सिलिकॉन वैली बैंक (Silicon Valley Bank) के डूबने से पता चलता है कि विकसित देशों में ब्याज दरों के बढ़ाने वित्तीय स्थिरता पर खतरनाक प्रभाव पर पड़ रहा है। चीन के केंद्रीय बैंक (China Central Bank) ने शनिवार को मौजूदा बैंकिंग संकट पर अपनी पहली आधिकारिक टिप्पणी करते हुए ये बातें कहीं। पीपुल्स बैंक ऑफ चाइना के डिप्टी गवर्नर, जुआन चांगनेंग ने कहा कि कुछ संस्थान कम ब्याज दर के माहौल में संपत्ति खरीदने के आदी हो गए हैं और उनके पास ब्याज दरों में सख्ती के लिए दूरदर्शिता की कमी है।
उन्होंने कहा कि सिलिकॉन वैली बैंक की कमजोर बैलेंस-शीट ने इस तरह की बढ़ोतरी के प्रति अधिक संवेदनशील बना दिया, जो इसकी विफलता का कारण रहा। जुआन ने बीजिंग में आयोजित ग्लोबल एसेट मैनेजमेंट फोरम में ये बातें कहीं।
जुआन के अनुसार, महंगाई को रोकने के लिए ब्याज दर में की गई तेज बढ़ोतरी ने ग्लोबल इकोनॉमी के लिए नए जोखिम पैदा कर दिए हैं। विकसित देशों में महंगाई को लेकर अभी भी अनिश्चितता की स्थिति है और इस बीच उच्च दरों के चलते वित्तीय स्थिरता के लिए जोखिम भी बढ़ गया। जुआन ने कहा कि इसके चलते केंद्रीय बैंकों को अब अपने मॉनिटरी पॉलिसी से जुड़े फैसले लेने में “संकट” का सामना करना पड़ता है।
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इस महीने अमेरिका के सिलिकॉन वैली बैंक (SVB) के अचानक डूबने की खबर ने ग्लोबल फाइनेंशियल मार्केट को हिलाकर रख दिया था। अमेरिकी बैंक के चीन स्थित ज्वाइंट वेंचर ने भी बयान जारी स्थानीय ग्राहकों को शांत करने की कोशिश की और कहा कि उसका कारोबार पूरी तरह स्वतंत्र और स्थिर है।
ओकट्री कैपिटल ग्रुप के को-फाउंडर हॉवर्ड मार्क्स ने कहा कि सिलिकॉन वैली बैंक और दूसरे अमेरिकी क्षेत्रीय बैंकों के फेल होने के मामले ‘लगभग एक ही तरह’ के हैं और इसका फिलहाल अमेरिकी इकोनॉमी पर कोई संस्थागत असर पड़ने की उम्मीद नहीं है। उन्होंने कहा, “मुझे 2008 के ग्लोबल संकट से कोई समानता नहीं दिख रही है।”

