विश्व

ग़ाज़ा में पूर्ण युद्धविराम की पुकार, यूएन प्रमुख ने ‘जातीय सफ़ाए’ को किया ख़ारिज

ग़ाज़ा में पूर्ण युद्धविराम की पुकार, यूएन प्रमुख ने ‘जातीय सफ़ाए’ को किया ख़ारिज

यूएन के शीर्षतम अधिकारी ने फ़लस्तीनी लोगों के अपरिहार्य अधिकारों (inalienable rights) के मुद्दे पर यूएन समिति के नवीनतम सत्र के दौरान यह बात कही है. एक नए ब्यूरो के निर्वाचन और इस वर्ष के लिए कामकाज कार्यक्रम को पारित करने के लिए समिति की बैठक हुई है.

हाल ही में संयुक्त राज्य अमेरिका के राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रम्प ने कहा था कि अमेरिका, ग़ाज़ा पट्टी को अपने नियंत्रण में ले सकता है. उन्होंने वहाँ रह रही फ़लस्तीनी आबादी से ग़ाज़ा छोड़कर जाने के लिए भी कहा था.

बुधवार को समिति की बैठक से पहले, यूएन मुख्यालय में पत्रकारों ने महासचिव के प्रवक्ता स्तेफ़ान दुजैरिक से पूछा कि क्या अमेरिकी राष्ट्रपति की इस योजना को जातीय सफ़ाए की श्रेणी में रखा जा सकता है.

यूएन प्रवक्ता ने इसके जवाब में कहा कि लोगों का किसी भी तरह से जबरन विस्थापन, जातीय सफ़ाए के समान है.

अधिकारों पर जोखिम

महासचिव गुटेरेश ने कहा कि फ़लस्तीनी लोगों के अपरिहार्य अधिकारों से मंतव्य है, उन्हें अपनी भूमि पर आमजन की तरह रहने का अधिकार.

“हमने देखा है कि इन अधिकारों को साकार कर पाना हमारी पहुँच से दूर होता जा रहा है. हमने एक पूरी आबादी को सुन्न कर देने वाले, व्यवस्थागत ढंग से अमानवीयकरण और दुष्टता के रूप में पेश किए जाने को देखा है.”

यूएन प्रमुख ने दोहराया कि 7 अक्टूबर को इसराइल पर हमास द्वारा किए गए हमलों को किसी भी प्रकार से न्यायसंगत नहीं ठहराया जा सकता है. और जिस तरह से ग़ाज़ा में पिछले कई महीनों से जो कुछ घटित हुआ है, वो किसी भी तरह से न्यायोचित नहीं है.

“क़रीब 50 हज़ार लोगों की जान गई है, जिनमें से 70 फ़ीसदी महिलाएँ व बच्चे हैं. ग़ाज़ा का अधिकाँश नागरिक बुनियादी ढाँचा —अस्पताल, स्कूल, जल केन्द्र— ध्वस्त हो चुका है.”

उन्होंने क्षोभ जताया कि ग़ाज़ा में अधिकाँश आबादी बार-बार विस्थापन का शिकार हुई है और भूख व बीमारियों की चपेट में है. “एक पीढ़ी बेघर हो चुकी है और गहरे सदमे में है.”

पूर्ण युद्धविराम की पुकार

यूएन प्रमुख ने मिस्र, क़तर, अमेरिका की मध्यस्थता में इसराइल और हमास के बीच युद्धविराम और बन्धकों को रिहा किए जाने पर हुए समझौते का स्वागत किया. उन्होंने सचेत किया कि अब आगामी क़दमों के बारे में स्पष्टता से सोचा जाना होगा.

पहला, हमें एक स्थाई युद्धविराम के लिए अपने प्रयास जारी रखने होंगे और सभी बन्धकों को बिना देरी किए रिहा करना होगा. “हम और अधिक संख्या में मौतों और विध्वंस की ओर नहीं लौट सकते हैं.”

महासचिव गुटेरेश ने कहा कि ज़रूरतमन्द फ़लस्तीनियों की आवश्यकताओं को पूरा करने और उन तक सहायता पहुँचाने के लिए संयुक्त राष्ट्र निरन्तर प्रयासरत है, जिसके लिए सुरक्षित, बाधारहित मानवीय राहत मार्ग मुहैया कराया जाना होगा.

इस क्रम में, उन्होंने अन्तरराष्ट्रीय समुदाय, सदस्य देशों, दानदाताओं से मानवीय सहायता अभियान में अपना योगदान देने की अपील की है, ताकि तात्कालिक आवश्यकताओं को पूरा किया जा सके.

‘जातीय सफ़ाए से बचना होगा’

यूएन प्रमुख ने ज़ोर देकर कहा कि फ़लस्तीनी शरणार्थियों के लिए यूएन एजेंसी, UNRWA का कार्य बेहद अहम है और सदस्य देशों द्वारा उसके लिए समर्थन सुनिश्चित किया जाना होगा. दूसरा, हमें समाधान की तलाश में समस्या को और बिगड़ने से रोकना होगा.

“अन्तरराष्ट्रीय क़ानून की आधारशिला को वास्तविक मायनों में अपनाए रखना महत्वपूर्ण है. यह ज़रूरी है कि किसी भी प्रकार के जातीय सफ़ाए से बचा जाए.”

तीसरा, दो-राष्ट्र समाधान को फिर से मज़बूती दी जानी होगी, ताकि एक सम्प्रभु फ़लस्तीनी राष्ट्र, इसराइल के साथ, शान्ति व सुरक्षा में रह सके, जोकि मध्य पूर्व में स्थिरता के नज़रिये से अहम होगा.

इसके लिए यह ज़रूरी है कि क़ब्ज़े का अन्त किया जाए और एक स्वतंत्र फ़लस्तीन राष्ट्र की स्थापना को समर्थन दिया जाए, जिसका ग़ाज़ा पट्टी एक अहम हिस्सा होगा.

क़ाबिज़ पश्चिमी तट में हिंसा

यूएन प्रमुख ने कहा कि ग़ाज़ा पट्टी से इतरह, क़ाबिज़ पश्चिमी तट में हालात बिगड़ते जा रहे हैं और इसराइली बस्तियों के बाशिन्दों द्वारा हिंसा समेत अन्य उल्लंघन मामलों को अंजाम दिया गया है. “इस हिंसा को तुरन्त रोका जाना होगा.”

अन्तरराष्ट्रीय न्यायालय द्वारा यह पहले स्पष्ट किया जा चुका है कि फ़लस्तीनी क्षेत्र में इसराइली क़ब्ज़े का अन्त किया जाना होगा. “अन्तरराष्ट्रीय क़ानून का सम्मान करना होगा और जवाबदेही सुनिश्चित की जानी होगी.”

उन्होंने ज़ोर देकर कहा कि क़ाबिज़ फ़लस्तीनी इलाक़े की एकता, अखंडता, समीपता को सहेज कर रखा जाना होगा और ग़ाज़ा में पुनर्बहाली व पुननिर्माण प्रक्रिया का ख़याल रखना होगा.

महासचिव ने भरोसा दिलाया कि संयुक्त राष्ट्र, शान्ति, स्थिरता व फ़लस्तीनी लोगों के अपरिहार्य अधिकारों को साकार करने के लिए पूर्ण रूप प्रतिबद्ध है.

Source link

Most Popular

To Top