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यूक्रेन में हर दिन मौत और विनाश जारी हैं, सुरक्षा परिषद की बैठक

यूक्रेन में हर दिन मौत और विनाश जारी हैं, सुरक्षा परिषद की बैठक

सहायक महासचिव मिरोस्लाव जेनसा ने सोमवार को सुरक्षा परिषद को सम्बोधित करते हुए, यूक्रेन के ऊर्जा ढाँचे पर हो रहे हमलों पर विशेष चिन्ता व्यक्त की क्योंकि सर्दियाँ बहुत निकट हैं.

सहायक महासचिव मिरोस्लाव जेनसा पर संयुक्त राष्ट्र के राजनैतिक व शान्तिनिर्माण मामलों की ज़िम्मेदारी है.

ड्रोन, मृत्यु और तबाही

सहायक महासचिव मिरोस्लाव जेनसा ने कहा कि सितम्बर महीने में, यूक्रेन में कम से कम 208 लोग मारे गए और 1,220 लोग घायल हुए. इस तरह सितम्बर, हताहतों की संख्या के मामले में इस वर्ष का सबसे घातक महीना साबित हुआ है.

कुल मिलाकर, फ़रवरी 2022 में यूक्रेन में रूस का पूर्ण आक्रमण शुरू होने के बाद से अब तक 11 हज़ार 973 आम लोग मारे जा चुके हैं, जिनमें 622 बच्चे हैं.

संयुक्त राष्ट्र के मानवाधिकार कार्यालय – OHCHR के अनुसार, इस अवधि में घायल हुए लोगों की संख्या 25 हज़ार 943 है जिनमें 1,686 बच्चे हैं.

सहायक महासचिव मिरोस्लाव जेनसा ने बताया कि यूक्रेन में हर दिन लोगों के हताहत होने और सिविल ढाँचे को नुक़सान पहुँचने की ख़बरें मिलती हैं. इनमें सबसे अधिक नुक़सान दोनेत्स्क, ख़ारकीव, ख़ेरसॉन, मिकोलाइव और सूनी क्षेत्रों में हो रहा है.

उन्होंने बताया कि अभी बीते सप्ताहान्त के दौरान ही, ज़ैपोरिझझिया और क्रीवीय रिह में कई हमले हुए हैं, जिनमें अनेक लोग हताहत हुए. लगातार जारी हमलों के कारण ख़ारकीव क्षेत्र में लोगों को जबरन बेदख़ली आदेश जारी करने पड़े हैं जिनसे लगभग 7 हज़ार लोग प्रभावित हुए हैं.

सहायक महासचिव मिरोस्लाव जेनसा ने बताया की क्यीव में 16 अक्टूबर को 130 ड्रोन हमले किए गए. इसके अलावा, दक्षिणी इलाक़े में लवीव और ओडेसा शहरों पर भी इसी तरह के हमले हुए हैं, जिनमें अनेक लोगों के हताहत होने की ख़बरे हैं.

उन्होंने रूसी-यूक्रेनी सीमा पर जारी लड़ाई के प्रभावों के बारे में भी चिन्ता व्यक्त की है.

बन्दरगाहों पर हमले

सुरक्षा परिषद को बताया गया है कि रूस ने काला सागर में स्थित यूक्रेन के बन्दरगाहों पर भी हाल के सप्ताहों में हमले किए हैं. स्थानीय अधिकारियों के अनुसार, 1 सितम्बर से, 6 जहाज़ों और बन्दरगाह में स्थित अनाज भंडारण सुविधाओं को नुक़सान पहुँचा है.

इसके कारण 1 सितम्बर से 14 अक्टूबर के बीच, गेहूँ के दामों में 6 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी हुई है, जबकि यूक्रेनी निर्यातकों के लिए जोखिम बीमा में भी वृद्धि हो गई है जिससे कृषि क्षेत्र प्रभावित हुआ है.

मिरोस्लाव जेनसा ने सुरक्षा परिषद में मौजूद राजदूतों को याद दिलाया कि काला सागर से होकर गुज़रने वाले कृषि निर्यात सामान की सुरक्षा और स्थिरता की गारंटी, वैश्विक खाद्य सुरक्षा के लिए बहुत अहम है.

इस सम्बन्ध में संयुक्त राष्ट्र ने इस अति महत्वपूर्ण मार्ग से जहाज़ों के आवागमन को स्वतंत्र और सुरक्षित बनाए जाने के समर्थन में, यूक्रेन, रूस और तुर्कीये के साथ-साथ अन्य हितधारकों के साथ भी लगातार सम्पर्क क़ायम रखा है.

ऊर्जा ढाँचे पर हमले

उन्होंने बताया कि यूक्रेन के ऊर्जा ढाँचे पर रूस के व्यवस्थागत हमले, इस युद्ध के भयावह और भीषण निशान बन गए हैं.

पूरे देश में ऊर्जा और पानी आपूर्ति के ढाँचे को बड़े पैमाने पर हो रही क्षति व उसके परिणामस्वरूप इन सेवाओं में बड़े पैमाने पर बाधाओं से, आने वाली सर्दियों में लाखों यूक्रेनी बुरी तरह प्रभावित होने वाले हैं. युद्ध शुरू होने के बाद से ये तीसरी भीषण सर्दियाँ होंगी.

उन्होंने आगाह करते हुए कहा, “वृद्धजन, विकलांग जन और देश के भीतर ही विस्थापित लोगों सहित अतिसंवेदनशील हालात वाले लोगों पर अनुपात से कहीं अधिक प्रभाव पड़ने की आशंका है. बहुत से लोग अपने ही घरों में सर्दी से बचने के लिए गर्माहट और अन्य ज़रूरी सेवाओं से वंचित पा सकते हैं.”

लाखों ज़रूरतमन्द

ये परिस्थितियाँ यूक्रेन में मानवीय सहायता की पहले से ही जर्जर स्थिति को और भी कमज़ोर करने वाली हैं, जहाँ इस वर्ष के प्रथम 8 महीनों के दौरान लगभग 72 लाख लोगों को मानवीय सहायता मुहैया कराई गई है.

उन्होंने चिन्ता व्यक्त करते हुए यह भी बताया कि संयुक्त राष्ट्र की सहायता एजेंसियाँ, दोनेत्स्क, ख़ेरसॉन, लूहान्स्क और ज़ैपोरिझझिया क्षेत्रों में लगभग 15 लाख लोगों तक सहायता नहीं पहुँचा सके हैं. इन इलाक़ों पर इस समय रूस का नियंत्रण है.

मिरोस्लाव जेनसा ने यूक्रेन के युद्धबन्दियों के साथ व्यवस्थागत रूप में और बड़े पैमाने पर किए जा रहे उत्पीड़न पर गम्भीर चिन्ता व्यक्त की है.

उन्होंने साथ ही यूक्रेन के परमाणु स्थलों की सुरक्षा के बारे में भी चिन्ताएँ व्यक्त की हैं, विशेष रूप से ज़ैपोरिझझिया स्थित परमाणु ऊर्जा संयंत्र की स्थिति अति संवेदनशील है.

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