रूस के मिसाइल हमलों में, बच्चों व महिलाओं के लिए देश को दो विशेषीकृत अस्पतालों को व्यापक नुक़सान पहुँचा. साथ ही मुख्य ऊर्जा ढाँचा भी बुरी तरह क्षतिग्रस्त हुआ है. इन हमलों में अनेक लोग हताहत हुए हैं, जिनमें बच्चे भी हैं.
संयुक्त राष्ट्र के आपदा राहत मामलों की कार्यवाहक संयोजक जॉयस म्सूया ने मंगलवार को सुरक्षा परिषद में, राजदूतों को बताया कि यूएन मानवाधिकार उच्यायुक्त कार्यालय, हताहतों की संख्या की पुष्टि करने में जुटा है, जबकि राहत और बचाव कर्मी, अस्पताल स्टाफ़ व अन्य सहायता कर्मी, जीवितों की तलाश में, मलबा हटाने में जुटे हैं.
जॉयस म्सूया ने कहा, “मेरी संवेदना प्रभावितों के साथ है.” उन्होंने साथ ही दोहराते हए कहा कि अस्पतालों को अन्तरराष्ट्रीय मानवीय क़ानून के तहत संरक्षण प्राप्त है.
“एक संरक्षित अस्पताल को जानबूझकर हमलों का निशाना बनाना, एक युद्धापराध है, और ज़िम्मेदारों को जवाबदेह ठहराया जाना होगा.”
सोचे-समझे हमले
जॉयस म्सूया ने ज़ोर देकर यह भी कहा कि हाल की घटनाएँ, “सोचे-समझे हमलों की एक चिन्ताजनक चलन” का हिस्सा रही हैं, जिन्होंने पूरे यूक्रेन में स्वास्थ्य देखभाल और नागरिक बुनियादी ढाँचे को नुक़सान पहुँचाया है.
उन्होंने कहा, “वर्ष 2024 के बसन्त मौसम के बाद, हमलों में तेज़ी आई है.”
मिसाइल हमलों की इस नवीन लहर से पहले भी, 30 जूल (2024) तक, OHCHR ने, युद्ध के कारण 11 हज़ार 284 लोगों की मौत और 22 हज़ार 594 लोगों के घायल होने की पुष्टि की थी. ध्यान रहे कि यह टकराव, फ़रवरी 2022 में यूक्रेन पर रूस के हमले से शुरू हुआ था.
उसके अलावा, विश्व स्वास्थ्य संगटन ने स्वास्थ्य सेवाओं के बुनियादी ढाँचे पर एक हज़ार 878 हमलों की पुष्टि की है जिनमें स्वास्थ्य देखभाल ढाँचा, कर्मचारी, परिवहन, सामग्रियाँ व मरीज़ प्रभावित हुए हैं.
जॉयस म्सूया ने कहा कि स्कूलों, घरों और महत्वूपूर्ण बुनियादी ढाँचे की तबाही के साथ-साथ, यूक्रेन में मानवीय स्थिति के लिए बहुत गम्भीर परिणाम हुए हैं.
मानवीय सहायता के प्रयास
जॉयस म्सूया ने ध्यान दिलाया कि इन हमलों के कारण, सहायता अभियान प्रभावित हुए हैं और पूरे देश में लगभग एक करोड़ 46 लाख लोगों को मानवीय सहायता की आवश्यकता है. यह देश की कुल आबादी का लगभग 40 प्रतिशत हिस्सा है.
उन्होंने रूस के नियंत्रण वाले दोनेत्स्क, ख़ेरसॉन, लुहान्स्क और ज़ैपोरिझझिया क्षेत्रों में भी, लगभग 15 लाख लोगों तक, मानवीय सहायता की पहुँच पर भी गहरी चिन्ता व्यक्त की है.
संसाधनों की ज़रूरत
जॉयस म्सूया ने ध्यान दिलाते हुए कहा कि मानवीय सहायता अभियानों को जारी रखने के लिए, और अधिक संसाधनों की ज़रूरत है.
उन्होंने कहा, “एक लगातार जटिल और ख़तरनाक होते वातावरण में, मानवीय सहायता अभियानों को जारी रखने के लिए, हम दानदाताओं से, और अधिक धन सहायता दिए जाने की आपात अपील करते हैं.”
यूक्रेन की राजधानी कीएफ़ में मिसाइल हमलों में निशाना बने अस्पताल के कुछ चिकित्सकों ने, वहाँ बने हालात की कुछ झलक भी सुरक्षा परिषद में पेश की.
चिकित्सकों ने बताया कि इस युद्ध की चपेट में आए बच्चों को लम्बे समय के मनोवैज्ञानिक प्रभाव से उबरने के लिए, चिकित्सा सहायता की ज़रूरत है.