संयुक्त राष्ट्र आपदा राहत समन्वय एजेंसी – OCHA ने बताया है कि लेबनान में ऐम्बुलेंस वाहनों और राहत केन्द्रों को निशाना बनाया गया है, या उन पर हमले किए गए हैं, जिनमें अनेक लोग हताहत हुए हैं.
इसके बावजूद, यूएन स्वास्थ्य एजेंसी – WHO और उसके स्वास्थ्य साझीदार, अग्रिम मोर्चों पर काम करने वाले स्वास्थ्यकर्मियों को जीवनरक्षक, चिकित्सा सामग्री की आपूर्ति करने में सक्रिय हैं.
OCHA ने ज़ोर देकर कहा है कि अन्तरराष्रीय मानवीय क़ानून ऐम्बुलैंस वाहनों, स्वास्थ्य देखभाल कर्मियों और उनके मरीज़ों को विशेष संरक्षण मुहैया कराता है और उन्हें निशाना नहीं बनाया जा सकता है.
इस बीच लेबनानी अधिकारियों ने बताया है कि देश के दक्षिणी हिस्से में एक इसराइली हवाई हमले में पाँच स्वास्थ्यकर्मी मारे गए हैं.
WHO के अनुसार लेबनान में पिछले एक वर्ष के दौरान, स्वास्थ्य देखभाल सुविधाओं पर हमलों 38 हमले हुए हैं जिनमें 92 लोग मारे गए हैं और 92 घायल हुए हैं.
अस्पताल ख़ाली करने पड़े
इसराइल द्वारा की गई बमबारी और ज़मीनी सैन्य कार्रवाई के कारण, दक्षिणी लेबनान में लगभग 100 स्वास्थ्य सेवाओं को बन्द करना पड़ा है.
WHO ने कहा है कि पाँच अस्पतालों काम करने योग्य नहीं बचे हैं और चार अस्पताल सघन युद्ध वाले इलाक़ों में हैं जहाँ चिकित्सा कर्मचारियों और गम्भीर अवस्था वाले कुछ मरीज़ों को वहाँ से हटाकर ऐसे अस्पतालों में ले जाना पड़ा है जहाँ पहले से बहुत भीड़ है.
WHO की क्षेत्रीय निदेशक हनान बाल्ख़ी का कहना है, “आम लोगों व स्वास्थ्य कर्मियों का संरक्षण सुनिश्चित किया जाना, एक क़ानूनी व नैतिक अनिवार्यता है. स्वास्थ्य देखभाल सुविधाओं पर हमले, क्षेत्र में युद्ध के स्थाई चिन्ह नहीं बन सकते हैं.”
जबालिया बेकरी आग में ध्वस्त
इस बीच डॉक्टर बाल्ख़ी हनान ने ग़ाज़ा के उत्तरी इलाक़े में भीषण मानवीय स्थिति पर गम्भीर चिन्ता व्यक्त की है जहाँ इसराइली सेना ने हाल के दिनों में सैन्य हमले तेज़ किए हैं और लोगों को बेदख़ली आदेश जारी किए हैं.
फ़लस्तीनी शरणार्थियों के लिए यूएन सहायता एजेंसी – UNRWA ने बुधवार को घोषणा की थी कि उसे उत्तरी ग़ाज़ा में आश्रय स्थलों में तब्दील किए गए अनेक स्कूलों को बन्द करना पड़ा है क्योंकि जबालिया शरणार्थी शिविर की नाकाबन्दी छठे दिन में प्रवेश कर गई थी.
एजेंसी ने बताया है कि जबालिया शरणार्थी शिविर में पानी के 8 में से केवल दो कुँए की संचालित थे. जबकि यूएन खाद्य सहायता एजेंसी – WFP ने आगाह करते हुए कहा कि उत्तरी ग़ाज़ा में ब्रैड और अन्य खाद्य सामान की भारी क़िल्लत है क्योंकि जबालिया शरणार्थी शिविर में WFP से समर्थित एक मात्र बेकरी, विस्फोटक सामग्री से जलकर ध्वस्त हो गई है.
दक्षिण की तरफ़ जाने के अलावा कोई विकल्प नहीं
डॉक्टर बाल्ख़ी हनान ने बताया कि ग़ाज़ा के उत्तरी इलाक़े में अभी लगभग 4 लाख लोगों के मौजूद रहने की अनुमान हैं, जहाँ अस्पतालों में भारी भीड़ है और उनके भी ठप हो जाने का जोखिम बढ़ रहा है.
OCHA के अनुसार ग़ाज़ा के भीतर स्थित सीमाचौकियाँ आम लोगों के केवल दक्षिणी हिस्से की तरफ़ जाने की अनुमति दे रही हैं, जबकि उत्तरी ग़ाज़ा में मानवीय सहायता कार्रवाई की भी सीमित अनुमति दी जा रही है.