प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) दिल्ली शराब नीति से जुड़े धन शोधन के मामले में जल्द ही नया आरोपपत्र दाखिल कर सकता है और उसमें मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) नेता के कविता और दूसरे लोगों को बतौर आरोपी शामिल कर सकता है। आधिकारिक सूत्रों ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी। ईडी ने केजरीवाल को धन शोधन निवारण अधिनियम (PMLA) के तहत 21 मार्च को यहां उनके आधिकारिक आवास से गिरफ्तार किया था, जबकि तेलंगाना के पूर्व मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव की बेटी और एमएलसी के. कविता को 15 मार्च को हैदराबाद से हिरासत में लिया गया था।
न्यूज एजेंसी PTI के मुताबिक, आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि दोनों नेताओं, मामले से जुड़े कुछ व्यक्तियों और कंपनियों समेत आधा दर्जन संस्थाओं के खिलाफ आरोपपत्र तैयार किया गया है और एजेंसी इसे अगले चार से पांच दिनों के भीतर यहां एक स्पेशल PMLA अदालत में दाखिल कर सकती है। सूत्रों ने बताया कि आरोपियों पर मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप लगाये जाएंगे और चार्ज शीट PMLA की धारा 45 और 44(1) के तहत दाखिल किया जाएगा।
चार्जशीट में होगा आम आदमी पार्टी का नाम
एजेंसी इस आरोपपत्र में आम आदमी पार्टी (AAP) का नाम भी शामिल कर सकती है। साथ ही 2022 में दर्ज मामले में कुछ नई संपत्तियों के कुर्की के आंकड़े भी शामिल होंगे।
इस मामले में ED की ये सातवीं चार्जशीट होगी। एजेंसी ने इस मामले में अब तक केजरीवाल के पार्टी सहयोगी व पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया, राज्यसभा सदस्य संजय सिंह और अन्य सहित 18 लोगों को गिरफ्तार किया है। सिंह को कुछ वक्त पहले जमानत मिल गयी थी।
ये बीजेपी की चार्जशीट है: AAP
आप सूत्रों ने आरोप लगाया कि यह और कुछ नहीं बल्कि भारतीय जनता पार्टी (BJP) का आरोपपत्र है और केंद्र की सत्ता पर काबिज पार्टी का मकसद सिर्फ केजरीवाल को बदनाम करना है।
ED सूत्रों ने बताया कि एजेंसी, केजरीवाल पर जांच में ‘असहयोग’ करने, AAP के राष्ट्रीय संयोजक होने के नाते पार्टी की तरफ से किए गए अपराध के लिए ‘परोक्ष रूप से’ उत्तरदायी होने और उनकी भूमिका व रोजमर्रा के मामलों में सक्रिय भागीदारी का आरोप लगा सकती है।
ED ने 55 साल के अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) को दिल्ली सरकार के मंत्रियों, AAP नेताओं और अन्य व्यक्तियों की मिलीभगत से किए गए आबकारी ‘घोटाले’ का मुख्य साजिशकर्ता करार दिया है।
दिल्ली के उपराज्यपाल वी. के. सक्सेना ने कथित अनियमितताओं की जांच केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) से कराने की सिफारिश की थी, जिसके बाद ED ने PMLA के तहत मुकदमा दर्ज किया था।