यह धनराशि, 4.5 करोड़ से अधिक लोगों को जीवनरक्षक प्रजनन स्वास्थ्य सेवाएँ तथा लिंग-आधारित हिंसा की रोकथाम के लिए ज़रूरी सहायता मुहैया करवाने के लिए उपयोग की जाएगी.
यह अपील उन अनुमानों के बाद की गई है, जिनमें कहा गया है कि 2025 में 1.1 करोड़ लोगों को तात्कालिक सहायता की आवश्यकता पड़ेगी.
रिकॉर्ड स्तर पर विस्थापन एवं विनाश
UNFPA ने याद दिलाया कि इस वर्ष वैश्विक संकट के कारण रिकॉर्ड स्तर पर 12.26 करोड़ लोग विस्थापित हुए हैं. इनमें से आधी संख्या महिलाओं एवं लड़कियों की है, जिनके लिए आपदाओं व जलवायु झटकों के परिणाम अक्सर विनाशकारी साबित होते हैं.
उदाहरण के लिए, गर्भावस्था एवं प्रसव से उनका जीवन ख़तरे में पड़ सकता है, और इन स्थितियों में बलात्कार व अन्य लिंग-आधारित हिंसा में तीव्र वृद्धि हो सकती है.
इसके अलावा, संकट में वृद्धि और बढ़ती हुई ज़रूरतों के लिए वित्तपोषण की कमी से, 34 देशों में आवश्यकताओं व संसाधनों के बीच 75 फ़ीसदी का अन्तर बना हुआ है. इसके परिणामस्वरूप, सैकड़ों महिलाएँ व लड़कियाँ ज़रूरी सेवाओं से वंचित हैं, जिससे अक्सर उनके जीवन के लिए ख़तरनाक या घातक नतीजे सामने आते हैं.
महिलाओं व लड़कियों में निवेश ज़रूरी
यूएनएफ़पीए की कार्यकारी निदेशक, डॉक्टर नतालिया कनेम ने कहा, “फण्डिंग की इस अपील के ज़रिए, हम अन्तरराष्ट्रीय समुदाय से संकट में फँसी महिलाओं व लड़कियों के स्वास्थ्य एवं गरिमा में निवेश करने और भय व हिंसा से मुक्त भविष्य का निर्माण करने का आहवान कर रहे हैं.
2025 में यूएनएफ़पीए का मक़सद, दो प्रमुख प्राथमिकताओं पर काम करना होगा – स्थानीय एवं राष्ट्रीय प्रतिक्रियाओं को मज़बूत करना और आपातकालीन तैयारियों में वृद्धि, साथ ही, स्थानीय महिला नेतृत्व वाले संगठनों के लिए मानवीय वित्तपोषण का हिस्सा 35 प्रतिशत से बढ़ाकर 43 प्रतिशत करना.
इन क़दमों से विभिन्न वैश्विक केन्द्रों में, ज़रूरी आपूर्ति का समय-पूर्व भण्डारण या विस्तार करके, प्रारम्भिक कार्रवाई क्षमता बढ़ाने में मदद मिलेगी. इससे संकट उत्पन्न होने पर बिना देरी, प्रभावी कार्रवाई सुनिश्चित की जा सकेगी.
पहुँच में बाधाओं और वित्तपोषण सम्बन्धी चुनौतियों के बावजूद, 2024 में UNFPA 1 करोड़ से अधिक लोगों को प्रजनन स्वास्थ्य सुविधाएँ उपलब्ध करवाने में सफल रही है. इसके अलावा एजेंसी ने, 59 संकट-प्रभावित देशों के 36 लाख लोगों को लिंग-आधारित हिंसा की रोकथाम व कार्रवाई सेवाओं के लिए आवश्यक समर्थन भी प्रदान किया है.
यूएन एजेंसी ने मानवीय ज़रूरतों वाले इलाक़ों में, हज़ारों दाईयों व चिकित्सा टीमों का एक विशाल नेटवर्क तैनात किया है. साथ ही, 3500 स्वास्थ्य सुविधाओं को जीवनरक्षक उपकरणों से लैस किया है और महिलाओं व लड़कियों के लिए 1600 सुरक्षित स्थान स्थापित किए हैं.