्त राष्ट्र की मौजूदगी को समर्थन देगा.
बड़े पैमाने पर ग़रीबी
इस बीच अन्तरराष्ट्रीय प्रवासन संगठन (IOM) ने बताया है कि वो 2018 से सीरिया में काम करने में असमर्थ है. इस समय 90 प्रतिशत से अधिक सीरियाई लोग ग़रीबी रेखा से नीचे रहते हैं और हाल के सप्ताहों के दौरान, 8 लाख लोग नए विस्थापित हुए हैं. ये हालात, एक बड़े पैमाने पर नई मानवीय आपात स्थिति प्रस्तुत करते हैं.
IOM की मुखिया ऐमी पोप ने शुक्रवार को जिनीवा में पत्रकारों से बातचीत में, सीरिया में चल रही झड़पों के सन्दर्भ में कहा, “सच कहूँ तो, मानवीय ज़रूरतों को पूरा करने में हमें अनेक गम्भीर चुनौतियों का सामना करना पड़ा है, मुख्य रूप से असद सरकार द्वारा लगाए गए अवरोधों के कारण, निरन्तर जारी गृहयुद्ध के कारण भी.”
आईओएम प्रमुख ने कहा कि सीरिया के लिए तत्काल राहत सहायता महत्वपूर्ण है, इसके साथ ही सीरिया में स्थिति को “स्थिर” भी किया जाना होगा.
स्वास्थ्य सेवा संकट में
संयुक्त राष्ट्र के विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने इस बीच, सीरियाई लोगों की ज़रूरतों और “ज़बरदस्त कठिनाइयों” के विशाल स्तर पर गहरी चिन्ताओं को दोहराते हुए, अगले छह महीनों में $5.64 करोड़ की रक़म जुटाने की अपील की है.
सीरिया में WHO की कार्यवाहक प्रतिनिधि डॉक्टर क्रिस्टीना बेथके ने आगाह किया है कि विस्थापित समुदाय, औपचारिक शिविरों और आश्रयों में भीड़भाड़ वाले हालात में रहने को मजबूर हैं, उनके पास खाने के लिए बहुत कम सामान है और वे साँस सम्बन्धी संक्रमण व डायरिया और खुजली सहित अन्य संक्रामक बीमारियों के शिकार हो रहे हैं.
डॉक्टर बेथके ने राजधानी दमिश्क से बात करते हुए, देश के पश्चिमोत्तर में इदलिब में, WHO की एक मूल्यांकन टीम के मिशन के बारे में भी बताया.
उन्होंने “समर्पित सर्जनों से बात की, जिन्होंने पिछले तीन सप्ताहों में इस घटनाक्रम के दौरान दौरान अथक परिश्रम किया है, उन पर अक्सर हमले हुए हैं और उन्हें अपनी जान बचाने के लिए संघर्ष करना पड़ा है. एक सर्जन ने मरीज़ों के शब्दों को बयान करते हुए कहा, ‘अन्ततः अब हम रात को सो पाते हैं, अब बमबारी की चिन्ता नहीं है.’”
WHO की अपील के लिए धन की सहायता, सत्ता परिवर्तन काल के दौरान महत्वपूर्ण स्वास्थ्य सेवाओं को संचालित रखा जा सकेगा. इनमें पश्चिमोत्तर सीरिया में 141 स्वास्थ्य सुविधाएँ शामिल हैं, जो संसाधनों की कमी के कारण “आने वाले सप्ताहों में बन्द होने” के जोखिम का सामना कर रही हैं.
डॉक्टर बेथके ने कहा, “स्वास्थ्य सम्बन्धी बुनियादी ढाँचे पर गम्भीर बोझ है और हमने देखा कि इस वृद्धि के दौरान केवल तीन सप्ताह में, स्वास्थ्य देखभाल सेवाओं पर 36 हमले हुए हैं. देश के आधे से अधिक अस्पताल काम नहीं कर रहे हैं.”