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सीरिया: घातक हमले व लड़ाई जारी, स्वास्थ्य देखभाल सेवाओं पर भीषण दबाव

सीरिया: घातक हमले व लड़ाई जारी, स्वास्थ्य देखभाल सेवाओं पर भीषण दबाव

पिछले सप्ताह,आतंकवादी संगठन हयात तहरीर अल-शाम और अन्य गुटों ने सीरिया में अलेप्पो, इदलिब और हमा शहरों का रुख़ किया, जिसके बाद लड़ाई भड़क उठी.

संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार उच्चायुक्त कार्यालय के प्रवक्ता जर्मी लॉरेन्स ने मंगलवार को जिनीवा में पत्रकारों को बताया कि सीरियाई सुरक्षा बलों और आतंकी गुटों के हमलों में आम लोग हताहत हुए हैं. इनमें बड़ी संख्या महिलाओं व बच्चों की है.

“’इस टकराव की वजह से नागरिक प्रतिष्ठान ध्वस्त हो रहे हैं, उन्हें क्षति पहुँच रही है. इनमें स्वास्थ्य केन्द्र, शिक्षण व्यवस्था के लिए इमारतें और खाद्य बाज़ार भी हैं.”

मानवीय सहायता मामलों में समन्वय के लिए यूएन कार्यालय (OCHA) के अनुसार, हिंसा प्रभावित इलाक़ों में हालात तेज़ी से बदल रहे हैं.

यूएन कार्यालय के प्रवक्ता येन्स लार्क ने कहा कि उनके संगठन ने सीरिया के भीतर और सीमाओं से परे तुर्कीये के ग़ाज़ियानतेप में सहायता अभियान के लिए पुख़्ता प्रबन्ध किए हैं.

मगर, फ़िलहाल असुरक्षा की वजह से इन पर विराम लगाने के लिए मजबूर होना पड़ा है. लड़ाई जारी है और कई सड़के बन्द हैं. हालांकि जहाँ सम्भव हो सके वहाँ ज़रूरतमन्दों तक राहत पहुँचाने की कोशिशें की जा रही हैं.

एक अनुमान के अनुसार, सीरिया में क़रीब 1.67 करोड़ लोगों को 2024 की शुरुआत में मानवीय सहायता की आवश्यकता थी.

हवाई हमलों में हताहत नागरिक

यूएन मानवाधिकार कार्यालय के प्रवक्ता ने कहा कि 1 दिसम्बर को हुए एक हमले में 22 आम लोग मारे गए थे, जिनमें तीन महिलाएँ और सात बच्चे भी थे. 40 अन्य घायल हुए थे.

जर्मी लॉरेन्स ने बताया कि सीरियाई सुरक्षा बलों ने इदलिब में अनेक हमले किए जिनमें आम लोग हताहत हुए. इन हमलों में एक स्थानीय बाज़ार और पाँच रिहायशी इलाक़े प्रभावित हुए.

उन्होंने सभी युद्धरत पक्षों से अपील की है कि अन्तरराष्ट्रीय मानवतावादी एवं मानवाधिकार क़ानून के तहत, तयशुदा दायित्वों का पालन किया जाना होगा, और आम लोगों व नागरिक प्रतिष्ठानों की सुरक्षा सुनिश्चित की जानी होगी.

सीरिया पर जाँच आयोग ने भी मंगलवार को अपने एक वक्तव्य में सचेत किया कि अतीत के वर्षों की बर्बरता को दोहराए जाने से बचना होगा, नहीं तो सीरिया फिर से अत्याचारों के एक नए रास्ते की मुड़ सकता है.

स्वास्थ्य सेवाओं पर बोझ

सीरिया में विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की प्रतिनिधि क्रिस्टीना बेथके ने बताया कि अलेप्पो समेत अन्य हिंसा प्रभावित इलाक़ों में स्वास्थ्य सेवाओं व देखभालकर्मियों पर भीषण दबाव है और बड़ी संख्या में ज़ख़्मी लोगों को लाया जा रहा है.

“पिछले चार दिनों में ही हज़ारों घायलों को भर्ती कराया जा चुका है…डॉक्टर और नर्स अपनी व परिवारों की जान पर जोखिम के बावजूद ज़िन्दगियों की रक्षा करने के लिए लगातार काम कर रहे हैं. उन्होंने वहाँ से भागने के बजाय वहीं रुकने का निर्णय लिया है.”

उन्होंने सीरिया की राजधानी दमिश्क से जानकारी देते हुए बताया कि असुरक्षा व पाबन्दियों के कारण क़रीब 65 ग़ैर-सरकारी संगठनों को अलेप्पो और इदलिब में अपनी गतिविधियाँ रोकने के लिए मजबूर होना पड़ा है, जिससे स्वास्थ्य केन्द्रों पर या तो बोझ बढ़ा है या फिर वहाँ सेवाएँ ठप हैं.

चिन्ताजनक स्थिति

सीरिया में स्वास्थ्य व्यवस्था, पिछले 14 वर्षों से जारी हिंसक टकराव के कारण बुरी तरह प्रभावित हुई है. यूएन स्वास्थ्य एजेंसी ने आगाह किया है कि मौजूदा संकट के बीच सार्वजनिक स्वास्थ्य से जुड़ी चिन्ताएँ गहरी हो रही हैं.

जल-जनित बीमारियों के फैलने का जोखिम बढ़ा है और आश्रय स्थलों में भीड़ बढ़ने की वजह से साँस लेने से सम्बन्धी बीमारियों का प्रकोप होने की आशंका है.

2022-2023 में सीरिया में बड़े पैमाने पर हैज़ा फैला था, जिससे अलेप्पो और इदलिब गम्भीर रूप से प्रभावित हुए थे. 2023 में आए भूकम्प के कारण जल व सीवर व्यवस्था पहले से बहुत कमज़ोर है. सीरिया में अनेक परिवारों को बार-बार विस्थापित होने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है.

वहीं, लेबनान में हिंसक टकराव के कारण पिछले दो महीनों में क़रीब पाँच लाख लोगों ने सीरिया में शरण ली है, मगर पश्चिमोत्तर सीरिया में फिर से हिंसा भड़कने के वजह से उन्हें फिर विस्थापन का शिकार होना पड़ा है.

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