लेबनान में यूएन अन्तरिम बल के प्रवक्ता एंड्रिए टेनेटी ने बताया कि इसराइली सैन्य बलों ने यूएन शान्तिरक्षकों को ब्लू लाइन के पास स्थित ठिकानों से हटने के लिए कहा है. मगर, UNIFIL में सैन्य टुकड़ियों का योगदान करने वाले देशों ने एकमत से निर्णय लिया है कि शान्तिरक्षकों की वहाँ तैनाती बनी रहेगी.
उन्होंने जिनीवा में शुक्रवार को पत्रकारों से बातचीत के दौरान कहा कि “हमें यहाँ रहने की ज़रूरत है, हमें क्षेत्र में शान्ति व स्थिरता को लाने की कोशिश करने की आवश्यकता है.”
एंड्रिए टेनेटी ने लेबनान की राजधानी बेरूत से जानकारी देते हुए कहा कि यूएन मिशन द्वारा हर दिन गोलाबारी होने की जानकारी दी जा रही है. इस वजह से, शान्तिरक्षक अपनी सुरक्षा की दृष्टि से कई घंटे शरण स्थल में बिता रहे हैं, जोकि हमारी शीर्ष प्राथमिकता है.
यूएन मिशन प्रवक्ता के अनुसार, पिछले कुछ दिनों में ऐसी अनेक घटनाएँ हुई हैं, जिसमें इसराइली सेना की की गोलाबारी में शान्तिरक्षक घायल हुए हैं, निगरानी कैमरा टूटे हैं और UNIFIL परिसर का उल्लंघन हुआ है.
उन्होंने ध्यान दिलाया कि ये घटनाएँ 2006 में यूएन सुरक्षा परिषद द्वारा पारित किए गए प्रस्ताव का उल्लंघन है. इसी प्रस्ताव के तहत, दक्षिणी लेबनान और इसराइल के बीच एक बफ़र ज़ोन स्थापित किया गया था और शान्तिरक्षकों की तैनाती की गई थी.
प्रस्ताव 1701 के तहत, यूएन मिशन का दायित्व इसराइल और हिज़बुल्लाह के बीच हिंसक टकराव का अन्त होने की निगरानी करना, इसराइली सेना की दक्षिणी लेबनान से वापसी की पुष्टि करना और इस इलाक़े में लेबनान सरकार की राजसत्ता को स्थापित करना है. UNIFIL मिशन में 10 हज़ार शान्तिरक्षक सेवारत हैं.
अहम दायित्व
यूएन मिशन का कहना है कि सुरक्षा परिषद द्वारा सौंपे गए दायित्व को पूरा करने में अनेक चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है, और इसराइली सैन्य बलों द्वारा की जाने वाली गोलाबारी व ज़मीनी कार्रवाई से हालात चुनौतीपूर्ण हैं.
एक पत्रकार ने UNIFIL प्रवक्ता से सवाल किया कि क्या हमले की स्थिति में शान्तिरक्षकों द्वारा आत्मरक्षा की जा सकती है.
इसके जवाब में उन्होंने यूएन चार्टर के छठे अध्याय का उल्लेख किया, जिसके तहत आत्मरक्षा की जा सकती है, लेकिन व्यावहारिक तौर पर यह निर्णय लेना अहम है कि ऐसा कब और किस तरह से किया जा सकता है.
यूएन प्रवक्ता ने स्पष्ट किया कि वे इस हिंसक टकराव का हिस्सा नहीं बनना चाहते हैं और बल प्रयोग को और अधिक हिंसा की वजह नहीं बनाना चाहते हैं.
एंड्रिए टेनेटी ने बताया कि यूएन मिशन पृष्ठभूमि में पुरज़ोर प्रयास कर रहा है ताकि दक्षिणी लेबनान में ज़रूरतमन्द आबादी तक सुरक्षित मानवीय सहायता पहुँचाई जा सके.
दक्षिणी हिस्से में बर्बादी
यूएन मिशन के अनुसार, ब्लू लाइन के पास स्थित अधिकाँश गाँव पूर्ण रूप से बर्बाद हो चुके हैं. क़रीब साढ़े चार लाख लोग हिंसा से बचने के लिए अपने घर छोड़कर भागे हैं, मगर हज़ारों अन्य को हताश हालात में मदद की आवश्यकता है.
मानवीय सहायता मामलों में समन्वय के लिए यूएन कार्यालय (OCHA) के प्रवक्ता येन्स लार्क ने बताया कि मानवतावादी उद्देश्यों के लिए एक व्यवस्था संचालित की जा रही है, जिसके ज़रिये लेबनान और इसराइल के सुरक्षा बलों को मानवीय राहत क़ाफ़िलों के बारे में जानकारी प्रदान की जाती है.
उन्होंने कहा कि इस प्रक्रिया में वे UNIFIL और उनके सम्पर्कों पर निर्भर हैं, ताकि इस ज़िम्मेदारी को निर्बाध ढंग से पूरा किया जा सके.