उद्योग/व्यापार

रिटेल इनफ्लेशन अब स्थिर, खाद्य पदार्थों की कीमतों में भी गिरावट का ट्रेंड: वित्त मंत्री

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 7 फरवरी को कहा कि रिटेल इनफ्लेशन अब स्थिर हो गया है और यह 2-6 पर्सेंट के सीमित दायरे में है। उन्होंने कहा, ‘रिटेल इनफ्लेशन अप्रैल-दिसंबर 2022 के औसत 6.8 पर्सेंट से घटकर 2023 की इसी अवधि में 5.5 पर्सेंट पर पहुच गया। कोर इनफ्लेशन अप्रैल 2023 के 5.1 पर्सेंट से घटकर दिसंबर 2023 में 3.8 पर्सेंट पर पहुंच गया।’ सीतारमण ने लोकसभा में वित्त वर्ष 2025 के लिए पेश किए अंतरिम बजट पर चर्चा का जवाब देते हुए यह बात कही।

हाल के महीनों में भारत के हेडलाइन रिटेल इनफ्लेशन में गिरावट देखने को मिली है, जो जुलाई 2023 में 15 महीने के उच्च स्तर पर पहुंच गया था। दिसंबर में यह आंकड़ा 5.55 पर्सेंट था और यह लगातार तीसरे महीने रिजर्व बैंक के टारगेट (2-6 पर्सेंट) के दायरे में रहा। हालांकि, यह लगातार 50 महीनों से 4 पर्सेंट के मीडिया-टर्म टारगेट से ऊपर है। वित्त मंत्री ने कहा कि इनफ्लेशन, खास तौर पर खाद्य पदार्थों की कीमतों पर नियंत्रण रखने के लिए केंद्र सरकार ने कई कदम उठाए हैं। उन्होंने कहा, ‘ आटा, दाल, प्याज और चावल जैसे जरूरी खाद्य पदार्थों की कीमतों में गिरावट हुई है।’

सीतारमण का यह भी कहना था कि भारत आटा और भारत दाल जैसे सब्सिडी वाले उत्पादों की वजह से कीमतों को कम करने में मदद मिली है। वित्त मंत्री ने कहा, ‘ भारत आटा योजना के तहत 27.50 रुपये प्रति किलो के भाव पर तकरीबन 2.37 लाख मेट्रिक टन आटा बेचा जा चुका है। इस वजह से कीमतों में गिरावट हुई है।’ कीमतों को नियंत्रित करने के लिए केंद्र सरकार ने जरूरी खाद्य पदार्थों को सब्सिडी पर उपलब्ध कराना शुरू किया है।

दिसंबर 2023 में कंज्यूमर फूड प्राइस इंडेक्स सालाना आधार पर 5.3 पर्सेंट की गिरावट के साथ 5.3 रहा था। सब्जियों की कीमतों में कमी के कारण इस इंडेक्स में गिरावट देखने को मिली थी।

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