संयुक्त राष्ट्र के मानवाधिकार उच्चायुक्त कार्यालय –OHCHR ने बताया है कि इन हमलों में कम से कम 18 लोग मारे गए हैं. बहुत से अन्य लोग तीन मंज़िला उस इमारत के मलबे में दबे हो सकते हैं.
यूएन प्रमुख के प्रवक्ता स्तेफ़ान दुजैरिक ने मुख्यालय में नियमित प्रैस वार्ता में बताया कि ये मौतें, हिंसा में एक और वृद्धि को दर्शाती हैं.
यूएन महासचिव एंतोनियो गुटेरेश ने अन्तरराष्ट्रीय क़ानून का सख़्ती से पालन किए जाने का आहवान किया है.
प्रवक्ता ने कहा, “आम लोगों व नागरिक बुनियादी ढाँचे का हर समय संरक्षण किया जाना होगा.”
स्तेफ़ान दुजैरिक ने ध्यान दिलाया कि यूएन प्रमुख ने हिंसा के इस बढ़ते चक्र को रोकने और फ़लस्तीनी क्षेत्र पर इसराइली क़ब्ज़े को ख़त्म करने व दो राष्ट्र की स्थापना के समाधन की तरफ़ रुख़ करने के लिए तेज़ी से एकजुटता दिखाने का आहवान किया है.
इसराइली-फ़लस्तीनी टकराव का एक मात्र टिकाऊ समाधान, दो-राष्ट्रों की स्थापना ही है.
“हम जो रक्तपात देख रहे हैं, उसे रोका जाना होगा.”
संयुक्त राष्ट्र की टीमें और ग़ैर-सरकारी संगठन, नुक़सान व मानवीय ज़रूरतों का अनुमान लगाने के लिए, तुलकरेम इलाक़े की यात्रा करने की योजना बना रहे हैं.
घातक बल प्रयोग का व्यवस्थागत प्रयोग
संयुक्त राष्ट्र के मानवाधिकार कार्यालय – OHCHR ने भी इस इसराइली हमले की निन्दा करते हुए, पश्चिमी तट में, इसराइली बलों के घातक प्रयोग का एक और उदाहरण क़रार दिया है, जबकि इस तरह के बल प्रयोग की कोई आवश्यकता नहीं है, ये अनुपात से कहीं अधिक है और इसलिए ग़ैर-क़ानूनी है.
यूएन मानवाधिकार कार्यालय ने शुक्रवार को जारी एक वक्तव्य में कहा है, “लोगों से भरी एक पूरी इमारत को बिल्कुल ध्वस्त कर देना, इसराइल का अपनी ज़िम्मेदारियों के लिए खुली अवहेलना को दिखाता है.”
मानवाधिकार कार्यालय ने इसराइल से इस हमले की पूर्ण, त्वरित, स्वतंत्र और पारदर्शी जाँच कराए जाने और ज़िम्मेदारों को जवाबदेह ठहराए जाने का आहवान किया है.
वक्तव्य में कहा गया है कि यूएन मानवाधिकार कार्यालय को मिली सूचना के अनुसार, घटनास्थल पर कोई भी झगड़ा नहीं हो रहा था और ना ही कोई टकराव था.
इस हमले में मारे गए लोगों में अधिकतर निहत्थे थे और ना ही इसराइली बलों को उनकी तलाश थी. मारे गए लोगों में अधिकतर अपने घरों के भीतर थे या फिर कुछ रास्ते से गुज़र रहे थे.
इसराइली सेनाओं ने दावा किया है कि उन्होंने कुछ कथित आतंकवादियों के साथ-सात, एक स्थानीय हमास नेता को मार दिया है, जो कथित रूप से इसराइली बस्तियों पर हमले करने की योजना बना रहा था.
बहुत चिन्ताजनक चलन
यूएन मानवाधिकार कार्यालय के अनुसार, 7 अक्टूबर 2023 के बाद इसराइली बलों ने, पश्चिमी तट में 697 फ़लस्तीनियों को मारा है जिनमें 161 बच्चे और 12 महिलाएँ हैं. इनमें 186 लोगों की मौतें, इसराइल के हवाई हमलों में हुई हैं.
केवल तुलकरेम इलाक़ेम ही 174 फ़लस्तीनी मारे गए हैं, जिनमें हवाई हमलों में मारे गए 88 लोग भी हैं.
मानवाधिकार कार्यालय ने कहा है, “इस तरह की घटनाओं को, क़ानून लागू करने के एक उपात के रूप में, सामान्य नहीं बनने दिया जा सकता.”
ग़ाज़ा में स्कूलों पर हमले
इस बीच फ़लस्तीनी शरणार्थियों के लिए यूए सहायता एजेंसी – UNRWA ने शुक्रवार को बताया है कि पिछले दिनों के दौरान, ग़ाज़ा में उसके तीन स्कूलों पर इसराइली हमलों का निशाना बनाया गया है, जिनमें 20 लोगों के मारे जाने की ख़बरें हैं. इन स्कूलों में 20 हज़ार लोग पनाह लिए हुए हैं.
यूएन एजेंसी ने बताया कि 7 अक्टूबर को ग़ाज़ा युद्ध भड़कने के बाद से, उसके 140 स्कूलों पर हमले हुए हैं. एजेंसी ने ज़ोर देकर कहा है कि स्कूल कोई निशाना नहीं है और कोई भी पक्ष स्कूलों का प्रयोग, सैन्य उद्देश्यों के लिए नहीं कर सकता.
संयुक्त राष्ट्र बाल कोष – UNICEF के अनुमान के अनुसार, ग़ाज़ा में लगभग 87 प्रतिशत स्कूलों को या तो सीधे रूप में निशाना बनाया गया है या उन्हें नुक़सान पहुँचा है. इनमें UNRWA के एक तिहाई स्कूल भी शामिल हैं.