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भावी वैश्विक महामारियों से निपटने के लिए, एकजुट स्वास्थ्य प्रयासों पर बल

भावी वैश्विक महामारियों से निपटने के लिए, एकजुट स्वास्थ्य प्रयासों पर बल

यूएन महासचिव एंतोनियो गुटेरेश ने अपने सन्देश में कहा कि दुनिया, फ़िलहाल अगली वैश्विक महामारी से निपटने के लिए तैयार नहीं है.

उनके अनुसार, कोविड-19 महामारी से हुई तबाही, उसके भयावह सबक़ के बावजूद मौजूदा स्थिति ख़तरनाक है. “कोविड-19 दुनिया को नीन्द से जगा देने वाली एक घंटी थी.”

इस वैश्विक महामारी से बड़े पैमाने पर मानवीय, आर्थिक व सामाजिक नुक़सान हुआ था. “यह संकट अब गुज़र गया लगता है, मगर एक कठोर सबक़ बचा है: अगली वैश्विक महामारी से निपटने के लिए दुनिया बिलकुल भी तैयार नहीं है.”

उन्होंने ध्यान दिलाया कि पिछले कुछ समय में एमपॉक्स, हैज़ा, पोलियो, मारबुर्ग वायरस समेत अन्य बीमारियों का प्रकोप फैला और ये ख़तरा निरन्तर बना हुआ है.

इसके मद्देनज़र, यूएन महासचिव ने मज़बूत, समावेशी स्वास्थ्य देखभाल व्यवस्थाओं पर बल दिया है.

उन्होंने ज़ोर देकर कहा कि वैश्विक महामारी की निगरानी, उसका पता लगाने और जवाबी कार्रवाई के लिए निवेश किया जाना होगा. साथ ही, स्वास्थ्य तैयारियों के लिए यह ज़रूरी है कि सार्वभौमिक स्वास्थ्य कवरेज के वादे को पूरा किया जाए.

इसके समानान्तर, वैक्सीन, उपचार व रोग निदान सेवाओं को समान ढंग से लोगों तक पहुँचाना, एक नैतिक अनिवार्यता है. उन्होंने ध्यान दिलाया कि कोविड-19 महामारी के दौरान इन विसंगतियों को देखना व्यथित कर देने वाला अनुभव था.

रोकथाम के लिए वैश्विक दृष्टिकोण

महासचिव गुटेरेश ने वैश्विक महामारी की तैयारी और उससे निपटने के लिए समझौते की अहमियत पर बल दिया. इस समझौते पर सहमति के लिए देशों के बीच विचार-विमर्श हो रहा है.

उन्होंने कहा कि इस व्यवस्था के ज़रिये दुनिया में स्वास्थ्य क्षेत्र में बेहतर ढंग से प्रयास हो सकेंगे, भावी महामारियों की रोकथाम व उन पर क़ाबू पाना सम्भव होगा.

“आज, और हर दिन, आइए हम हर एक व्यक्ति के लिए, हर स्थान पर, एक सुरक्षित व स्वस्थ विश्व को साकार करने का संकल्प लें.”

विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भी इस दिवस पर अपने सन्देश में कहा कि ‘वन हैल्थ’ दृष्टिकोण को अपनाना अहम है, जिसमें मानव, पशु व पर्यावरणीय स्वास्थ्य को एक साथ शामिल किया गया है, ताकि महामारी के जोखिमों में कमी लाई जा सके.

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