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नए वित्त वर्ष में न हो पैसे की तंगी, फाइनेंशियल प्लानिंग करते समय इन 4 गलतियों से बचें

एक मशहूर कहावत है, “पेड़ लगाने का सबसे सही समय 20 साल पहले था। इसके बाद सबसे सही समय आज और अभी है।” वित्त वर्ष 2024-25 बस शुरू होने वाला है। ऐसे में यह आपकी फाइनेंशियल प्लानिंग के लिए भी एक नई शुरूआत का मौका हो सकता है। हम अपने वित्तीय लक्ष्यों तक पहुंचने के लिए खूब बजट प्लानिंग करते हैं, लेकिन कई बार सबसे अच्छी प्लानिंग भी फेल हो जाती है। फिजूलखर्ची या अधूरी जानकारी के साथ लिए गए वित्तीय फैसले हमें हमारे लक्ष्यों से भटका सकते हैं। आइए वित्त वर्ष 2024-25 में ऐसी गलतियों से बचने का संकल्प लें। यहां हम आपको कुछ ऐसे ही कॉमन मिस्टेक्स के बारे में बता रहे हैं, जिन्हें समझकर आप वित्तीय रूप से अधिक स्मार्ट बन सकते हैं-

1. अपने वित्तीय प्लानिंग की समीक्षा न करना

क्या आप बिना नक्शे या GPS के किसी लंबे सफर पर निकलते हैं? अगर आप ऐसा करेंगे तो आपका रास्ता भटकने का चांस ज्यादा रहेगा। ठीक यही चीज फाइनेंशियल प्लानिंग पर भी लागू होकी है। फाइनेंशियल प्लानिंग कोई एक बैठकी में करने वाली चीज नहीं है। इसकी लगातार समय-समय पर अपनी जरूरतों और हालातों को देखते हुए समीक्षा की जानी चाहिए। नए वित्त वर्ष की शुरुआत इस समीक्षा और उसके मुताबिक जरूरी एडजस्टमेंट करने के लिए सबसे सही समय है।

समीक्षा करते समय यह ध्यान दें कि क्या आपकी कमाई और खर्च में कुछ बदलाव आया है। अगर आया है तो फिर उसके मुताबिक अपनी रणनीति बदलें। यह भी देखें अबतक आपके शॉर्ट-टर्म और लॉन्ग-टर्म वित्तीय लक्ष्यों की दिशा में कैसे तरक्की हुई है और क्या इसमें बदलाव की जरूरत है। इसके अलावा अगर आपकी लाइफ में शादी, बच्चे या दूसरे बड़े लाइफ इवेंट आने वाले हैं तो आपको उसके अनुसार भी फाइनेंशियल प्लानिंग करें।

2. बिना किसी योजना के निवेश करना

बिना किसी स्पष्ट रणनीति के निवेश करने से न सिर्फ आपका मिलने वाला रिटर्न कम हो सकता है, बल्कि आप कई मौके भी खो सकते हैं। ऐसे में निवेश करने से पहले हमेशा एक रणनीति बनाएं। साथ ही शेयर, बॉन्ड, गोल्ड और रियल एस्सेट जैसे अलग-अलग जगहों पर निवेश करें। आपको किस एसेट क्लास में कितना निवेश करना चाहिए, यह आपने रिस्क लेने की क्षमता, लक्ष्य और समयसीमा पर निर्भर करता है। उदाहरण के लिए अगर आप 20 साल बाद रिटायरमेंट के लिए सेविंग करना चाह रहे हैं तो आप स्टॉक्स में अपना आवंटन बढ़ा सकते हैं। वहीं अगर आप 5 साल बाद अपने बच्चे के कॉलेज एजुकेशन पर होने वाले खर्च के लिए बता रहे हैं तो आपको स्टॉक्स में आवंटन कम रखना चाहिए।

3. बहुत ज्यादा छेड़छाड़

शेयर बाजार का रिटर्न शॉर्ट-टर्म में उतार-चढ़ाव भरा हो सकता है। लेकिन आंकड़े बताते हैं कि लंबे समय में, स्टॉक्स का प्रदर्शन बाकी एसेट्स क्लास से बेहतर रहता है। ऐसे में यह जरूरी है कि आप अपने लॉन्ग-टर्म पोर्टफोलियो को बहुत ज्यादा न छेड़े। कुछ स्थितियों में आपके पोर्टफोलियो में बदलाव करना जरूरी हो जाता है-

रीबैलेंसिंग- समय के साथ विभिन्न एसेट क्लास में आपके निवेश की वैल्यू में उतार-चढ़ाव आएगा। आदर्श तौर पर साल में एकबार आपको अपने पोर्टफोलियो को रिबैलेंस करना चाहिए।

जीवन में अहम बदलाव- शादी और बच्चों सहित कई ऐसे लाइफ इवेंट हैं, जिनके चलते आपको अपने फाइनेंशियल प्लानिंग में बदलाव करना पड़ता है।

निवेश का प्रदर्शन- अगर किसी इनवेस्टमेंट का प्रदर्शन लगातार खराब है और आपके लक्ष्यों से मेल नहीं खा रहा है, तो आपको उसका पुनर्मूल्यांकन करना चाहिए।

4. इंश्योरेंस की जरूरत को नजरअंदाज करना

जीवन हमेशा एक जैसा नहीं रह सकता है। ऐसे में बुरे समय से बचने के लिए आपको जीवन बीमा और स्वास्थ्य बीमा जरूर कराना चाहिए। अगर आपने पहले से बीमा कराया हुआ है, तो भी बीमा कवरेज की समय-समय पर समीक्षा करें। बीमा आपको मानसिक शांति के साथ जीवन जीने में मदद कर सकता है।

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