पर्यावरण

भूटान: ‘शिखर पर शान्ति’ लाने के लिए आम लोगों से दान जुटाने की मुहिम

भूटान: ‘शिखर पर शान्ति’ लाने के लिए आम लोगों से दान जुटाने की मुहिम

भूटान की ऊँची पहाड़ियों में साफ़ हवा और दुर्गम भूमि के बीच, पर्वतीय समुदाय के हौसले को दर्शाता दर्शाता याक, सहनक्षमता व गरिमा के प्रतीक की तरह नज़र आता है. अपनी मोटी, गर्म ऊनी त्वचा और स्थिर चाल वाला यह विशाल जीव, केवल एक पशु नहीं, बल्कि पर्वतीय लोगों की जीवनरेखा है.

‘शिखर पर शान्ति’ नामक अभियान के तहत, भूटान की मूल्यवान परम्परा को संरक्षित करने और उन दूरस्थ उच्च-पर्वतीय क्षेत्रों में रहने वाले समुदायों की मदद के प्रयास किए जा रहे हैं, जो अपनी आजीविका के लिए याक पर निर्भर हैं. 

पर्वतीय समुदायों और इन शानदार जीवों के बीच के परस्पर सम्बन्ध को बनाए रखने में, छोटे-बड़े हर स्तर के योगदान से, मदद मिलेगी.

याक से न केवल, गर्माहट भरी ऊन, पोषक दूध, बल्कि कभी-कभी माँस भी प्राप्त होता है. याक साथ ही, कठोरतम जलवायु में एक मज़बूत साथी माना जाता है. 

याक अपने मज़बूत कन्धों पर अपने मालिकों की उम्मीदों व सपनों का भार ढोते हैं, सामान के परिवहन और दूरस्थ समुदायों को जोड़ने में सहायक होते हैं. 

पर्वतीय लोगों के लिए याक केवल आजीविका का स्रोत नहीं है, बल्कि परिवार का प्रिय सदस्य, मूक संरक्षक और पर्वतीय जीवन के आभूषण के समान होता है.

भूटान में एक क्राउड-फंडिंग पहल के ज़रिए, वन्य जीवों एवं मानव के बीच के तालमेल को बेहतर बनाने की कोशिश की जा रही है.

याक की घटती आबादी

हालाँकि, याक की घटती संख्या, चिन्ता का एक गम्भीर विषय बनता जा रहा है. 2019 से, भूटान में याक चराने वाले घरों की संख्या में 22 प्रतिशत की कमी और याक की संख्या में 28 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई है (National Statistics Bureau 2022). 

याक की आबादी में गिरावट के आम कारणों में, चारे की अपर्याप्त उपलब्धता की समस्या, गिड रोग और वन्यजीवों द्वारा शिकार शामिल हैं.

प्रत्येक वर्ष 159 याक, जंगली जानवरों के शिकार हो जाते हैं, जिनमें से अधिकाँश बछड़े होते हैं. इसकी वजह से अक्सर बदला लेने के लिए जंगली शिकारी, जानवरों, मुख्य रूप से हिम तेंदुओं की हत्या कर देते हैं. यह दुर्लभ प्रजाति, जलग्रहण क्षेत्र समेत हमारे सम्पूर्ण पर्वतीय पारिस्थितिक तंत्र के सन्तुलन के लिए अत्यन्त महत्वपूर्ण है.

लाया याक एसोसिएशन के दामचो शेरिंग बताते हैं, “याक के चरवाहों के रूप में, हम एक कठिन जीवन जीते हैं. लगभग हर साल हमें स्थान बदलना पड़ता है और हम रातभर जागकर भालू, बाघ, हिम तेंदुए, जंगली कुत्तों और हिमालयी भेड़ियों से, अपने याक की रक्षा करते हैं.”

भूटान के पहाड़ी क्षेत्र में एक हिम तेन्दुआ.

पहल का उद्देश्य

चन्दा इकट्ठा करने का यह अभियान, उच्च भूमि पर रहने वाले 149 भूटानी परिवारों, याकों के 2 हज़ार से अधिक बछड़ों और 134 हिम तेन्दुओं की रक्षा करने के लिए आरम्भ किया गया है. 

इसका उद्देश्य पर्वतीय क्षेत्रों में मानव-वन्यजीव सह-अस्तित्व को बढ़ावा देना है. इसके तहत याक की सुरक्षा के लिए लोहे की आसानी से ढो लेने वाली (Portable) जाली का उपयोग और साथ ही हिम तेंदुओं की रक्षा करना भी शामिल है.

भूटान में जब लोग पारम्परिक रूप से, धार्मिक समारोहों के लिए एकत्र होते हैं तो बड़ी धनराशि दान करते हैं. ऐसे में इस पहल के ज़रिए डिजिटल माध्यमों के ज़रिए चन्दा इकट्ठा करने के दृष्टिकोण को अपनाने और सतत विकास लक्ष्य हासिल करने की कोशिश की गई है.

इस कोष में दिया गया प्रत्येक योगदान ‘शिखर पर शान्ति’ लाने व भूटान की पहाड़ियों पर मानव-वन्यजीवों के संघर्ष को शान्त करने की दिशा में महत्वपूर्ण योगदान देगा.

यह धनराशि, लोहे की पोर्टेबल जाली ख़रीदकर, 149 परिवारों को देने के काम पर ख़र्च की जाएगी. यह कार्य स्थानीय सरकारों और सामुदायिक याक संघों के सहयोग से किया जाएगा.

भूटान की सहनसक्षमता व सौन्दर्य का प्रतीक, एक याक.

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