यूएन महासचिव एंतोनियो गुटेरेश ने, शुक्रवार को न्यूयॉर्क में पत्रकारों के साथ बातचीत में कहा कि वो सभी पक्षों से बिल्कुल इसी समय इस तरह के आश्वासन देने की अपील करते हैं जिनमें पोलियो वैक्सीन अभियान के लिए, युद्धक गतिविधियों में मानवीय ठहराव की गारंटियाँ दी जाएँ.”
एंतोनियो गुटेरेश ने कहा, “आइए, हम बेबाक बात करें. पोलियो से निपटने के लिए असल वैक्सीन शान्ति और तुरन्त लागू होने वाला युद्धविराम है. मगर किसी भी परिस्थिति में, एक पोलियो युद्ध ठहराव आवश्यक है.”
उन्होंने कहा कि हर तरफ़ युद्ध का विध्वंस जारी रहते हुए पोलियो वैक्सीन की ख़ुराकें पिलाना असम्भव है. “पोलियो राजनीति से भी परे है. पोलियो इन्तेज़ार नहीं करता है. पोलियो देशों के बीच की सीमा रेखाओं को भी नहीं पहचानता.”
“इसलिए हमारी यह ज़िम्मेदारी है कि हम लोगों से लड़ाई करने के बजाय, एकजुट होकर पोलियो के ख़िलाफ़ लड़ाई लड़ें.”
महासचिव एंतोनियो गुटेरेश ग़ाज़ा की स्थिति को एक ऐसी मानवीय त्रासदी क़रार दिया जिसमें इनसानों को गेंद की तरह लुढ़काया जा रहा है.
“हर दिन लगता है कि ग़ाज़ा में फ़लस्तीनी लोगों के लिए हालात और बदतर नहीं हो सकते, मगर तकलीफ़ें बढ़ती ही जा रही हैं और दुनिया मूकदर्शक बनी हुई है.”
हाल के सप्ताहों में ग़ाज़ा के ख़ान यूनिस और दियर अल-बलाह इलाक़ों में पोलियो वायरस की मौजूदगी के नमूने पाए गए थे, जिसका मतलब है कि यह बीमारी ग़ाज़ा पट्टी में घूम रही है और लाखों बच्चों के लिए जोखिम उत्पन्न कर रही है.
ग़ौरतलब है कि पोलियो की बीमारी बच्चों को अपंग बना सकती है.
पोलियो वैक्सीन अभियान
संयुक्त राष्ट्र अगस्त महीने के अन्त में पोलियो वैक्सीन अभियान शुरू करने के लिए तैयार है, जिसके तहत दो चरणों में, 10 वर्ष तक की उम्र के लगभग छह लाख 40 हज़ार बच्चों को वैक्सीन पिलाई जाएगी.
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने पहले ही पोलियो वैक्सीन की 16 लाख ख़ुराकों को स्वीकृति दे दी है और यूनीसेफ़ भी इन ख़ुराकों की आपूर्ति के प्रयासों में समन्वय कर रहा है.
इस बीच, ग़ाज़ा में सबसे बड़ी प्राथमिक सेवाएँ मुहैया कराने वाली एजेंसी – UNRWA की चिकित्सा टीमें भी, बच्चों को पोलियो वैक्सीन की ख़ुराकें पिलाने के लिए पूरी तरह मुस्तैद है.