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यूक्रेनी नागरिकों के मज़बूत हौसले: 2025 के लिए पुनर्बहाली व राहत ज़रूरतों का खाका तैयार

यूक्रेनी नागरिकों के मज़बूत हौसले: 2025 के लिए पुनर्बहाली व राहत ज़रूरतों का खाका तैयार

24 फ़रवरी 2022 को रूस द्वारा यूक्रेन पर पूर्ण स्तर पर आक्रमण को तीन साल जल्द पूरे हो रहे हैं. इस युद्ध में, हज़ारों नागरिक मारे जा चुके हैं और आवश्यक बुनियादी ढाँचा बर्बाद हो गया है, जिससे अर्थव्यवस्था पर भारी दबाव है.

संयुक्त राष्ट्र ने 28 हज़ार नागरिको के हताहत होने और 10 हज़ार से अधिक लोगों के मारे जाने की पुष्टि की है. हालाँकि यूएन ने यह आशंका जताई है कि वास्तविक संख्या इससे कहीं ज़्यादा हो सकती है.

लड़ाई के अग्रिम मोर्चेों में बदलाव और टकराव में तेज़ी के बीच, 1 करोड़ 40 लाख से अधिक यूक्रेनी नागरिकों को मानवीय सहायता की ज़रूरत है. इस टकराव की वजह से, दूसरे विश्व युद्ध के बाद का सबसे बड़ा शरणार्थी संकट उत्पन्न हो गया है. 63 लाख से अधिक शरणार्थियों ने भागकर पड़ोसी देशों में शरण ली है और 37 लाख अन्तरिक रूप से विस्थापित हो गए हैं.  

इसका अर्थ यह है कि लगभग एक तिहाई आबादी को अपने घर छोड़कर भागने के लिए मजबूर होना पड़ा है, जिनमें से आधे से ज़्यादा यूक्रेनी बच्चे हैं. रूस के आक्रमण से पहले मौजूद रोज़गार के 30 प्रतिशत अवसर ख़त्म हो चुके हैं, और लोगों को टैक्स में वृद्धि व धनराशि की कमी का सामना करना पड़ रहा है. 

इसके अलावा ऊर्जा संयत्रों पर हमलों से, उन्हें बार-बार बिजली की कटौती की समस्या से भी जूझना पड़ रहा है. 

युद्ध के शुरुआती दिनों में यूक्रेन की राजधानी कईफ़ को भारी निशाना बनाया गया था. (फ़ाइल)

© UNOCHA/Viktoriia Andriievska

जीवनरक्षक सहायता 

संयुक्त राष्ट्र एजेंसियाँ, हिंसक टकराव के दौरान राहत कार्रवाई के केन्द्र में रही हैं. उन्होंने यूक्रेन के अधिकारियों, स्थानीय साझेदारों व स्वंयसेवको के साथ मिलकर काम करते हुए यह सुनिश्चित किया है कि ज़रूरतमन्दों तक मदद पहुँचे, ख़ासतौर पर युद्धक्षेत्र में रह रहे समुदायों तक.

इस पृष्ठभूमि में, देश के हर एक हिस्से में, आपातकालीन सहायता पहुँचाई जा रही है. संयुक्त राष्ट्र एजेंसियाँ ​बारूदी सुरंग व मलबा हटाने, बुनियादी सेवाएँ प्रदान करने, विस्थापित लोगों के लिए आश्रय स्थल ढूँढने और मानसिक स्वास्थ्य एवं मनो-सामाजिक सहायता समेत सभी स्वास्थ्य सुविधाएँ प्रदान करने के प्रयास कर रही हैं. 

पिछले साल, विश्व खाद्य कार्यक्रम (WFP) ने भोजन और नक़दी सहायता प्रदान करके, कृषि भूमि से बारूदी सुरंगे नष्ट करके तथा स्कूलों व अन्य संस्थानों में भोजन कार्यक्रमों के ज़रिये, हर महीने 16 लाख यूक्रेनवासियों को मदद पहुँचाई. संयुक्त राष्ट्र मानवतावादी कार्यालय ने 2024 के दौरान, स्वास्थ्य सुविधाओं को 26 लाख लोगों तक पहुँचाया.

निरन्तर बमबारी के बावजूद, यूक्रेन में पुनर्निर्माण का काम जारी है. स्कूलों, अस्पतालों, सामाजिक आवास, तापन संयंत्रों व जल प्रणालियों तथा अन्य सामाजिक बुनियादी ढाँचे के निर्माण व मरम्मत पर केन्द्रित परियोजनाएँ आगे बढ़ रही हैं. 

लगातार हमलों से भय से क्षतिग्रस्त ऊर्जा ढाँचे के पुनर्निर्माण के प्रयास रोके नहीं गए हैं. यूएन एजेंसियाँ और उनके साझेदार संगठन 500 मेगावाट का आवश्यक विद्युत उत्पादन व सौर ऊर्जा क्षमता प्रदान कर रहे हैं, ताकि बिजली, पानी और तापन व्यवस्था सुनिश्चित की जा सके.  

विकेन्द्रीकरण पर ख़ास ध्यान केन्द्रित किया गया है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि हर इलाक़ा, जिसमें छोटे शहर व गाँव भी शामिल है, विशाल ऊर्जा संयंत्रों पर कम निर्भर रहें. इससे हवाई हमले होने की सूरत में उनके यहाँ घुप्प अँधेरा छा जाने की सम्भावना कम हो जाती है. 

एक बड़े बिजली संयंत्र का विनाश एक विशाल क्षेत्र को पंगु बना सकता है और हज़ारों लोगों की ग्रिड से बिजली आपूर्ति कट सकती है, लेकिन बड़ी संख्या में छोटे, नवीकरणीय संयंत्रों के साथ एक विकेन्द्रीकृत प्रणाली, बेहतर तरीक़े से हमले का सामना करने में सक्षम होती है. बमबारी से नष्ट होने पर सौर पैनलों को एक ही दिन में बदला जा सकता है.

यूक्रेन में मलबे की री-सायक्लिंग के लिए एक पहल. (फ़ाइल)

‘सायरन बन्द होते ही, भविष्य का निर्माण शुरू’

संयुक्त राष्ट्र के वरिष्ठ अधिकारियों के अनुसार, विशाल संख्या में लोगों ने यूक्रेन छोड़ा है, लेकिन जो लोग रुके हुए हैं, वो यहीं रहकर संतुष्ट हैं. यूक्रेन में संयुक्त राष्ट्र के रैज़िडेंट कोऑर्डिनेटर व मानवतावादी समन्वयक, माथियास श्माले के लिए, संघर्ष के दौरान आबादी का हौसला और आगे बढ़ने की इच्छा उनकी सहनसक्षमता का प्रमाण है.

यूएन न्यूज़ से बातचीत के दौरान माथियास श्माले ने उम्मीद जताई कि जब तक आवश्यक हो तब तक यूक्रेनी नागरिकों की मदद करने की संयुक्त राष्ट्र की प्रतिबद्धता, उन्हें बेहतर व गरिमापूर्ण भविष्य की आशा देगी. 

“मैं देख रहा हूँ कि लोग जितनी जल्दी हो सके पुनर्निर्माण शुरू कर देते हैं, चाहे वो व्यवसाय हो, घर हो या जीवन को फिर से पटरी पर लाना हो. सायरन बन्द होते ही भविष्य के लिए काम शुरू हो जाता है. लोग यहाँ से जाना नहीं चाहते हैं.”

यूक्रेन में यूनीसेफ़ के फ़ील्ड कार्रवाई प्रमुख कैनान मादी ने भी यूक्रेन के लोगों की सहनसक्षमता की सराहना की. उन्होंने हाल ही में एक साक्षात्कार में यूएन न्यूज़ को बताया, “चुनौतियों व इतना कुछ बर्दाश्त करने के बावजूद, वो अपने क्षेत्र में, अपने गाँवों में ही रहना चाहते हैं. उसे छोड़कर जाना नहीं चाहते.”

“कोई भी जाने का सपना नहीं देखता. बल्कि इसके विपरीत हर कोई यहीं रहने का सपना देखता है. इससे मुझे आश्वासन मिलता है कि आशा है कि जब यह युद्ध रुकेगा, तो यूक्रेन की आबादी तुरन्त बेहतर तरीक़े से पुनर्निर्माण के लिए तैयार होगी.”

एक सहनसक्षम आबादी के रूप में यूक्रेन के लोगों का चरित्र-चित्रण, केवल सुनी-सुनाई कहानी नहीं है: सरकारी नियंत्रण वाले क्षेत्रों में सात हज़ार से अधिक लोगों से बातचीत पर आधारित, यूएन-समर्थित एक अध्ययन में इस बात की पुष्टि हुई है कि यूक्रेनवासियों में राष्ट्रभक्ति व मातृभूमि से प्रेम की भावना अभी भी बेहद मज़बूत है. 

इस अध्ययन के निष्कर्ष, युद्ध के इन हालात में, एक एकीकृत शक्ति के रूप में यूक्रेन की राष्ट्रीय पहचान उजागर करते हैं.

युद्ध क्षेत्र के पास परिवारों को ठोस ईंधन पहुँचाया जा रहा है.

पुनर्बहाली का रास्ता महंगा 

इसके बावजूद, देश के सामने मौजूद चुनौतियाँ विशाल व बेहद महंगी हैं. यूक्रेन सरकार, विश्व बैन्क, योरोपीय आयोग व संयुक्त राष्ट्र के साझा मूल्याँकन के अनुसार, पुनर्निर्माण व पुनर्बहाली की कुल लागत लगभग 468 अरब होने का अनुमान है.

सर्दियों में तापमान शून्य से नीचे गिरने के साथ ही, संयुक्त राष्ट्र की शीतकालीन मानवीय कार्रवाई योजना का उद्देश्य है, आपातकालीन ज़रूरतों को पूरा करना, जिसमें ठोस ईंधन, नक़द सहायता तथा जल प्रणालियों की मरम्मत शामिल है. मार्च 2025 तक इन प्रयासों को पूरी तरह से लागू करने के लिए लगभग 50 करोड़ डॉलर की ज़रूरत है.

नई मानवीय सहायता अपील जारी करने से पहले, नवीनतम स्थिति के आकलन हेतु, संयुक्त राष्ट्र के मानवीय अधिकारी यूक्रेन का दौरा करेंगे. 2025 के लिए, एक करोड़ 27 लाख लोगों की मदद के लिए, 2.2 अरब डॉलर की मानवीय सहायता अपील तैयार की जा रही है.

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