चालू वित्त वर्ष में 16 मार्च तक केंद्र का शुद्ध प्रत्यक्ष कर संग्रह (रिफंड जारी करने के बाद) 15.3 फीसदी बढ़कर 15.71 लाख करोड़ रुपये रहा। सूत्रों ने कहा कि अग्रिम कर संग्रह में तेजी से प्रत्यक्ष कर प्राप्तियों में जोरदार इजाफा हुआ है।
यह पूरे वित्त वर्ष के लिए संशोधित लक्ष्य 16.5 लाख करोड़ रुपये का 85.2 फीसदी और बजट अनुमान 14.2 लाख करोड़ रुपये से करीब 10 फीसदी अधिक है।
16 मार्च तक कॉर्पोरेट आय कर संग्रह में 8.11 लाख करोड़ रुपये और व्यक्तिगत आयकर मद में 7.32 लाख करोड़ रुपये प्राप्त हुए। इसमें इस अवधि के दौरान प्राप्त 7.40 लाख करोड़ रुपये का अग्रिम कर संग्रह भी शामिल है।
इस दौरान प्रतिभूति लेनदेन कर संग्रह 24,093 करोड़ रुपये रहा जबकि संशोधित लक्ष्य 25,000 करोड़ रुपये है।
एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘हम चालू वित्त वर्ष की चौथी और अंतिम तिमाही में प्राप्त कुल अग्रिम कर की गणना कर रहे हैं। 16 मार्च तक के आंकड़े में देय अग्रिम कर का 60 फीसदी हिस्सा शामिल है। शेष 40 फीसदी 18 से 19 महीने में दिखेगा।’
उन्होंने कहा, ’16 मार्च तक की गणना के आधार पर कर संग्रह संशोधित लक्ष्य 16.5 लाख करोड़ रुपये से महज 78,821 करोड़ रुपये (या 5 फीसदी) कम है। अग्रिम कर की चौथी किस्त अभी पूरी तरह नहीं आई है। ऐसे में इसकी पूरी संभावना है कि कुल कर संग्रह संशोधित अनुमान से अधिक रहेगा।’ अग्रिम कर संग्रह की अंतिम किस्त का भुगतान 15 मार्च तक करना था।
मामले के जानकार एक अन्य अधिकारी ने कहा कि केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये 20 मार्च को चालू वित्त वर्ष के लिए पूरे देश से प्राप्त कर संग्रह की समीक्षा कर सकता है।
आम तौर पर मार्च में कर संग्रह में उल्लेखनीय इजाफा होता है क्योंकि इस दौरान अंतिम तिमाही और वित्त वर्ष का समापन होता है। सरकार को उम्मीद है कि वह इस साल कर संग्रह के संशोधित अनुमान को हासिल कर लेगी।
ज्यादातर कंपनियां अपनी कुल कर देनदारी का भुगतान चौथी किस्त में करती हैं और पहले की किस्तों में कम कर भुगतान की भरपाई भी इस दौरान की जाती है जिससे राजस्व में इजाफा होने की उम्मीद है। इसके साथ ही बकाया कर मांग की वसूली के प्रयासों से भी राजस्व संग्रह बढ़ेगा।
अग्रिम कर भुगतान पूरे वित्त वर्ष के दौरान चार किस्तों में किया जाता है। अग्रिम कर को आर्थिक गतिविधियों का संकेतक भी माना जाता है। पहली किस्त में कुल कर के 15 फीसदी का भुगतान 15 जून तक, दूसरी किस्त 15 सितंबर तक (30 फीसदी), तीसरी किस्त 15 दिसंबर तक (30 फीसदी) और चौथी किस्त में शेष कर का भुगतान 15 मार्च तक करना होता है।
वित्त वर्ष 2023 के लिए प्रत्यक्ष कर संग्रह के अनुमान को बजट लक्ष्य 14.08 लाख करोड़ रुपये से 17 फीसदी बढ़ाकर 16.5 लाख करोड़ रुपये किया गया था। फरवरी में पेश आम बजट में 33.6 लाख करोड़ रुपये कर राजस्व मिलने का अनुमान लगाया गया था जो वित्त वर्ष 2023 के संशोधित कर संग्रह 30.4 लाख करोड़ रुपये से 10.4 फीसदी अधिक है।
वित्त वर्ष 2023-24 में कुल राजस्व प्राप्तियों में प्रत्यक्ष कर की हिस्सेदारी 18.23 लाख करोड़ रुपये रहने का अनुमान लगाया गया है, जिसमें 9.2 लाख करोड़ रुपये कॉर्पोरेट कर और 9 लाख करोड़ रुपये व्यक्तिगत आय कर शामिल है।
