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लेबनान: संकट से जूझ रहे देश में, मानवीय हालात ध्वस्त होने के कगार पर

लेबनान: संकट से जूझ रहे देश में, मानवीय हालात ध्वस्त होने के कगार पर

लेबनान में यूएन के वरिष्ठ अधिकारी ने गुरूवार को लेबनान की जनता व सम्प्रभुता के समर्थन के लिए पेरिस में आयोजित एक अन्तरराष्ट्रीय सम्मेलन को सम्बोधित करते हुए स्थानीय आबादी के लिए परिस्थितियों पर गहरी चिन्ता जताई.

उनका मानना है कि युद्धस्थिति बरक़रार है और इन हालात में मानवीय आवश्यकताएँ बेरोकटोक बढ़ रही है, जिससे आम नागरिकों की पीड़ा गहन होती जा रही है.

लेबनान के लिए विशेष समन्वयक जिनीन हेनिस-प्लाशर्ट ने लेबनान में तबाही लाने वाले हालात के बीच, लड़ाई रोकने के लिए तुरन्त ठोस क़दम उठाने पर बल दिया.

उन्होंने ध्यान दिलाया कि यूएन ने पहले ही 2.72 अरब डॉलर की सहायता योजना पेश की है, जिसके साथ 42.6 करोड़ डॉलर की अपील जारी की गई है. मगर, लेबनान में युद्धविराम के बिना आवश्यकताओं का स्तर बढ़ते जाने की आशंका है.

संयुक्त राष्ट्र के शीर्षतम अधिकारी एंतोनियो गुटेरेश युद्धविराम की ज़रूरत पर बल देते हुए कहा कि सुरक्षा परिषद के प्रस्तावों को कारगर ढंग से लागू किए जाने के रास्तों की तलाश करनी होगी, ताकि स्थाई शान्ति हासिल की जा सके. 

सामूहिक विस्थापन

लेबनान में जारी हिंसा और इसराइली हवाई हमलों के कारण 12 लाख से अधिक लोग देश की सीमाओं के भीतर ही विस्थापित होने के लिए मजबूर हुए हैं.

महासचिव गुटेरेश ने ध्यान दिलाया कि अक्टूबर 2023 से अब तक, लेबनान में 2,300 से अधिक लोगों की जान जा चुकी है और इसराइल व इसराइली क़ब्ज़े वाले गोलान में कम से कम 50 मौतें हुई हैं. मृतकों में महिलाएँ व बच्चे भी हैं.

विशेष उप समन्वयक इमरान रिज़ा ने तत्काल युद्धविराम व कारगर मानवीय सहायता पर ज़ोर देते हुए कहा कि लेबनान के लोगों की हमसे, अन्तरराष्ट्रीय समुदाय से यह अपेक्षा है कि उनकी आवश्यकताओं को पूरा किया जाएगा.

शान्ति अभियान के लिए संयुक्त राष्ट्र अवर महासचिव ज्याँ-पिएर लाक्रोआ ने कहा कि दक्षिणी लेबनान में सशस्त्र बलों की तैनाती को बढ़ाना बेहद अहम है, ताकि एक राजनैतिक समाधान को हासिल किया जा सके.

वहीं, फ़लस्तीनी शरणार्थियों के लिए यूएन एजेंसी (UNRWA) ने बताया कि आश्रय स्थलों पर भारी भीड़ है, पर्याप्त जल व साफ़-सफ़ाई का अभाव है, और इन परिस्थितियों में बीमारियाँ फैलने का जोखिम बढ़ रहा है. देश में हैज़ा का पहला मामला दर्ज कर लिया गया है.

एकजुटता की अपील

UNRWA के महाआयुक्त फ़िलिपे लज़ारिनी ने भी पेरिस में आयोजित सम्मेलन को सम्बोधित किया और कहा कि लेबनान में घटनाक्रम, ग़ाज़ा में तबाही लाने वाले युद्ध और पश्चिमी तट में संकट का एक त्रासदीपूर्ण विस्तार है.

उन्होंने क्षोभ व्यक्त किया कि आम नागरिक एक बार फिर से एक बड़ी क़ीमत चुका रहे हैं. लाखों लोग विस्थापित हो चुके हैं, जो भय और अनिश्चितता के माहौल में सुरक्षा की तलाश कर रहे हैं.

अवर महासचिव लाक्रोआ के अनुसार, केवल संयुक्त राष्ट्र ही स्थिरता व शान्ति को सुनिश्चित नहीं कर सकता है. उनके अनुसार सम्बद्ध पक्षों को आवश्यक राजनैतिक इच्छाशक्ति दर्शानी होगी और शान्ति स्थापना के लिए फिर से संकल्प जताना होगा.

महासचिव गुटेरेश ने कहा कि इस आयोजन में अन्तरराष्ट्रीय समुदाय, लेबनान में संकट पर चर्चा करने के लिए एकत्र हुआ है, और कार्रवाई के ज़रिये हमें एकजुटता दर्शानी होगी, ताकि लोगों की पीड़ा पर मरहम लग सके और शान्ति को बढ़ावा मिले.

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