निवेश एवं आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (डीपीआईआईटी) के सचिव अनुराग जैन ने सोमवार को कहा कि पीएम गति शक्ति पहल लॉजिस्टिक्स की लागत कम करने, दक्षता बढ़ाने और कारोबार क्षेत्रों को फायदा पहुंचाने में अहम भूमिका निभाएगी। उन्होंने कहा कि पीएम गति शक्ति पोर्टल पर जमीन, जंगल, खदान एवं मौजूदा ढांचागत सुविधाओं के बारे में 1,600 से भी अधिक तरह के आंकड़े उपलब्ध कराए गए हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 13 अक्टूबर, 2021 को विभिन्न ढांचागत माध्यमों के बीच तालमेल स्थापित कर लॉजिस्टिक सेवाओं को सुगम बनाने के लिए पीएम गति शक्ति पहल की शुरुआत की थी। इस पहल के तहत गठित नेटवर्क नियोजन समूह (एनपीजी) के जरिये 500 करोड़ रुपये से अधिक निवेश वाली सभी लॉजिस्टिक एवं संपर्क ढांचागत परियोजनाओं को क्रियान्वित किया जा रहा है।
दुनिया में बढ़ती सामाजिक असमानता की चुनौती से निपटने के लिए शून्य-उत्सर्जन की ओर बदलाव की प्रक्रिया समावेशी होनी चाहिए और इस क्षेत्र में भारत ने अनुकरणीय प्रगति की है और वैश्विक समुदाय को यह देखना चाहिए।
आईटीसी के चेयरमैन और प्रबंध निदेशक संजीव पुरी ने सोमवार को यह बात कही। यहां बिजनेस-20 (बी-20) की बैठक में अपने संबोधन के दौरान पुरी ने स्थायी भविष्य के लिए समग्र व्यवहार से समाधान निकालने के लिए जी-20 और वैश्विक समुदाय से सामूहिक प्रयास करने का आह्वान किया।
भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) द्वारा आयोजित बैठक में पुरी ने कहा, ‘तथ्य ये है कि दुनिया को शून्य उत्सर्जन अपनाना होगा, दुनिया को अधिक स्थायी और हरित भविष्य के लिए प्रयास करना होगा। हालांकि, हम सब जानते हैं कि यह प्रयास पर्याप्त नहीं हैं।’ उन्होंने कहा कि चुनौतियां हैं। नाजुक, वित्तीय और सामाजिक मुद्दे हैं जिन्हें प्रगति की रफ्तार बढ़ाने के लिए सुलझाना है।
