संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुटेरेश ने मंगलवार को मध्य पूर्व क्षेत्र में तनाव निरन्तर बढ़ने की निन्दा की है. इसी मुद्दे पर बुधवार को न्यूयॉर्क में यूएन सरक्षा परिषद की एक आपात बैठक हो रही है.
तेज़ी से बदलते घटनाक्रम के बीच, जिनीवा में मानवाधिकार परिषद के सदस्य देशों की बैठक हुई है, जिसमें ग़ाज़ा और उससे इतर अन्य स्थानों पर युद्धविराम की पुकार लगाई है.
मानवाधिकार उच्चायुक्त वोल्कर टर्क ने सुरक्षा परिषद के सदस्यों समेत सभी देशों से आग्रह किया कि मध्य पूर्व में एक व्यापक हिंसक टकराव को टालने के लिए मज़बूती से क़दम उठाने होंगे, अन्यथा इसके आम नागरिकों के लिए तबाही भरे नतीजे हो सकते हैं.
“यह अहम है कि वे अपनी आवाज़ और प्रभाव का इस्तेमाल, इसका अन्त करने के लिए युद्धरत पक्षों को वार्ता की मेज़ पर लाने के लिए करें.”
मानवाधिकार परिषद की बैठक
जिनीवा में बुधवार को क़ाबिज़ फ़लस्तीनी इलाक़े के मुद्दे पर मानवाधिकार परिषद की एक बैठक हुई है, जिसमें सदस्य देशों व पर्यवेक्षकों ने ग़ाज़ा में युद्ध का अन्त करने और सभी इसराइली बन्धकों को रिहा किए जाने का आग्रह किया है.
उन्होंने हिज़बुल्लाह और इसराइल में ख़तरनाक ढंग से बढ़ते टकराव पर गहरी चिन्ता जताई है. इसराइल और लेबनान को अलग करने वाली ‘ब्लू लाइन’ पर हिज़बुल्लाह व इसराइली सेना के बीच झड़पें होने की ख़बर है.
7 अक्टूबर 2023 को हमास व अन्य चरमपंथी गुटों द्वारा इसराइल पर किए गए हमलों में 1,250 लोगों की जान गई थी और 250 को बन्धक बना लिया गया था. इसके बाद, इसराइली सैन्य बलों की कार्रवाई में फ़लस्तीन में 41 हज़ार से अधिक लोगों की जान गई है और लेबनान में भी लड़ाई भड़क उठी है, जिसमें लाखों लोग विस्थापित हुए हैं.
मानवाधिकार परिषद में दक्षिण अमेरिकी प्रतिनिधिमंडल ने 7 अक्टूबर के घटनाक्रम की निन्दा की, और कहा कि ना तो हमास द्वारा बन्धक बनाए गए लोग रिहा हो पाए हैं, जबकि इसराइल ने ग़ाज़ा में फ़लस्तीनी आबादी की पूरी तरह से घेराबन्दी की है.
साथ ही, एक नए वैश्विक गठबंधन के लिए अपना समर्थन व्यक्त किया है, जिसके ज़रिये इसराइल व फ़लस्तीन के टकराव का दो-राष्ट्र समाधान निकालने के प्रयास किए जाएंगे.
पिछले महीने, सऊदी अरब, योरोपीय संघ, नॉर्वे और 90 से अधिक सदस्य देशों के साथ एक बैठक में इस पहल की घोषणा की गई थी.
मलेशिया ने मानवाधिकार परिषद में एशियाई देशों के समूह की ओर से यूएन महासभा में पुरज़ोर समर्थन के साथ 17 सितम्बर को पारित हुए प्रस्ताव का समर्थन किया, जिसमें फ़लस्तीन पर इसराइली क़ब्ज़े का अन्त करने की मांग की गई है.