विश्व

रफ़ाह में, इसराइल के सम्भावित हमले को लेकर, ग़ाज़ावासियों में भारी चिन्ता

फ़िलिपे लज़ारिनी ने, संयुक्त राष्ट्र जिनीवा कार्यालय में सदस्य देशों के साथ बातचीत के बाद कहा, “लोग चिन्तित हैं और सम्भावित बड़े-पैमाने पर हमले से डरे हुए हैं.” 

“अगर हमला होता है, तो सवाल यह है, ‘लोग कहाँ जाएंगे?’ रफ़ाह में अब कोई भी सुरक्षित जगह नहीं है और डर यह है कि मारे गए और घायल लोगों की संख्या फिर से बहुत बढ़ सकती है.”

फ़िलिपे लज़ारिनी ने कहा कि चार महीने के इस युद्ध में, इसराइल की भीषण बमबारी में, स्थानीय स्वास्थ्य प्राधिकरण के अनुसार, एक लाख से अधिक ग़ाज़ावासियों के या तो मारे जाने, घायल होने या मलबे के नीचे लापता होने की सूचना मिली है.

विशाल विस्थापन

यूएन एजेंसी के महाआयुक्त फ़िलिपे लज़ारिनी ने ज़ोर देकर कहा कि रफ़ाह गवर्नरेट में फँसे दस लाख से अधिक विस्थापित लोगों के, एक बार फिर किसी अन्य स्थान पर चले जाने की उम्मीद करना अव्यावहारिक है, ताकि इसराइली सेना, हमास आतंकवादियों की तलाश करने का अपना अभियान जारी रख सके.

उन्होंने कहा, “लोगों को स्थानान्तरित होने के लिए कहा जा रहा है, सवाल यह है कि उन्हें कहाँ जाना है.”

उन्होंने कहा कि रफ़ाह में, 20 किलोमीटर के दायरे में, ज़मीन के हर ख़ाली टुकड़े पर अस्थाई प्लास्टिक आश्रयों में, लाखों लोग रहने को विवश हैं.

यूएनआरडब्ल्यूए के मुखिया ने, इस एजेंसी की कुछ कर्मचारियों द्वारा हमास के साथ सहयोग करने के गम्भीर आरोपों के मुद्दे पर कहा कि उन्होंने इन आरापों का सामना करने वाले लोगों को तत्काल बर्ख़ास्त कर दिया था और जाँच शुरू कर दी थी. फ़िलिपे लज़ारिनी ने इसराइली अधिकारियों से सहयोग का भी आहवान किया.

यूएनआरडब्ल्यूए कमिश्नर-जनरल ने यह भी रेखांकित किया कि इस एजेंसी की संयुक्त राष्ट्र महासचिव द्वारा घोषित समिक्षा, बुधवार, 14 फ़रवरी से शुरू होगी, जिसमें “सोशल मीडिया के उपयोग, सुरंगों के बारे में, राजनैतिक सम्बद्धताओं के बारे में” समीक्षा शामिल होगी, और एजेंसी इन मुद्दों पर कितनी सक्रिय है.

इस प्रक्रिया में सम्भवतः दो महीने लगेंगे, लेकिन इसके साथ एक अन्य जाँच भी होनी चाहिए, जिसमें इसराइली सेना का यह दावा भी शामिल है कि ग़ाज़ा शहर में यूएनआरडब्ल्यूए के मुख्यालय के 20 मीटर नीचे स्थित एक सुरंग और डेटा सेंटर का प्रयोग, हमास कर रहा था.

यूएन ठिकानों पर हमले

UNRWA के मुखिया फ़िलिपे लज़ारिनी, जिनीवा में सदस्य देशों से, ग़ाज़ा स्थिति पर बातचीत करने के बाद, पत्रकारों को सम्बोधित करते हुए (13 फ़रवरी 2024).

UNRWA के मुखिया ने कहा, “हमें उन सभी स्थितियों पर भी ग़ौर करने की ज़रूरत है जहाँ संयुक्त राष्ट्र परिसर का घोर अनादर किया गया है. युद्ध की शुरुआत के बाद से हमारे 150 से अधिक प्रतिष्ठान प्रभावित हुए हैं.”

“हम जानते हैं कि कुछ प्रतिष्ठान पूरी तरह से नष्ट हो गए हैं, सैकड़ों लोग मारे गए हैं, हज़ारों घायल हुए हैं और सुरंग के आरोप सहित इन सभी की स्वतंत्र रूप से जाँच की जानी चाहिए.”

भविष्य ख़तरे में

यूएनडब्ल्यूआरए प्रमुख फ़िलिपे लज़ारी ने कहा, “हमारे यहाँ पाँच लाख लड़कियां और लड़के गहरे सदमे में हैं, जिन्हें हमें तत्काल शिक्षा प्रणाली में वापस लाने की ज़रूरत है.” 

उन्होंने ज़ोर देकर कहा कि यह “एक उभरता हुआ स्थानीय प्रशासन” नहीं कर सकता.

“संयुक्त राष्ट्र की कोई अन्य एजेंसी” या एनजीओ ऐसे नहीं है जिनके पास सैकड़ों-हज़ारों बच्चों को शिक्षा सहित प्रसासन जैसी सेवाएँ प्रदान करने का अनुभव हो.

“अगर हम भविष्य में किसी भी बदलाव को सफल होने का मौक़ा देना चाहते हैं, तो हमें यह भी सुनिश्चित करना होगा कि अन्तरराष्ट्रीय समुदाय के पास उपकरण हों और इनमें से एक उपकरण यूएनआरडब्ल्यूए है.”

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