महासचिव गुटेरेश ने गुरूवार को यूएन मुख्यालय में सुरक्षा परिषद कक्ष के बाहर पत्रकारों को जानकारी देते हुए कहा कि सीरिया में गम्भीर और बेहद चिन्ताजनतक हालात हैं.
“मैंने नवीनतम स्थिति पर चर्चा के लिए अभी तुर्कीये के राष्ट्रपति ऐर्दोआन से बात की है.”
“मैंने सभी ज़रूरतमन्द आम नागरिकों के लिए तुरन्त मानवीय सहायता मार्ग मुहैया कराए जाने की आवश्यकता और यूएन के तत्वाधान में राजनैतिक प्रक्रिया की ओर वापसी पर बल दिया है ताकि रक्तपात का अन्त किया जा सके.”
यूएन प्रमुख ने ध्यान दिलाया कि अन्तरराष्ट्रीय क़ानून के अन्तर्गत यह सभी युद्धरत पक्षों का दायित्व है कि आम नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित की जाए.
उन्होंने कहा कि सीरियाई सरकार के नियंत्रण वाले इलाक़ों में हयात तहरीर अल-शम नामक संगठन ने हाल ही में हमले शुरू किए हैं, जिसे सुरक्षा परिषद ने आतंकवादी गुट घोषित किया हुआ है. उसके साथ अनेक अन्य हथियारबन्द गुट भी इन हमलों में हिस्सा ले रहे हैं.
‘सामूहिक विफलता’
इस वजह से लड़ाई के अग्रिम मोर्चों पर बड़े बदलाव आए हैं और हज़ारों आम नागरिकों की ज़िन्दगियों पर एक ऐसे क्षेत्र में जोखिम पनपा है, जोकि पहले से ही युद्ध की आँच में झुलसता रहा है.
यूएन प्रमुख ने क्षोभ जताया कि मौजूदा हालात, टकराव में कमी लाने के लिए अतीत की व्यवस्थाओं के विफल साबित होने का नतीजा हैं. इन व्यवस्थाओं के ज़रिये सुरक्षा परिषद के प्रस्तावों को लागू करने, गम्भीर राजनैतिक प्रक्रिया को आगे बढ़ाने और राष्ट्रव्यापी युद्धविराम की कोशिशें की गई थी.
उन्होंने कहा कि ये व्यवस्थाएँ विफल साबित हुई हैं और अब इन्हें बदला जाना होगा.
महासचिव गुटेरेश के अनुसार, पिछले 14 वर्षों से जारी हिंसक टकराव में यह समय है जब सभी पक्ष, सीरिया के लिए विशेष दूत गेयर पैडरसन के साथ गम्भीरतापूर्वक विचार-विमर्श करें.
सुरक्षा परिषद के प्रस्ताव 2254 (2015) के अनुरूप, सीरिया में संकट को सुलझाने के लिए एक नए, समावेशी और व्यापक दृष्टिकोण को अपनाने के नज़रिये से यह अहम है.
“यह समय गम्भीर सम्वाद का है. दूसरे शब्दों में, सीरिया की सम्प्रभुता, एकता, स्वाधीनता और क्षेत्रीय अखंडता को बहाल करने और सीरियाई जनता की जायज़ आकाँक्षाओं को पूरा करने का.”
पीड़ा का अन्त करना होगा
यूएन प्रमुख ने कहा कि सीरिया, सभ्यताओं का दोराहा रहा है, मगर यह देखना दुखद है कि धीरे-धीरे वह खंडित होने की बढ़ रहा है.
महासचिव ने यूएन शरणार्थी एजेंसी (UNHCR) के उच्चायुक्त के तौर पर अपने कार्यकाल को याद किया, जहाँ उन्होंने सीरियाई जनता की विशाल उदारता को नज़दीक से देखा था, जिन्होंने इराक़ से आने वहाँ शरण लेने वाले अनगिनत शरणार्थियों के लिए अपने दिल व घर खोल दिए थे.
“मेरे लिए उनकी पीड़ा, और साथ ही क्षेत्रीय व अन्तरराष्ट्रीय सुरक्षा के लिए ख़तरों को बढ़ते हुए देखना हृदयविदारक है.”
महासचिव गुटेरेश ने सभी प्रभुत्वशाली देशों से अपील की है कि सीरियाई जनता की लम्बे समय से जारी पीड़ा पर मरहम लगाने के लिए उन्हें अपनी भूमिका निभानी होगी.