सरकार ने देश में फास्टर एडॉप्शन ऐंड मैन्युफैक्चरिंग ऑफ (हाइब्रिड ऐंड) इलेक्ट्रिक व्हीकल्स (फेम-2) के तहत चरणबद्ध विनिर्माण कार्यक्रम (पीएमपी) के दिशानिर्देशों के उल्लंघन की जांच के दूसरे दौर में चार और मूल उपकरण विनिर्माताओं (ओईएम) को इन मानदंडों का उल्लंघन करते हुए पाया है।
सरकारी अधिकारियों ने बिजनेस स्टैंडर्ड को बताया कि ऑटोमोटिव रिसर्च एसोसिएशन ऑफ इंडिया (एआरएआई) ने चार कंपनियों – ग्रीव्स इलेक्ट्रिक मोबिलिटी (अतीत में एम्पीयर व्हीकल्स), बेनलिंग इंडिया एनर्जी ऐंड टेक्नोलॉजी, रिवॉल्ट इंटेलिकॉर्प और एएमओ मोबिलिटी को स्थानीयकरण के मानदंडों का उल्लंघन करते हुए पाया है।
एआरआई, जो भारी उद्योग मंत्रालय के तहत वैधानिक निकाय है, स्थानीय उपकरण उपयोग के मानदंडों की अनदेखी करने वाले ईवी विनिर्माताओं के संबंध में जांच कर रहा है। वरिष्ठ अधिकारियों ने कहा ‘हमें परीक्षण करने वाली एजेंसी से अंतिम रिपोर्ट मिल गई है। चूक करने फर्मों को हीरो इलेक्ट्रिक और ओकिनावा ऑटोटेक के समान कार्रवाई का सामना करना पड़ेगा।’
उन्होंने कहा कि चूक करने वाली फर्मों को एक सप्ताह की अवधि में नोटिस भेजे जाएंगे। भारी उद्योग मंत्रालय ने अपनी जांच के पहले दौर में हीरो इलेक्ट्रिक और ओकिनावा ऑटोटेक को कुल 249 करोड़ रुपये का वसूली नोटिस जारी किया था। इन दोनों कंपनियों को फेम 2 योजना से ‘अपंजीकृत’ भी किया गया था।
दूसरे दौर की जांच में विक्ट्री इलेक्ट्रिक व्हीकल्स इंटरनैशनल और जितेंद्र न्यू ईव टेक की ओर से कोई उल्लंघन नहीं पाया गया। मंत्रालय ने पिछले महीने काइनेटिक ग्रीन और ओकाया को क्लीन चिट दे दी थी।
