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वैश्विक सभ्यताओं का गठबन्धन क्या है और वो इस समय क्यों महत्वपूर्ण हो गया है?

वैश्विक सभ्यताओं का गठबन्धन क्या है और वो इस समय क्यों महत्वपूर्ण हो गया है?

इस बारे में विस्तार से जानकारी यहाँ दी जा रही है:

मानवता के लिए गठबन्धन

बरसों से यूएन वैश्विक सभ्यताओं के गठबन्धन का यही सिद्धान्त रहा है: अनगिनत संस्कृतियाँ, एक मानवता. इस सिद्धान्त के आधार पर, साँस्कृतिक विविधता, धार्मिक बहुलवाद व पारस्परिक सम्मान को अपनाने व प्रोत्साहन देने के लिए, तत्कालीन यूएन महासचिव, कोफ़ी अन्नान ने 2005 में इसकी आधारशिला रखी थी. 

लगभग दो दशकों से,  वैश्विक सभ्यताओं का गठबन्धन (UN Alliance of Civilizations) इस सिद्धान्त पर पूर्ण रूप से अमल करता रहा है. इस गठबन्धन से इसराइली और फ़लस्तीनी संगीतकारों का एक समूह जुड़ा है, जो शरणार्थियों को निशाना बनाती नफ़रत से निपटने के लिए करने के लिए संगोष्ठियों का आयोजन करते हैं, और दुनिया भर में अन्तर-धार्मिक सम्वादों में शामिल होने जैसी गतिविधियों में भाग लेते हैं. 

इसके तहत, विश्वभर में व्याप्त, विभाजन को पाटने, मतभेदों को दूर करने तथा स्थानीय व वैश्विक स्तर पर कूटनीति के ज़रिए, अधिक शान्तिपूर्ण, समावेशी भविष्य को आकार देने में मदद की जाती है.

यही वो मूल्य हैं, जो सितम्बर में न्यूयॉर्क में आयोजित भविष्य के शिखर सम्मेलन में अपनाए गए, भविष्य के लिए समझौते का भी हिस्सा बने हैं, और सतत विकास के 2030 एजेंडा के 17 लक्ष्यों में निहित हैं.

संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुटेरेश का कहना है, “यह गठबन्धन केवल एक ‘अच्छा महसूस करने के लिए’ की गई  पहल नहीं है. यह शान्ति, सुरक्षा, सतत विकास और जैसे विश्व का हम निर्माण करना चाहते है, उसकी स्थापना का मूल आधार है.”

गठबन्धन के बारे में और जानकारी के लिए नीचे दिया गया वीडियो देखें:

कृत्रिम बुद्धिमत्ता से खेल-कूद तक

वैश्विक सभ्यताओं का यह गठबन्धन, वैश्विक स्तर पर ऐसे कार्यक्रम आयोजित करता है जो एक सुरक्षित सभा स्थल के रूप में काम करते हैं. पिछले कुछ वर्षों में 130 से अधिक देशों के हज़ारों प्रतिनिधि, इन आयोजनों में नवीनतम चुनौतियों पर चर्चा करने के लिए एकत्रित हुए है और भविष्य के लिए समाधानों पर सहमति बनाने में सफल हुए हैं. 

जब नागरिक समाज और सरकारों के प्रतिभागी एक साथ मिलकर, अशान्ति के इस दौर में परस्पर साझा मूल्यों का जश्न मनाते हैं, तो लोगों के दिलों में उम्मीद की किरण जगती है.

पुर्तगाल के कास्केस शहर में सोमवार को, इस गठबन्धन का 10वाँ फ़ोरम आरम्भ होगा, जिसकी थीम है, Uniting in Peace: Restoring Trust, Reshaping the Future यानि शान्ति के लिए एकजुट: भरोसा बहाल करने व भविष्य के पुनर्निर्माण के लिए. 

इसमें दुनिया भर से प्रतिनिधिमंडल, कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) से लेकर खेल-कूद जैसे मुद्दों पर चर्चा करेंगे कि नवीनतम तरीक़ों को किस तरह शान्ति के लिए उपयोग में लाया जा सकता है. 

वैश्विक फ़ोरम का पूरा कार्यक्रम यहाँ देखा जा सकता है.

इस तीन दिवसीय कार्यक्रम में, नागरिक समाज और निजी क्षेत्र के राजदूतों एवं प्रतिनिधियों के साथ-साथ, संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुटेरेश भी हिस्सा लेंगे और विविध विषयों पर पैनल चर्चाओं में विचार-विमर्श करेंगे. सम्मेलन का उद्देश्य, वर्तमान में मौजूद सर्वाधिक गम्भीर मुद्दों पर बदलाव लाने के लिए सामूहिक इच्छाशक्ति प्रेरित करना है. 

इसके तहत, नवोन्मेषी समाधानों वाली चुनौतियाँ, सतत विकास के लिए अन्तर-पीढ़ीगत उपाय, शान्ति के लिए धार्मिक मध्यस्थता और नफ़रत से निपटने के तरीक़ों पर चर्चा होगी. वैश्विक फ़ोरम के दूसरे दिन, प्रतिनिधियों द्वारा, कार्रवाई के लिए एक दूरदर्शी संकल्पपत्र, कास्केस घोषणा पर सहमति बनाए जाने  की उम्मीद की जा रही है.

वैश्विक फ़ोरम, यूएन वेबटीवी पर कवर किया जाएगा. 26 नवम्बर को सुबह 10 बजे (GMT) उद्घाटन समारोह यहाँ देखा जा सकता है.

दुनिया भर के युवा फिल्म निर्माता, वैश्विक फ़ोरम के PLURAL+ यूथ वीडियो उत्सव में शामिल होंगे.

© PLURAL+ Youth Video Festival

भावी पीढ़ियों के विचार

इस वैश्विक सभा का एक अन्य आकर्षण होगा, पहले दिन आयोजित किया जाने वाला युवा मंच, जिसमें दुनिया भर के युवजन के लिए व उनके द्वारा, अतिरिक्त कार्यक्रम होंगे. पिछले वर्ष के युवा मंच में 1,000 प्रतिभागी शामिल हुए थे. इस वर्ष, इसमें युवजन के लिए A Tent-tastic Get-together for Youth  तथा अन्य कई गतिविधियाँ शामिल होंगी.

अगली पीढ़ियों को सम्मान देने के लिए, सोमवार शाम एक समारोह में, प्रवासन, विविधता और सामाजिक समावेशन पर PLURAL+ युवा वीडियो महोत्सव में, युवा निर्देशकों को सम्मानित किया जाएगा. संयुक्त राष्ट्र सभ्यता गठबन्धन और अन्तरराष्ट्रीय प्रवासन संगठन (IOM) की एक संयुक्त पहल, PLURAL+ में, दुनिया के युवजन को इन तीन विषयों पर आधारित, मूल, रचनात्मक वीडियो प्रस्तुत करने के लिए आमंत्रित किया है.

ऐसी दुनिया, जहाँ असहिष्णुता और सांस्कृतिक एवं धार्मिक विभाजन आम होते जा रहे हैं, PLURAL+ कार्यक्रम में,  युवजन को सकारात्मक सामाजिक परिवर्तन के शक्तिशाली कारक के तौर पर मान्यता देने के प्रयास किए गए हैं. इस वर्ष महोत्सव में, अफ़ग़ानिस्तान और इसराइल से लेकर, रूस व यमन तक 21 देशों की 32 लघु फिल्मों का चयन किया गया है.

नए अन्तर-सांस्कृतिक नवाचार

सामाजिक परिवर्तन के लिए सामाजिक सर्कस. बच्चों द्वारा बच्चों के अनुकूल शहरों का डिज़ाइन. शान्ति के लिए फ़ुटबॉल.ये हैं, दुनिया भर में ज़मीनी स्तर पर काम करने वाले समूहों की 1800 से अधिक प्रविष्टियों में से कुछ-एक, जिन्होंने अन्तर-सांस्कृतिक नवाचार केन्द्र की प्रतियोगिता में भाग लिया है. 

वैश्विक फ़ोरम के दूसरे दिन हुए एक समारोह में, ऑस्ट्रिया, बोत्सवाना, कैनेडा, भारत, इंडोनेशिया, केन्या, नाइजीरिया, पेरू, संयुक्त राज्य अमेरिका और ज़ाम्बिया जैसे देशों से चुनी गई कुछ विशिष्ट प्रविष्टियों को पुरस्कृत किया जाएगा.

यह प्रतियोगिता, वैश्विक सभ्यताओं के गठबन्धन और निजी क्षेत्र की कार बनाने वाली दिग्गज कम्पनी, BMW समूह द्वारा सह-प्रायोजित है, और तकनीकी कम्पनी Accenture से समर्थन प्राप्त है. इसमें, सामाजिक परिवर्तन के लिए विविधता एवं समावेशन, लैंगिक समानता तथा कला, संस्कृति व खेल-कूद को बढ़ावा देने के लिए नवीन परियोजनाओं पर विचार किया गया है.

संगीत की शक्ति

इसराइल-फ़लस्तीनी संघर्ष दशकों से जारी है, जो अक्सर ग़ाज़ा में चल रहे युद्ध की तरह, कभी-कभी उग्र रूप ले लेता है. इस संघर्ष को सम्बोधित करने के वैकल्पिक तरीक़ों के बारे में दो पियानोवादकों – इसराइली कंडक्टर डैनियल बरेनबोइम और दिवंगत फ़लस्तीनी लेखक एडवर्ड सईद के बीच शुरू हुई बातचीत ने, 1999 में ‘पश्चिम-पूर्वी दीवान समूह’ का रूप ले लिया.

लम्बे समय से दोस्त रहे इन दोनों लोगों ने अपने अनुभव का उपयोग करते हुए, युवा संगीतकारों के लिए एक कार्यशाला शुरू की.

मार्च 2023 में संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में एक प्रदर्शन से ठीक पहले वायलिन वादक माइकल बरेनबोइम ने कहा, “हमारे साथ ऐसे देशों के संगीतकार जुड़े हैं, जो किसी न किसी तरह से एक-दूसरे के साथ संघर्षरत हैं.”

“इसके ज़रिए हम यह दिखाने की कोशिश करते हैं कि ऐसी परियोजना के साथ जुड़कर, उन देशों के लोगों को एकजुट करना सम्भव होता है, जो परस्पर संघर्षरत हैं, ताकि वे एक आम लक्ष्य के लिए साथ मिलकर काम कर सकें.”

यहाँ तक ​​कि ग़ाज़ा में युद्ध जारी रहने के बावजूद, यह समूह आपस में जुड़ा हुआ है और इस महीने अपनी 25वीं वर्षगाँठ मनाने के लिए योरोप में संगीत आयोजन कर रहा है. उनके मुताबिक, “पहली कार्यशाला से इस मील के पत्थर तक पहुँचने का इस ऑर्केस्ट्रा का सफ़र, संगीत के ज़रिए सम्वाद एवं एकजुटता को बढ़ावा देने का उनका लक्ष्य उजागर करता है.”

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