देश में सांस की बीमारियों के मामले बढ़ने के साथ ही राज्यों को एक बार फिर हाई अलर्ट कर दिया गया है।
जरा गौर करें: पिछले चार महीनों के दौरान कोविड-19 के मामले अपने उच्चतम स्तर पर पहुंच गए हैं। फरवरी के अंत में देश भर में कोविड-19 के मामले 200 से भी कम थे 16 मार्च तक बढ़कर 618 हो गए। मंत्रालय के आंकड़ों में शुक्रवार को 796 मामले दर्ज किए गए हैं। हालांकि मौत के आंकड़े अभी भी एक अंक में बरकरार है।
कम से कम पांच राज्यों में देश के बाकी हिस्सों की मुकाबले संक्रमण दर अधिक है। 15 मार्च को समाप्त सप्ताह के लिए राष्ट्रीय आंकड़ा 0.61 फीसदी था। गुजरात, महाराष्ट्र, तमिलनाडु, केरल और कर्नाटक में संक्रमण दर 1.1 से 2.8 फीसदी के दायरे में थी। केरल और कर्नाटक सूची में सबसे ऊपर हैं।
इसके अलावा देश भर में इन्फ्लूएंजा के मामले भी बढ़ रहे हैं। मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, जनवरी के पहले सप्ताह से इन्फ्लूएंजा के 583 मामले दर्ज किए गए, यानी रोजाना 9 मामले सामने आए हैं।
डॉक्टरों के यहां एक ही तरह की शिकायत के साथ मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। दिल्ली के प्राइमस सुपर स्पेशिएलिटी हॉस्पिटल के श्वास-रोग विशेषज्ञ अंबरीश जोशी ने कहा, ‘हमने हालिया सप्ताहों के दौरान वायरल मामलों में काफी वृद्धि देखी है।
पिछले महीने के मुकाबले मामले 90 फीसदी और केवल पिछले सप्ताह के दौरान मामले 85 फीसदी बढ़ गए हैं। रोजाना एक ही वायरस से पीड़ित 30 से 35 मरीज आ रहे हैं। हालांकि इनमें से कुछ मामले एच1एन1 या अन्य श्वसन वायरस के हैं लेकिन अधिकतर मामले एच3एन2 के हैं।’
मुंबई के डॉक्टरों का कहना है कि फ्लू जैसे लक्षण वाले मरीजों की संख्या में 100 से 150 फीसदी की वृद्धि हुई है।
पीडी हिंदुजा अस्पताल के सीओओ जॉय चक्रवर्ती ने बताया कि मुंबई में राज्य सरकार ने आगामी सप्ताहों के दौरान अस्पताल में बिस्तरों की मांग में किसी भी उछाल से निपटने के लिए तैयार रहने के लिए आगाह किया है।
तमिलनाडु ने सांस की बीमारियों से पीड़ित मरीजों के लिए 1,70,000 बेड तैयार रखे हैं। एच3एन2 एवं अन्य सांस की बीमारियों के बढ़ते मामलों के बीच पुदुच्चेरी सरकार ने बीमारी फैलने से रोकने के लिए 16 से 26 मार्च तक 11 दिनों के लिए स्कूल बंद कर दिए हैं।
सरकारी मशीनरी भी सक्रिय दिख रही है। केंद्र ने गुरुवार को गुजरात, महाराष्ट्र, तमिलनाडु, कर्नाटक, केरल, तेलंगाना सहित छह राज्यों को पत्र लिखकर कोविड-19 की संक्रमण दर में वृद्धि के प्रति आगाह किया है।
एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने कहा कि वैश्विक महामारी के बाद इन्फ्लूएंजा निगरानी प्रणाली काफी सक्रिय रही है और इसलिए मामलों में मामूली वृद्धि भी आसानी से पकड़ में आ जाती है।
केंद्र ने गुरुवार को जिन छह राज्यों को जांच, निगरानी, उपचार और टीकाकरण पर ध्यान केंद्रित करने के लिए चेताया था उनमें से चार (तमिलनाडु, कर्नाटक, केरल और तेलंगाना) दक्षिण भारत के राज्य हैं। इससे उस क्षेत्र में कोविड संक्रमण के मामलों में वृद्धि का संकेत मिलता है।
तमिलनाडु के निदेशक (सार्वजनिक स्वास्थ्य एवं निवारक दवा) टीएस सेल्वाविनयगम ने कहा, ‘हम कोविड एवं अन्य वायरस के मामले में कोई खतरनाक रुझान नहीं देख रहे हैं। राज्य पिछले दो वर्षों से हमेशा अलर्ट पर है और हम एकमात्र ऐसा राज्य हैं जो अभी भी दैनिक बुलेटिन जारी करते हैं जिसमें कोविड मामलों की संख्या बताई जाती है। हमारे पास 1,70,000 से अधिक बिस्तर हमेशा उपलब्ध हैं।’
हालांकि मंत्री ने लोगों को भीड़-भाड़ वाली जगहों से दूर रहने की सलाह दी है। महाराष्ट्र के स्वास्थ्य मंत्री तानाजी सावंत ने कहा, ‘राज्य में एच3एन2 वायरस का प्रकोप दिख रहा है लेकिन घबराने की जरूरत नहीं है। लोगों को भीड़-भाड़ वाली जगहों पर नहीं जाना चाहिए, मास्क पहनना चाहिए और शारीरिक दूरी बनाए रखनी चाहिए।’
भारत में एच3एन2 इन्फ्लूएंजा वायरस के मामलों में काफी वृद्धि दिख रही है। यह एक श्वसन तंत्र को संक्रमित करने वाला वायरस है जो चार तरह (ए, बी, सी और डी) के होते हैं। ये वायरस ऑर्थोमेक्सोविरिडे परिवार से संबंधित हैं। एच3एन2 प्रमुख वायरस रहा है और उसके बाद एच1एन1 आया है।
साल 2023 में 28 फरवरी तक एच1एन1 के कुल 955 मामले दर्ज किए गए हैं। इनमें से अधिकांश मामले तमिलनाडु के हैं जहां करीब 545 मामले सामने आए हैं।
उसके बाद महाराष्ट्र में 170, गुजरात में 74, केरल में 42 और पंजाब में 28 मामले दर्ज हुए। इस साल 9 मार्च तक प्रयोगशालाओं से पुष्टि किए गए विभिन्न इन्फ्लूएंजा वायरस के कुल 3,038 मामले दर्ज किए गए हैं जिनमें एच3एन2 वायरस के मामले भी शामिल हैं।
