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भारत और यूनीसेफ़ की साझेदारी के 75 वर्ष, स्मारक डाक टिकट जारी

भारत और यूनीसेफ़ की साझेदारी के 75 वर्ष, स्मारक डाक टिकट जारी

पिछले सप्ताह जारी हुए 10 रुपये के इस विशेष डाक टिकट में, कलात्मक तरीक़े से एक माँ और बच्चे का चित्र उकेरा गया है.

यह यूनीसेफ़ द्वारा हर बच्चे के जीवित रहने, पोषित होने और अपनी पूरी क्षमता हासिल करने के अधिकार की रक्षा के शासनादेश (mandate) का प्रतीक है, विशेष रूप से सबसे कमज़ोर वर्ग के लिए. 

यूनीसेफ़ ने हर एक बच्चे के जीवन में अच्छी शुरूआत सुनिश्चित करने और अवसर प्रदान करने के उद्देश्य से 1949 में, भारत सरकार के साथ समन्वित प्रयास शुरू किए थे. 

10 रुपये के इस विशेष डाक टिकट में, कलात्मक तरीक़े से एक माँ और बच्चे का चित्र उकेरा गया है.

10 रुपये के इस विशेष डाक टिकट में, कलात्मक तरीक़े से एक माँ और बच्चे का चित्र उकेरा गया है.

बाल अधिकारों पर कन्वेंशन व 2030 के लिए सतत विकास एजेंडे के मार्गदर्शन में यूनीसेफ़ की प्राथमिकताओं, और भारत के राष्ट्रीय सामाजिक विकास लक्ष्यों के साथ गहरा तालमेल है.

भारत में यूनीसेफ़ की प्रतिनिधि, सिंथिया मैककैफ़्रे ने कहा कि, “यह भारत और यूनीसेफ़ की साझेदारी के लिए एक महत्वपूर्ण क्षण है. 75 वर्षों से, हमने हर स्थान पर रहने वाले, हर पृष्ठभूमि के बच्चों को, गुणवत्तापूर्ण सेवाओं व प्रणालियों के साथ बेहतर स्वास्थ्य, शिक्षा व अवसर प्रदान करने के लिए, साथ मिलकर काम किया है.

उन्होंने बताया कि पिछले 64 वर्षों में संचार मंत्रालय के साथ साझेदारी में जारी किया जा रहा यूनीसेफ़ का यह पाँचवाँ स्मारक डाक टिकट है.

इस अवसर पर भारत के लिए संयुक्त राष्ट्र के रैजिडेंट कोऑर्डिनेटर, शॉम्बी शार्प ने कहा कि, “यूनीसेफ़@75 स्मारक डाक टिकट का विमोचन, सहयोग, साझा मूल्यों व बाल अधिकारों और भविष्य के प्रति प्रतिबद्धता का जश्न है.” 

“यूनीसेफ़ समेत समस्त संयुक्त राष्ट्र परिवार, भारत के साथ साझेदारी में दृढ़ता से खड़ा है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि हर बच्चा व हर युवा अपनी पूरी क्षमता हासिल कर सके. हम सब साथ मिलकर एक ऐसा भविष्य बना सकते हैं जहाँ कोई भी पीछे न छूट जाए.”

भारतीय डाक विभाग के दिल्ली सर्कल के मुख्य पोस्टमास्टर, कर्नल अखिलेश पांडे ने 1949 से अब तक यूनीसेफ़ की यात्रा का उल्लेख किया और कमज़ोर वर्ग के बच्चों व युवजन को बढ़ावा देने, हर ज़रूरतमन्द बच्चे तक पहुँचने व बच्चों की सुरक्षा करने में यूनीसेफ़ के कार्यों की सराहना की. 

उन्होंने कहा, “डाक विभाग, यह स्मारक डाक टिकट जारी करने पर गौरवान्वित है और बच्चों के अधिकार व कल्याण सुनिश्चित करने के लिए यूनीसेफ़ की भूमिका एवं भारत के साथ 75 साल की साझेदारी का सम्मान करता है.”

यूनीसेफ़ प्रतिनिधि सिंथिया मैककैफ़्रे के अनुसार, “यह डाक टिकट भारत में बच्चों के लिए एक मील का पत्थर है. सरकार के साथ सहयोग करते हुए पिछले दशकों में हमने देखा है कि बच्चों में निवेश करने से भविष्य में उन्हें बहुत लाभ पहुँचता है.” 

“भारत में इसके कई उदाहरण सामने आए हैं, फिर चाहे वह 5 साल से कम उम्र के बच्चों की मृत्यु दर में कमी हो, पूर्ण टीकाकरण व स्कूल नामांकन दर में वृद्धि हो, या फिर सुरक्षित साफ़-सफ़ाई एवं स्वच्छ पानी,  भारत में सभी क्षेत्रों में सुधार हुआ है.

पिछले दशकों में, यूनीसेफ़ की साझेदारी और समर्थन को मान्यता देते हुए, भारत सरकार ने यूनीसेफ़ की 25वीं और 40वीं वर्षगाँठ पर तथा बाल अधिकारों पर सन्धि के 30 साल पूरे होने के उपलक्ष्य में चार स्मारक डाक टिकट जारी किए हैं.

1949 से ही, यूनीसेफ़ भारत सरकार के साथ मिलकर, देश में बाल कल्याण सुनिश्चित करने के प्रयासों में लगा है.

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