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ग़ाज़ा में 9 महीनों के युद्ध के बाद, एक अन्य यूएन स्कूल पर इसराइली हमला

ग़ाज़ा में 9 महीनों के युद्ध के बाद, एक अन्य यूएन स्कूल पर इसराइली हमला

फ़लस्तीनी शरणार्थियों के लिए यूएन सहायता एजेंसी – UNRWA के मुखिया फ़िलिपे लज़ारिनी ने कहा है, “एक और दिन. एक अन्य महीना. एक और स्कूल पर हमला.”

नूसीरात में संयुक्त राष्ट्र द्वारा संचालित इस स्कूल को, शनिवार को इसराइली सेनाओं ने निशाना बनाया.

UNRWA के महाआयुक्त फ़िलिपे लज़ारिनी ने बताया कि उस स्कूल में लगभग 2,000 लोग पनाह लिए हुए थे, जो ग़ाज़ा में अन्य स्थानों पर युद्धक गतिविधियों से जान बचाने के लिए विस्थापित होकर यहाँ आए थे. 

इसराइल के इस हमले में अनेक लोगों के हताहत होने की ख़बरें हैं.

ये घटनाक्रम ऐसे समय में हुआ है जब युद्धविराम और बन्धकों की रिहाई के बारे में बातचीत, आगामी कुछ दिनों के भीतर फिर से शुरू होने की सम्भावना है. 

इस बारे में अतीत में हुए अनेक प्रयास बेनतीजा रहे हैं, जबकि दोनों पक्षों पर प्रभाव रखने वाले सदस्य देशों की तरफ़ से बनाया गया लगातार अन्तरराष्ट्रीय दबाव भी नाकाम रहा है.

लेबनान-इसराइली सीमा पर नज़रें

ग़ाज़ा के स्वास्थ्य अधिकारियों के अनुसार, इस युद्ध में अभी तक 38 हज़ार से अधिक लोग मारे जा चुके हैं. UNRWA के अनुसार, उसके आश्रय स्थलों पर हमलों में भी कम से कम 520 लोग मारे गए हैं और 1,602 लोग घायल हुए हैं.

संयुक्त राष्ट्र की आपदा राहत समन्वय एजेंसी – OCHA ने स्थिति की नवीन जानकारी में बताया है कि ग़ाज़ा में इस युद्ध के कारण, लगभग 19 लाख लोग अपने स्थानों से बेदख़ल हुए हैं, जिनमें बहुत से लोगों को तो 9 या 10 बार विस्थापित होना पड़ा है.

इस युद्ध को तत्काल ख़त्म करने के प्रयास इन ख़बरों के बीच हो रहे हैं कि लेबनान और इसराइल की सीमा पर लगभग हर रोज़ गोलीबारी हो रही है. इस सीमा रेखा को ब्लू लाइन कहा जाता है और इसकी निगरानी संयुक्त राष्ट्र करता है.

इसमें लेबनान में स्थित हिज़बुल्लाह संगठन और इसराइल के बीच यह गोलीबारी हो रही है. हिज़बुल्लाह को हमास का समर्थक माना जाता है.

रविवार को, लेबनान स्थित एक गुट ने, इसराइल के क़ब्ज़े वाली गोलान पहाड़ियों में माउंट हरमॉन पर एक कथित ड्रोन हमला करने का दावा स्वीकार किया था. हिज़बुल्लाह ने कहा है कि वो अपने अभियान तभी रोकेगा जब ग़ाज़ा में युद्ध ख़त्म हो जाएगा.

…जारी…

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