मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा अवैध कॉलोनियों को वैध करने की घोषणा के चंद दिनों के भीतर इन कॉलोनियों में परिसंपत्तियों के दाम तेजी से बढ़ने शुरू हो गए हैं। चौहान ने हाल ही में कहा कि दिसंबर 2022 तक निर्मित प्रदेश की सभी अवैध कॉलोनियों को वैध किया जाएगा। पहले यह समय सीमा 31 दिसंबर 2016 तक की थी जिसे अब बढ़ा दिया गया है।
अनुमान है कि सरकार के इस कदम से करीब 2,500 अतिरिक्त अवैध कॉलोनियों के रहवासियों को फायदा होगा। अधिकारियों के मुताबिक इस संबंध में बुनियादी ढांचा तैयार करने की व्यवस्था शुरू कर दी गई है। पानी और बिजली के अलावा इन कॉलोनियों को व्यवस्थित बनाने की अन्य सुविधाओं का भी ध्यान रखा जाएगा। नई व्यवस्था के तहत समाज के कमजोर तबकों से आने वाले लोगों को 20 फीसदी विकास शुल्क भी नहीं चुकाना होगा।
अवैध कॉलोनियों को नियमित करने के एक कार्यक्रम में चौहान ने कहा, ‘अवैध क्यों? क्या आपने इन घरों को अवैध कमाई से बनाया है? आपने ये घर अपने मेहनत के पैसों से खरीदे हैं। इसे अवैध क्यों कहा जा रहा है? इन्हें अवैध ठहराने का निर्णय अपने आप में अवैध है। मैं इसे समाप्त करता हूं।’
उन्होंने यह भी कि कहा कि अब अगर नई अवैध कॉलोनियां सामने आती हैं तो यह संबंधित अधिकारियों की जिम्मेदारी होगी। अधिकारियों को कड़ी निगरानी रखनी चाहिए कि ऐसा न हो वरना वे जवाबदेह होंगे।
अर्बन प्लानर और रिसर्चर मनोज सिंह मीक इस विषय पर अलग राय रखते हैं। वह कहते हैं, ‘सरकार रियायती दरों पर आवास उपलब्ध करा पाने में विफल रही है। यही कारण है कि अल्प आय वर्ग के खरीदार ऐसी संपत्तियां खरीदने पर विवश हैं। अनियोजित विकास के कारण उभरी कॉलानियों के कारण शहरों में अव्यवस्था बढ़ती है। नगरीय निकायों की वित्तीय स्थिति भी ऐसी नहीं है कि वे इस समस्या से निपट सकें। मुख्यमंत्री की ओर से ऐसा वक्तव्य निराश करता है क्योंकि यह तमाम तरह के अवैध कारोबारों को प्रोत्साहित करेगा। आश्चर्य नहीं कि कुछ ही दिनों में ऐसी संपत्तियों की कीमत दोगुनी होने की खबरें भी आने लगी हैं।
