फ़िलिपो ग्रैंडी ने हाल ही में, पाकिस्तान की तीन दिन की यात्रा की है जिस दौरान उन्होंने वहाँ रहने वाले अफ़ग़ान लोगों के हालात के बारे में जानकारी हासिल की.
उन्होंने ख़ैबर पख़्तूनख़्वा प्रान्त में पेशावर और हरिपर का दौरा किया. वहाँ कुछ शहरी इलाक़ों और शरणार्थी गाँवों में रहने वाले अफ़ग़ान शरणार्थियों के साथ मुलाक़ातें कीं.
जिन अफ़ग़ान जन ने शरणार्थी उच्चायुक्त के साथ बातचीत की, उन्होंने अपनी स्थिति के बारे में चिन्ता भरा सन्देश साझा किया. मगर उन्होंने साथ ही, पाकिस्तान मे अपने मेज़बान समुदायों की बेहतरी की ख़ातिर और अधिक योगदान करने की मंशा भी ज़ाहिर की.
इन अफ़ग़ान शरणार्थियों ने कुछ इसी तरह की मंशा, अपने मूल देश अफ़ग़ानिस्तान की बेहतरी की ख़ातिर योगदान करने के लिए भी व्यक्त की.
फ़िलिपो ग्रैंडी ने पाकिस्तान की राजधानी इस्लामाबाद में, प्रधानमंत्री शहबाज़ शरीफ़, विदेश मंत्री मोहम्मद इसहाक़ दार, प्रदेशों व सीमान्त क्षेत्रों के लिए मंत्री आमिर मुक़ाम के अलावा, आन्तरिक सुरक्षा और विदेश मामलों के मंत्रालयों के कुछ वरिष्ठ अधिकारियों के साथ भी मुलाक़ात की.
यूएन शरणार्थी उच्चायुक्त फ़िलिपो ग्रैंडी ने, अफ़ग़ान शरणार्थियों के लिए पंजीकरण कार्ड योजना का समय पर विस्तार किए जाने का आहनवान किया. देश में रहने वाले लगभग 13 लाख अफ़ग़ान शरणार्थियों को ये पंजीकरण कार्ड जारी किए गए हैं, जिन्हें उनकी पहचान साबित करने के लिए, बहुत अहम दस्तावेज़ माना जाता है.
फ़िलिपो ग्रैंडी ने इस घटनाक्रम पर प्रसन्नता व्यक्त की कि “अवैध कहे जाने वाले विदेशी लोगों को वापिस भेजे जाने की योजना” को स्थगित कर दिया गया है. उन्होंने इस बारे में सरकार से आश्वासन भी मांगा कि इस योजना को स्थगित ही रखा जाएगा.
अवसर बढ़ाने की पुकार
शरणार्थी मामलों के उच्चायुक्त ने अन्तरराष्ट्रीय संरक्षण की ज़रूरतों वाले इन अफ़ग़ान शरणार्थियों के लिए, दरियादिली दिखाने की पाकिस्तानी परम्परा को जारी रखे जाने की पुकार भी लगाई.
फ़िलिपो ग्रैंडी ने कहा, “हमें समाधान की रफ़्तार और दायरा बढ़ाने के लिए, इस अवसर का फ़ायदा उठाना होगा, और पाकिस्तान मे रहने वाले अफ़ग़ान लोगों के लिए, एक विशाल और व्यापक दृष्टिकोण अपनाना होगा.”
उच्चायुक्त ने इस मुद्दे पर, इस वर्ष के अन्त में होने वाले संवाद की दिशा में काम करने की पेशकश की, जिसमें विभिन्न पक्ष शिरकत करेंगे, जिनमें सरकारी प्रतिनिधि, विकास हस्तियाँ, और निजी क्षेत्र के प्रतिनिधि शामिल होंगे.
इस संवाद में ऐसे समाधानों का पुलिन्दा विकसित किया जाएगा जिससे पाकिस्तान में रहने वाले अफ़ग़ान लोगों, व मेज़बान देश (पाकिस्तान) को भी फ़ायदा हो.
फ़िलिपो ग्रैंडी ने पाकिस्तान में रहने वाले अफ़ग़ान लोगों की स्वदेश वापसी के लिए अनुकूल हालात बनाने की ख़ातिर, प्रयास दोगुने करने का संकल्प व्यक्त किया है.