सोमवार को तुर्कीये की सीमा के नज़दीक हुए इस विस्फोट में मौसमी कृषि श्रमिकों को ले जा रहे एक वाहन को निशाना बनाया गया. ख़बरों के अनुसार, मृतकों में कम से कम 11 महिलाएँ और तीन बच्चे हैं.
कुछ दिन पहले भी कुछ इसी तरह का हमला हुआ था, जिसमें चार लोग मारे गए थे और नौ अन्य लोग घायल हो गए थे, जिनमें छह बच्चे थे.
ऐसी ख़बरें हैं कि सोमवार को हुआ कार बम विस्फोट, लगभग एक महीने की अवधि में सातवाँ हमला है और यह असद शासन के पतन के बाद सीरिया के अन्दर सबसे घातक हमला है.
यह इलाक़ा, तुर्कीये समर्थित बलों और ज़्यादातर कुर्द लड़ाकों के बीच एक युद्ध का मैदान रहा है. अभी तक किसी भी समूह ने सोमवार के हमले की ज़िम्मेदारी नहीं ली है.
संयुक्त राष्ट्र के प्रवक्ता स्तेफ़ान दुजैरिक ने न्यूयॉर्क में पत्रकारों को जानकारी देते हुए कहा, “हम दोहराते हैं कि सभी पक्षों को आम लोगों की सुरक्षा के लिए अन्तरराष्ट्रीय मानवीय क़ानून के तहत अपने दायित्वों को निभाना चाहिए.”
प्रवक्ता ने कहा, “आम लोगों और सिविल बुनियादी ढाँचे को कभी भी निशाना नहीं बनाया जाना चाहिए.”
हज़ारों लोग विस्थापित
इस बीच, सीरिया के पूर्वोत्तर इलाक़े में, विशेष रूप से पूर्वी अलेप्पो, अल-हसाकेह और अर-रक़्क़ा में युद्धक गतिविधियाँ जारी है, जहाँ 25 हज़ार से अधिक लोग विस्थापित हुए हैं.
संयुक्त राष्ट्र राहत समन्वय कार्यालय – OCHA की तरफ़ से जारी मानवीय स्थिति बुलेटिन के अनुसार, गोलाबारी, हवाई हमले और निरन्तर झड़पों ने समुदायों को तबाह कर दिया है, जिससे घरों, अस्पतालों और आवश्यक बुनियादी ढाँचे का व्यापक विनाश हुआ है.
देश भर में, सार्वजनिक सेवाओं और धन की कमी ने मानवीय सहायता संगठनों के लिए अपना काम करना मुश्किल बना दिया है.
होम्स और हामा में, हर आठ घंटे में केवल 45 से 60 मिनट के लिए बिजली उपलब्ध है, जबकि पश्चिमोत्तर सीरिया में, वर्ष (2025) की शुरुआत से 100 से अधिक स्वास्थ्य सुविधाओं का धन समाप्त हो गया है.
संयुक्त राष्ट्र और उसके साझीदार संगठनों ने, मार्च 2025 तक सीरिया के 67 लाख सबसे कमज़ोर हालात वाले लोगों की सहायता के लिए 1.2 अरब डॉलर की सहायता अपील की है.
मानवीय सहायता प्रयास
संयुक्त राष्ट्र की एजेंसियाँ और साझीदार संगठन, चुनौतियों के बावजूद, यथासम्भव सहायता प्रदान करने और स्थिति की निगरानी करने के अपने प्रयास जारी रखे हुए हैं.
यूएन प्रवक्ता स्तेफ़ान दुजैरिक ने कहा, “2025 में अब तक, हमने सीरिया में 40 सीमा-पार मिशन पूरे किए हैं, जिनमें से ज़्यादातर मिशन, परियोजनाओं की निगरानी और आकलन करने के लिए थे. यह संख्या, पिछले साल इसी समय पूरे किए गए मिशनों की संख्या से लगभग दोगुनी है.”
30 जनवरी को, संयुक्त राष्ट्र की टीमों ने जॉर्डन की सीमा के नज़दीक स्वीदा में भी एक आकलन मिशन चलाया, जो अक्टूबर 2023 के बाद से इस क्षेत्र में संयुक्त राष्ट्र की पहली उपस्थिति थी.
इस यात्रा में पीने के पानी और सिंचाई संसाधनों की गम्भीर कमी का पता चला, जो कई वर्षों के सूखे के कारण और भी बढ़ गई है.

शरणार्थियों की वापसी
इस बीच, संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी एजेंसी – UNHCR द्वारा हाल ही में किए गए सर्वेक्षण में पाया गया कि जॉर्डन, लेबनान, इराक़ और मिस्र में रह रहे सीरियाई शरणार्थियों में से, लगभग 27 प्रतिशत शरणार्थी अगले 12 महीनों के भीतर घर लौटने की योजना बना रहे हैं.
दिसम्बर (2024) में असद शासन के पतन के बाद से, 23 जनवरी तक, 2 लाख 10 हज़ार से अधिक सीरियाई लोग, वापस लौट आए हैं, जिनमें से बहुत से लोगों को, तबाह हो चुकी संपत्ति, बुनियादी ढाँचे की कमी और सुरक्षा चिन्ताओं से सम्बन्धित चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है.
सीरिया के भीतर आन्तरिक रूप से विस्थापित लोग भी घर लौटने लगे हैं, अलबत्ता कम संख्या में.
